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दृष्टिहीनों को वैज्ञानिकों का उपहार: शब्दों को बोलकर सुनाएगा यह उपकऱण, इंटरनेट कनेक्शन भी जरूरी नहीं

मोबाइल के आकार के उपकरण को जेब में आसानी से रखा जा सकता है। व्यावसायिक उत्पादन की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। कुछ माह के भीतर बाजार में होगा।

By Edited By: Published: Mon, 10 Feb 2020 09:03 PM (IST)Updated: Tue, 11 Feb 2020 01:04 PM (IST)
दृष्टिहीनों को वैज्ञानिकों का उपहार: शब्दों को बोलकर सुनाएगा यह उपकऱण, इंटरनेट कनेक्शन भी जरूरी नहीं
दृष्टिहीनों को वैज्ञानिकों का उपहार: शब्दों को बोलकर सुनाएगा यह उपकऱण, इंटरनेट कनेक्शन भी जरूरी नहीं

चंडीगढ़ [डॉ. सुमित सिंह श्योराण]। केंद्रीय वैज्ञानिक उपकरण संगठन (सीएसआइओ) चंडीगढ़ के वैज्ञानिकों ने दिव्यनयन नामक उपकरण तैयार किया है, जो विशेषरूप से दृष्टिहीनों के लिए बेहद मददगार साबित होगा। भारतीय भाषाओं की किताब या अखबार को स्कैन कर लिखे को बोलकर सुनाएगा। इसके लिए इंटरनेट कनेक्शन भी जरूरी नहीं है। मोबाइल के आकार के उपकरण को जेब में आसानी से रखा जा सकता है। व्यावसायिक उत्पादन की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। कुछ माह के भीतर बाजार में होगा। कीमत आठ से 10 हजार रुपये के बीच होगी।

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तीन साल की कड़ी मेहनत से बनाए गए उपकरण 'दिव्यनयन' की सबसे बड़ी खूबी यही है कि इसके इस्तेमाल के लिए इंटरनेट की कोई जरूरत नहीं पड़ती है। आजकल ऐसे अनेक मोबाइल एप मौजूद हैं, जो टेक्स्ट-टू-स्पीच तकनीक में दक्ष हैं, लेकिन इनके लिए इंटरनेट कनेक्शन जरूरी होता है। वहीं, टचस्क्रीन मोबाइल का इस्तेमाल करना भी दृष्टिहीन के लिए कठिन काम है। जबकि बटन के जरिये आसानी से संचालित किए जा सकने वाले इस खास उपकरण का इस्तेमाल दृष्टिहीन कभी भी और कहीं भी बड़ी आसानी से कर सकते हैं। पन्ने के ऊपर रखकर बटन दबाते ही लिखे को स्कैन कर लेता है और फिर सब कुछ बोलकर सुनाता है।

अशिक्षित लोगों और नई भाषा पढ़ने में भी करेगा मदद

अखबार या किताब के पन्नों को किसी भी दिशा से सही तरीके से स्कैन करता है और नौ प्वाइंट तक फॉन्ट साइज वाली अक्षर आकृति को भी आसानी से स्कैन करता है। वैसे तो इसे खास तौर से दृष्टिहीनों को ध्यान में रखकर बनाया है, लेकिन उपकरण का लाभ अशिक्षित या अंग्रेजी जैसी भाषा को नहीं जानने वाले लोग भी उठा सकेंगे। मंगलवार को सीएसआइओ दिव्यनयन तकनीक को सेंट्रल इलेक्ट्रॉनिक लिमिटेड फरीदाबाद को हस्तांतरित करेगी, जो इस उपकरण तैयार कर अगले कुछ महीनों में इसे बाजार में उतारेगी। यह बाजार में इलेक्ट्रॉनिक व अन्य दुकानों पर आसानी से उपलब्ध होगा।

इतनी है कीमत

सीएसआइओ के सीनियर साइंटिस्ट डॉ. एसएस सैनी ने बताया कि यह मल्टीपल उपकरण अखबार से लेकर किसी भी किताब को चंद सेकंड में स्कैन कर उसे रेलवे उद्घोषक की तरह मधुर आवाज में सुनाने लगेगा। उपकरण की कीमत आठ से 10 हजार के बीच होगी। लगातार 50 पन्ने तक स्कैन किए जा सकते हैं। सात भाषाओं में किया गया है तैयार दिव्यनयन को सीएसआइओ साइंटिस्ट डॉ. एचएस सरदाना ने आशीष गौरव, सिद्धार्थ सरकार और रूबल के सहयोग से तैयार किया है। यह उपकरण अंग्रेजी, हिंदी, पंजाबी, बंगाली, तमिल, कन्नड़, तेलुगू आदि सात भाषाओं में दक्ष है।

भविष्य में इसे अन्य स्थानीय भाषाओं में भी तैयार किया जाएगा। उपकरण को इंटरनेट से भी कनेक्ट किया जा सकता है और ऑनलाइन समाचार व इंटरनेट पर मौजूद अन्य सामग्री को सुना जा सकता है। भविष्य में इसके फीचर को और अपग्रेड करने पर फोकस किया जाएगा। इससे दृष्टिहीनों के साथ ही निरक्षर भी ज्ञानव‌र्द्धन कर सकेंगे।

-डॉ. सुरेंद्र सिंह सैनी, हेड बिजनेस इनोवेटिव एंड प्रोजेक्ट प्लानिंग सीएसआइओ, चंडीगढ़

उपकरण की खासित

-वजन 600 ग्राम।

-मोबाइल की तरह जेब में ले जा सकते हैं।

-एक बार चार्ज करने पर 50 पेज स्कैन करेगा।

-10 हजार पेज स्टोरेज की सुविधा है।

-बिना इंटरनेट भी काम करेगा।

-इंटरनेट से कनेक्ट किया जा सकता है।

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