Punjab के सीएम अमरिंदर पर बड़ा हमला, बाजवा ने कहा- मानसिक संतुलन खो चुके हैं कैप्टन
पंजाब कांग्रेस में कलह और बढ़ गई है। कांग्रेस सांसद प्रताप सिंह बाजवा ने सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह पर बड़ा हमला किया है। उन्हाेंने कहा कि कैप्टन मानसिक संतुलन खो चुके हैं।
चंडीगढ़, जेएनएन/एएनआइ। पंजाब कांग्रेस में कैप्टन अमरिंदर सिंह पर पार्टी के राज्यसभा सदस्य प्रताप सिंह बाजवा की तकरार व तनातनी और बढ़ गइ है। इसके पंजाब कांग्रेस में कलह और बढ़ गई है। पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और सांसद बाजवा ने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर पर वीरवार को फिर जुबानी हमले किए। उन्हाेंने यहां तक कह दिया कि कैप्टन अमरिंदर सिंह ने अपना मानसिक संतुलन खो चुके हैं।
बाजवा ने कहा कि कैप्टन अमरिंदर सिंह जहरीली शराब से राज्य में 123 लोगों के मारे जाने के मुद्दे पर घिरने के बाद बौखला गए हैं। उन्होंने अपनी पुलिस सुरक्षा वापस लेने के लिए कैप्टन अमरिंदर सिंह व पंजाब के डीजीपी दिनकर गुप्ता पर निशाना साधा।
अपनी पुलिस सुरक्षा वापस लेने पर कैप्टन अमरिंदर व डीजीपी पर कियश हमला
बता दें कि प्रताप सिंह बाजवा और कांग्रेस के पंजाब से अन्य राज्यसभा सदस्य शमशेर सिंह दूलों ने पिछले कुछ दिनों से कैप्टन अमरिंदर सिंह के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। वे पंजाब के तीन जिलों तरनतारन, अमृतसर और गुरदासपुर के बटाला में जहरीली शराब पीने से 123 लोगों की मौत के बाद से कैप्टन अमरिंदर पर हमले कर रहे हैं। दोनों कांग्रेस सांसद कैप्टन अमरिंदर सिंह की जगह किसी अन्य को पंजाब का मुख्यमंत्री बनाने की कांग्रेस आलाकमान से मांग कर रहे हैं।
जहरीली शराब मामले पर कांग्रेस सांसद दूलों के साथ कैप्टन अमरिेंदर पर निशाना साध रहे हैं बाजवा
दोनों सांसदों ने जहरीली शराब के मुद्दे पर कैप्टन के खिलाफ राज्यपाल को भी ज्ञापन दिया था। इसके बाद पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने दोनों नेताओं को पार्टी से निकालने की सिफारिश का पत्र कांग्रेस की अध्यक्ष सोनिया गांधी को भेज दी। इसके बाद बाजवा और दूलों ने जाखड़ को भी निशाने पर ले लिया। पिछले दिनों बाजवा ने कहा था कि कैप्टन अमरिंदर के खिलाफ पंजाब के 90 फीसद कांग्रेस विधायक हैं और कैप्टन को हटाकर नया मुख्यमंत्री नहीं बनाया गया तो पंजाब में कांग्रेस का गेमओवर हो जाएगा।
इसके बाद वीरवार को एक बार फिर बाजवा ने कैप्टन अमरिंदर सिंह पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि सीएम कैप्टन अमरिेंदर ने अपना मानसिक संतुलन खो दिया है। वह मुख्यमंत्री पद पर रहने लायक नहीं रह गए हैं। पंजाब के तीन जिलाें में जहरीली शराब पीने से करीब 123 लोगों के मारे जाने के मामले में विपक्ष के साथ कांग्रेस नेताओं ने भी कैप्टन पर सवाल उठाए हैं। इससे वह बौखलाट में हैं। वह पचा नहीं पा रहे हैं कि कैसे उनकी पार्टी के ही सांसद इस पर सवाल उठा रहे हैं। इसी बौखलाहट में उन्होंने मेरी पुलिस सुरक्षा वापस ले ली।
बाजवा ने कहा, मैंने कैप्टन अमरिंदर को विभिन्न मुद्दों पर पत्र लिखा। इस पर कैप्टन ने कहा कि वह (बाजवा) उनकी सरकार के कार्य के बारे मेें पूछने वाले कौन हैं और बाजवा ने बताएं कि सरकार कैसे चलानी है। मैं तो सांसद हूं, पंजाब के हरेक जनता को राज्य के मुख्यमंत्री से सवाल पूछने व मुद्दा उठाने का हक है।' बाजवा ने कहा, कैप्टन अमरिेंदर सिंह वस्तुत: खुद को महाराजा समझ रहे हैं और उसके तरह व्यवहार कर रहे हैं।
कहा- जहरीली शराब मामले की सीबीआइ या ईडी से कराई जाए जांच
बाजवा ने कहा, दो साल पहले अमृतसर में दशहरा के दिन रेल हादसा हुआ था। इसमें करीब 60 लोग मारे गए थे। इसकी जांच के लिए एसआइटी बनाई गई, लेकिन इसको लेकर कुछ नहीं हुआ। इसी तरह बटाला मे पटाखा फैक्टरी में धमाका हुआ और इसके बाद भी एसआइटी बनाई गई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।
बाजवा ने कहा, 'अब जहरीली शराब मामले में भी आपने (केैप्टन अमरिंदर सिंह) एसआइटी बनाई है। कैप्टन के पास गृह विभाग और आबकारी विभाग है। ऐसे में सवाल उठता है कि जालंधर के डिवीजनल कमिश्नर इस मामले की कैसी जांच करेंगे? हम इसकी जांच ईडी या सीबीआइ से कराने की मांग कर रहे हैं।'
बाजवा ने कहा, मैंने बस जहरीली शराब मामले करी गहराई से जांच की मांग को लेकर राज्यपाल से मुलाकात की थी। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने इसे मेरा अपराध माना है। हमने राज्यपाल को जहरीली शराब मामले की जांच ईडी या सीबीआइ से कराने के लिए ज्ञापन दिया। इतने से ही कैैप्अन अमरिंदर ने अपना मानसिक संतुलन खो दिया। इसके बाद उनकी ऐसी हालत हो गई कि मेरी पुलिस सुरक्षा वापस ले ली।
बाजवा ने कहा- अमरिंदर लोकतांत्रिक तरीके से चुन सीएम हैं, खुद को महाराज पटियाला न समझें
प्रताप सिंह बाजवा ने कहा, मैं कैप्टन अमरिंदर सिंह को बताना चाहता हूं कि यदि उनको लोकतंत्र में विश्वास है तो जान लें कि आप लोकतांत्रिक तरीके से चुने गए मुख्यमंत्री हैं, न कि पटियाला के महाराजा।' बाजवा ने कहा कि सुरक्षा वापस लेने के बाद अब मेरे साथ कोई हादसा हुआ तो इसके लिए पंजाब के मुख्यमंत्री और डीजीपी जिम्मेदार होंगे।
बाजवा ने कहा कि कैप्टन अमरिंदर सिंह जिस पार्टी की सरकार में मुख्यमंत्री हैं मैं भी उसका सांसद हूं और यह संवैधानिक पद है। उन्होंने कहा ' मेरे पिता कट्टरपंथियों से लड़ते हुए 1987 में शहीद हो गए।1990 मेें मुझे निशाना बनाकर बड़ा कार धमाका किया गया। मेरे बड़े भाई कारगिल युद्ध के नायकोें में शामिल हैं। मुझे 1980 से पुलिस सुरक्षा मिली हुई है और यह सुरक्षा कारणों से मिली हुई है न कि सियासी रुतबे के कारण। किसी नागरिक की सुरक्षा को खतरा होने पर उसकी सुरक्षा की जिम्मेदारी सरकार और प्रशासनकी होती है।
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