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चंडीगढ़ के केबी डीएवी स्कूल में कोरोना पर चर्चा, स्टूडेंट्स को दी गई कोविड और ब्लैक फंगस से बचाव की जानकारी

चंडीगढ़ के सेक्टर-7 स्थित केबी डीएवी स्कूल में कोरोना पर चर्चा का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में पहली से बारहवीं कक्षा के सभी स्टूडेंट्स को शामिल किया गया और कोरोना के कारणों और लक्षणों पर चर्चा की गई। स्टूडेंट्स को कोरोना ब्लैक और व्हाइट फंगस से बचाव की जानकारी दी।

By Ankesh ThakurEdited By: Published: Sat, 22 May 2021 04:29 PM (IST)Updated: Sat, 22 May 2021 04:29 PM (IST)
चंडीगढ़ के केबी डीएवी स्कूल में कोरोना पर चर्चा, स्टूडेंट्स को दी गई कोविड और ब्लैक फंगस से बचाव की जानकारी
चंडीगढ़ के सेक्टर-7 स्थित केबी डीएवी स्कूल में कोरोना पर चर्चा कार्यक्रम में शामिल स्टूडेंट्स और टीचर्स।

चंडीगढ़, जेएनएन। कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर की चर्चा तेज होती जा रही है। ऐसे में जरूरी है कि हमारे बच्चे कोरोना के हर पहलू के प्रति जागरूक हों और वह इससे बचाव के हर नियम का पालन करें। इसी सोच के साथ चंडीगढ़ के सेक्टर-7 स्थित केबी डीएवी स्कूल में कोरोना पर चर्चा का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में पहली से बारहवीं कक्षा के सभी स्टूडेंट्स को शामिल किया गया और कोरोना के कारणों और लक्षणों पर चर्चा की गई।

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स्टूडेंट्स को कोरोना की पहली, दूसरी लहर के साथ सामने आई ब्लैक और व्हाइट फंगस बीमारी के बारे में भी जानकारी दी गई। जिसमें स्टूडेंट्स को बताया गया कि कोरोना बचाव से सबसे बेहतर साधन मास्क है। जिसे ठीक तरीके से लगाना जरूरी है। कई बार हम नाक को ढक लेते हैं और मुंह को खुला छोड़ देते हैं। इसी प्रकार से कई बार हम मुंह को ढकते हैं और नाक को खुला छोड़ देते हैं। इससे कोरोना संक्रमण आसानी से शरीर में प्रवेश कर जाता है और हमें परेशानी का सामना करना पड़ता है। ऐसे में स्टूडेंट्स को बताया गया कि मास्क सही ढंग से पहनना है और सेनिटाइजर का समय-समय पर इस्तेमाल करना है। सेनिटाइजर के अलावा हमें कपड़ों का भी विशेष ध्यान रखना है ताकि संक्रमण कपड़ों के जरिये हम तक न पहुंच सके। 

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चर्चा के दौरान स्कूल प्रिंसिपल पूजा प्रकाश ने कहा कि इन दिनों स्कूलों में गर्मियों की छुट्टियां चल रही हैं। जिसमें ऑनलाइन पढ़ाई के बजाय हाेम वर्क ही स्टूडेंट्स को करना होता है। ऐसे में फ्री समय ज्यादा होता है। स्टूडेंट्स दोस्तों के साथ खेलने की कोशिश करते हैं और पार्कों से लेकर गलियां तक घूमते हैं। वह माता-पिता के कहने के बावजूद घर में नहीं रुकना चाहते। जो कि पूरी तरह से गलत है। कोरोना घातक बीमारी है। इस समय ब्लैक और व्हाइट फंगस की बीमारी भी परेशानी पैदा कर रही है। जो कि कोरोना से ठीक हुए इंसान को अपनी चपेट में ले रही है। इससे आंखों में दिखना बंद हो रहा है। ऐसे में स्टूडेंट्स को हमेशा अभिभावकों की बातों काे मानना चाहिए और हमेशा कोरोना से बचने का प्रयास करना चाहिए। यदि घर में किसी को कोरोना संक्रमण हो जाता है तो उससे दूरी बनाकर रखनी जरूरी है।


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