Move to Jagran APP

सुलझ गई शिअद-भाजपा की पेंच, अमित शाह व सुखबीर की मुलाकात के बाद खत्‍म हुई दूरी

शिरोमणि अकाली दल और भाजपा के रिश्ते में आई दूरी समाप्‍त हो गई है। भाजपा अध्‍यक्ष अमित शाह से सुखबीर बादल की मुलाकात के बाद दोनों दलों की तनातनी समाप्‍त हुई है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Sat, 02 Feb 2019 09:31 PM (IST)Updated: Sun, 03 Feb 2019 08:52 PM (IST)
सुलझ गई शिअद-भाजपा की पेंच, अमित शाह व सुखबीर की मुलाकात के बाद खत्‍म हुई दूरी

चंडीगढ़, [ इन्‍द्रप्रीत सिंह]। शिरोमणि अकाली दल और भारतीय जनता पार्टी के संबंधों में पैदा खटास समाप्‍त हो गई है। भाजपा ने कुछ मुद्दों पर शिअद के गुस्से के बाद इन्‍हें दूर करने की पहल की है और इसके बाद दोनों दलों के बीच आई दूरी भी फिलहाल खत्‍म हो गई है। बताया जाता है कि भाजपा के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष अमित शाह और शिरोमणि अकाली दल के प्रधान सुखबीर बादल के बीच दिल्ली में हुई मुलाकात के बाद दाेनों दलों के बीच आया गतिरोध दूर हुआ है। अब शिअद की कोर कमेटी पूरे मामले पर विचार के लिए आज बैठक करेगी।

loksabha election banner

अमित शाह व सुखबीर बादल के बीच हुई दो घंटे तक बैठक, नाराजगी वाले मुद्दों को दूर करने का फैसला

अति विश्‍वसनीय सूत्रों के अनुसार अमित शाह और सुखबीर बादल की बैठक शुक्रवार रात नई दिल्‍ली में हुई। बताया जाता है कि उनकी बैठक रात साढ़े सात बजे से लेकर साढ़े नौ बजे तक चली। आखिरकार वे इस नतीजे पर पहुंचे की शिरोमणि अकाली दल को जिन मुद्दों को लेकर भारतीय जनता पार्टी से नाराजगी है वे दूर कर लिए जाएंगे।  फैसला किया गया कि दोनों पार्टियों के सीनियर नेताओं को एक साथ बैठा कर लंबित मुद्दों पर बात की जाएगी और इसे संसदीय चुनाव से पहले हल कर लिया जाएगा।

शिअद अकाली दल कोर कमेटी की हाेगी मीटिंग

उधर, शिरोमणि अकाली दल ने पार्टी की कोर कमेटी की मीटिंग आज चंडीगढ़ में बुलाई है। बैठक में पार्टी प्रधान सुखबीर बादल कोर कमेटी के सामने अमित शाह के साथ हुई मीटिंग के बारे में जानकारी देंगे। पार्टी के मुख्य प्रवक्ता और उपप्रधान डॉ दलजीत सिंह चीमा ने अमित शाह और सुखबीर बादल की मीटिंग की पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि मीटिंग में क्या हुआ इसके बारे में सुखबीर बादल कोर कमेटी की बैठक में बताएंगे।

राष्ट्रीय सिख संगत के हस्तक्षेप से नाराज हैं अकाली

शिरोमणि अकाली दल तख्त श्री हजूर साहब के प्रबंधकीय बोर्ड में प्रधान पद को लेकर महाराष्ट्र सरकार द्वारा किए गए संशोधन से नाराज है। इस संशोधन के अनुसार प्रधान का चयन बोर्ड के सदस्य न करके महाराष्‍ट्र सरकार करेगी। याद रहे कि  2016 में फणडवीस सरकार ने 1956 के एक्ट में संशोधन करके प्रधान चुनने का अधिकार सरकार के पास ले लिया। इससे पहले 17 सदस्यीय बोर्ड ही अपने प्रधान का चयन करता था जिसमें विभिन्न राज्यों से एक एक प्रतिनिधि इसमें सदस्य है।

श्री हजूर साहिब प्रबंधकीय बोर्ड में संशोधन हो सकता है वापस
अब माना जा रहा है कि जल्द ही महाराष्ट्र सरकार द्वारा श्री हजूर साहब प्रबंधकीय बोर्ड में यह संशोधन को वापस ले लिया जाएगा। काबिले गौर है कि इस मामले में आरएसएस की संस्था राष्ट्रीय सिख संगत हस्तक्षेप कर रही थी। इससे शिरोमणि अकाली दल में खासी नाराजगी थी। दोनों पार्टियों के नेताओं ने इस मामले में एक दूसरे से बात भी करनी चाही। लेकिन,बताया जाता है कि भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रधान अमित शाह द्वारा अकाली नेताओं को समय नहीं दिए जाने के कारण उनमें नाराजगी और बढ़ गई। इस बात को लेकर शिअद के कुछ नेताओं ने राजग से संबंध तोड़ने तक का बयान दे दिया।  इतना ही नहीं मोदी सरकार द्वारा पेश किए गए बजट पर भी शिअद ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। यही नहीं पार्टी ने 3 फरवरी को श्री आनंदपुर साहब में अपनी कोर कमेटी की मीटिंग भी बुला ली जिसमें संबंधों को बनाए रखने संबंधी फैसला किया जाना था। 

सिख मतदाताओं की नाराजगी का डर

इससे पहले कि यह मीटिंग होती भाजपा के प्रधान अमित शाह ने शिरोमणि अकाली दल के प्रधान सुखबीर बादल को बातचीत के लिए बुलावा भेज दिया और दिल्ली में दोनों नेताओं के बीच बातचीत हुई।  भाजपा को इस बात की थी आशंका थी कि अगर अकाली दल नाराज होता है तो इससे सिख वोटर पर खासा असर होगा । पंजाब के अलावा दिल्ली, राजस्थान, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में काफी संख्‍या में सिख हैं, जिन्हें भाजपा नाराज नहीं करना चाहती।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.