जूते पॉलिश करते हुए भी नहीं हारी हिम्मत.. मां ने कला को रखा जिंदा : सनी हिंदुस्तानी
गायक सनी हिंदुस्तानी इंडियन आइडल -11 के फाइनल में पहुंच चुके हैं और इससे पहले ही उन्हें फिल्म बॉडी फिल्म में एक गीत मिल चुका है।
चंडीगढ़ [शंकर सिंह]। वो भी दिन थे। जब मैं जूते पॉलिश करता था। आज उन दिनों को याद करता हूं, तो केवल एक ही शख्स का शुक्रियाअदा करता हूं। वो है मेरी मां। जिन्होंने सारे संघर्ष के बावजूद मुझ में कला को जिंदा रखा। मैं शायद आज यहां नहीं होता, अगर मेरी मां नहीं होती। जितना भी प्यार लोगों से मिला है यो जो भी मैं आज बना हूं, वो मां की वजह से है। गायक सनी हिंदुस्तानी इंडियन आइडल -11 के फाइनल में पहुंच चुके हैं, और इससे पहले ही उन्हें फिल्म बॉडी फिल्म में एक गीत मिल चुका है। भटिंडा के सनी ने फोन के जरिए अपनी इस खुशी को साझा किया।
बचपन में ही अपने गीत से रुला चुका हूं कई लोगों को
सनी ने अपनी प्रस्तुति में नुसरत फतह अली खान की कव्वाली गाकर शो के जजेस नेहा कक्कड़ और विशाल ददलानी को रुला दिया था। सनी बोले कि ये मेरे लिए आश्चर्यजनक है। मगर मैं ये नहीं जानता कि मेरी गायकी से लोगों की आखों में अश्क क्यों आ जाते हैं। मुझे याद है कि जब बचपन में ऐसे ही मुझे किसी के आगे गाने को मौका मिला था। मैंने सूफी नगमा पेश किया। वो शख्स थोड़ी देर सुनने के बाद आंसू लिए, मेरे पास आया और मुझे गले से लगा दिया। मुझे हैरानी हुई, मगर तब ये एहसास नहीं था कि शायद गायकी में ऐसा जादू होता है कि हम किसी के अंदर तक प्रवेश कर सकें।
मां के लिए अच्छी जिंदगी बनाना चाहता हूं
शो के बाद सनी पूरे भारत में हिट हो चुके हैं, बोले कि मेरे लिए ये गर्व की बात है। जब शो में आया था तो इतना नहीं सोचा था। मगर धीरे-धीरे लोगों का ऐसा प्यार मिला कि मैं अभी तक हैरान हूं। मगर सबसे पहली चीज जो मैं इसके बाद करने वाला हूं, वो अपनी मां को एक बेहतर जीवन देने की है। उन्होंने हर मुसीबत को सह कर मुझे यहां तक पहुंचाया है। मेरे बाकी सपने एक तरफ और अपनी मां को बेहतर जीवन देना एक तरफ रहेगा। हालांकि मेरा सपना एक प्लेबैक सिंगर बनने का है, उम्मीद नहीं थी कि शो से पहले ही मुझे ये मौका मिल जाएगा। मेरा मन है कि मैं सलमान, शाहरुख, आमिर और अपने पसंदीदा अभिनेता संजय दत्त के लिए गाऊं। साथ ही मैं हर उस व्यक्ति को एक ही बात कहना चाहता हूं कि भगवान ने आपके लिए बहुत कुछ बनाया है, आप अपनी सोच के अनुसार उसे बड़ा करें, न की सीमित सोच के साथ उसे तबाह कर दें।