शारीरिक मजबूती व मानसिक शांति के लिए रोज करें वीरभद्रासन
वीरभद्रासन (1) व वोरियर पोज शरीर को शक्ति और दृढ़ता देने वाला योग है।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : वीरभद्रासन (1) व वोरियर पोज शरीर को शक्ति और दृढ़ता देने वाला योग हैं। इस आसन से न सिर्फ आपकी बीमारियां दूर होती हैं बल्कि इससे आप में आत्मविश्वास भी बढ़ता है। इसके अलावा इससे शरीर में रक्त संचार भी अच्छे से होता है। वीरभद्रासन का नाम भगवान शिव के एक जन्म अवतार वीरभद्र से पड़ा। वीरभद्रासन को करने की तीन विधियां होती, लेकिन आप चाहें तो इसमें से किसी भी एक विधि को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बना सकते हैं। वीरभद्रासन (1) को शुरुआत में करने में थोड़ी दिक्कत आती है, क्योंकि पैरों को बैलेंस करना थोड़ा मुश्किल होता है, लेकिन नियमित अभ्यास से आप इसे आराम से कर सकते हैं। वीरभद्रासन (1) को करने की प्रकिया
वीरभद्रासन (1) की दूसरी मुद्रा करने के लिए अपने पैरो को 3-4 फुट की दूरी पर फैला कर सीधे खड़े हो जाएं। अपने दाएं पैर को 90 डिग्री और बाएं पैर को 15 डिग्री तक मोड़े और दाहिनी एड़ी-बाया पैर के सीध में रखें। इसके बाद अपने दोनों हाथों को कंधों तक ऊपर उठाएं और हथेलियों को आसमान की तरफ खुली छोड़ दें। इस बात का ध्यान रखें कि आपका घुटना टखने से आगे न जाएं। अब आप अपने सिर को घुमाएं और अपनी दाहिनी ओर देखें। आसन में स्थिर होने के बाद हाथों को योद्धा की तरह खीचें। इसे करते वक्त आपको अपने चेहरे पर तनाव नहीं आने देना है। कुछ देर इस स्थिति में रहने के बाद सामान्य मुद्रा में आ जाए, फिर वपरीत दिशा में भी ऐसे ही करें। वीरभद्रासन (1) के फायदे
-हाथ, पैर और कमर को मजबूती प्रदान करता है।
-शरीर में संतुलन बढ़ाता है, सहनशीलता बढ़ती है।
-बैठकर कार्य करने वालों के लिए अत्यंत लाभदायक है।
-कंधों के जकड़न में अत्यंत प्रभावशाली है।
-कंधों के तनाव में तुरंत मुक्त करता है।
-मानसिक शांति प्रदान करता है।