पंजाब सीएम अमरिंदर बोले- सीधे पेमेंट का केंद्र का निर्देश किसानों को भड़काने वाला कदम
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने किसानों की फसलों का भुगतान सीधे किसानों के बैंक खातों में करने के केंद्र सरकार के निर्देश देने की आलोचना की है। कैप्टन ने कहा कि इस तरह का निर्देश किसानों का भड़काने वाला कदम है।
चंडीगढ़, जेएनएन। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने केंद्र द्वारा आढ़तियों के बजाए के फसलाें की खरीद का भुगतान सीधे किसानों के बैंक खातों में करने के केंद्र सरकार के निर्देश की आलोचना की है। उन्होंने इस प्रस्ताव को किसानों को भड़काने वाला कदम बताया है। अमरिंदर ने पंजाब के बजट को किसान और गरीब हितैषी बताया। उन्होंने कहा कि एफसीआइ की तरफ से किसानों को ई -भुगतान के द्वारा सीधी अदायगी के लिए जमीन रिकार्ड मांगने से स्थिति बद से बदतर होगी।
कहा- केंद्र की किसानों के प्रति बेरुखी से नहीं होगा मसला हल
उन्होंने कहा कि पंजाब में 1967 से जांची-परखी व्यवस्था चल रही है जहां किसान आढ़तियों के द्वारा अदायगी लेते हैं, जिनके साथ उनका बहुत पक्का रिश्ता है और वह कठिन समय में आढ़तियों से ही वित्तीय सहायता लेते हैं। उन्होंने कहा, 'किसान संकट की घड़ी में कार्पोरेट घरानों पर कैसे निर्भर रह सकता है।'
कैप्टन ने स्पष्ट किया कि पंजाब कृषि सुधारों बारे बातचीत में शुरुआती दौर में शामिल नहीं था। उनके द्वारा केंद्र को पत्र लिखे जाने के बाद ही उच्च स्तरीय समिति में पंजाब को शामिल किया गया। इसके बाद मनप्रीत सिंह बादल और कृषि सचिव केएस पन्नू ने दो मी¨टगों में हिस्सा लिया लेकिन वहां आर्डिनेंस या नए कानूनों का कोई जिक्र नहीं हुआ।
कहा, राज्यपाल राज्य सरकार का संशोधन बिल राष्ट्रपति को भेजें
एक सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्यपाल को खेती कानूनों के खिलाफ राज्य के संशोधन बिलों के बारे तुरंत फैसला लेकर इसको आगे राष्ट्रपति के पास भेजना चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि राष्ट्रपति स्वीकार करते हैं तो अच्छा है और यदि वह रद्द करते हैं तो हमारे लिए कानूनी लड़ाई लड़ने के लिए दरवाजे खुल जाएंगे।
कोविड-19 मामलों में हाल ही में हुई वृद्धि के कारण दोबारा लाकडाउन लगाए जाने संबंधी सवाल पूछे जाने पर मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर ने कहा कि मैं इस बारे में अभी कुछ नहीं कह सकता परंतु मुझे आशा है कि हम इस पर नियंत्रण पाने के योग्य हैं। इसी दौरान उन्होंने कहा कि लोगों को एहतियात के तौर पर सुरक्षा नियमों का सख्ती के साथ पालन करना चाहिए।
आइपीएल के आगामी सीजन के लिए पीसीए स्टेडियम मोहाली को मेजबानों की सूची में से बाहर किए जाने के सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि वह पहले ही ट्वीट के द्वारा अपना विरोध जता चुके हैं। अगर मुंबई में 10000 केस प्रति दिन आने के बावजूद वहां मैच करवाए जा सकते हैं तो मोहाली को क्यों नजरंदाज किया गया। अगले प्रांतीय विधानसभा चुनाव-2022 उनकी लीडरशिप में लड़ने के बारे पूछे जाने पर मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बारे में फैसला करना अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष सोनिया गांधी का एकमात्र विशेषाधिकार है।
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