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डिनर इन द डार्क : घने अंधेरे में दृष्टिहीनों की सहायता से होगा डिनर

तुरंत रोशनी उपलब्ध होने के बाद ही डिनर दोबारा शुरू हो पाता है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 13 Feb 2020 09:33 PM (IST)Updated: Thu, 13 Feb 2020 09:33 PM (IST)
डिनर इन द डार्क : घने अंधेरे में दृष्टिहीनों की सहायता से होगा डिनर
डिनर इन द डार्क : घने अंधेरे में दृष्टिहीनों की सहायता से होगा डिनर

बलवान करिवाल, चंडीगढ़ : सोचिए अगर आप डिनर कर रहे हैं और बीच में बिजली चली जाए और घना अंधेरा छा जाए तो एक निवाला भी हलक तक पहुंचना कितना मुश्किल है। तुरंत रोशनी उपलब्ध होने के बाद ही डिनर दोबारा शुरू हो पाता है। लेकिन जिनकी जिदगी में यह रोशनी है ही नहीं, उनके बारे में सोचेंगे तो शायद मुश्किल को समझ पाएंगे। ऐसे दृष्टिहीन बच्चों की एजुकेशन और वेलफेयर के लिए वित्तीय सहायता करने वाले लोगों का आभार जताने के लिए यह थैंक्यू रोटरी डिनर इन द डार्क रखा गया है। 15 मार्च को चंडीगढ़ के होटल ताज में यह डिनर दिया जा रहा है। बहादुरी के लिए मिसाल कायम कर चुकी अशोक चक्र विजेता चंडीगढ़ की बेटी नीरजा भनोट के भाई अनीश भनोट यह डिनर आयोजित कर रहे हैं। यह सिर्फ एक डिनर नहीं है बल्कि ब्लाइंड लोगों की मुश्किल को करीब से समझने का अवसर भी है। हाथ भी न दिखे..इतने अंधेरे में होगा डिनर

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इस डिनर में सभी को टेबल पर बैठाने के बाद लाइट को बंद कर दिया जाएगा। अंधेरा इतना होगा कि अपना हाथ तक दिखाई नहीं देगा। लेकिन डिनर इसी अंधेरे में करना होगा। इसमें मेहमानों की मदद दृष्टिहीन ही करेंगे। व्यक्ति छू कर, टेस्ट कर या खुशबू लेकर भी पहचान कर सकते हैं। इतना ही नहीं, टेबल पर वेज और नॉनवेज दोनों तरह की डिश उपलब्ध रहेंगी। टेबल पर वेज और नॉनवेज दोनों तरह के खाने वाले होंगे। अब इस मुश्किल में दृष्टिहीन व्यक्ति ही अपनी दिव्य दृष्टि से खाने में मदद करेंगे। वह लोगों को गाइड करेंगे और बताएंगे कि किसने क्या और कहां से खाना है। दृष्टिहीन लोगों की टीम ही थ्री कोर्स डिनर सर्व करेगी। ब्लाइंड स्टूडेंट्स की हायर एजुकेशन के लिए वित्तीय सहयोग देने वाले लोगों के लिए यह डिनर आयोजित किया जा रहा है। स्कॉलरशिप के तौर पर अभी तक छह लाख रुपये दिए जा चुके हैं। यह जिदगी में एक बार मिलने वाला अनुभव है। ब्लाइंड स्टूडेंट्स की मदद के साथ भगवान की नेमत आंखों की अहमियत समझाने का भी यह एक प्रयास है। कौन सा फोन आपके पास है, किस ब्रांड के कपड़े पहने हैं और कौन सी कार है, ऐसी सभी चिता से मुक्त रहने का अवसर भी देता है।

-अनीश भनोट, आयोजक, रोटरी डिनर इन द डार्क ब्लाइंड के पास दिव्य दृष्टि होती है। लेकिन संसाधनों की कमी उसके सपनों की उड़ान में बाधा बन जाती है। इस तरह के प्रयास से मनोबल बढ़ता है, साथ ही वित्तीय संकट की वजह से उच्च शिक्षा लेने की बाधा दूर हो जाती है।

-जेएस जायरा, प्रिसिपल, इंस्टीट्यूट फॉर द ब्लाइंड, चंडीगढ़


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