GST बकाया पर ढींडसा का पलटवार, कहा- जाखड़ धमकी देने के बजाय CM से पूछें उनकी Performance
GST क्षतिपूर्ति के बकाया पर दिए सुनील जाखड़ बयान को लेकर पूर्व वित्तमंत्री परमिंदर सिंह ढींडसा ने जाखड़ से अपने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की Performance पूछने को कहा है।
जेेेेेेेएनएन, चंडीगढ़। GST क्षतिपूर्ति के बकाया 4100 करोड़ रुपये की राशि लंबित होने को लेकर कांग्रेस प्रधान सुनील जाखड़ के दिल्ली में धरना देने के बयान से तिलमिलाए पूर्व वित्तमंत्री परमिंदर सिंह ढींडसा ने जाखड़ से अपने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की Performance पूछने को कहा है। उन्होंने कहा कि पिछले तीन सालों से राज्य की अपनी आमदनी लगातार गिरती जा रही है और इसका ठीकरा केंद्र सरकार पर फोड़कर कैप्टन सरकार अपनी जिम्मेवारी से भाग नहीं सकती।
ढींडसा यहां मीडिया कर्मियों से बात कर रहे थे। उन्होंने कहा कि यह ठीक है कि केंद्र सरकार को GST की क्षति पूर्ति की लंबित राशि राज्य सरकार को देनी चाहिए, लेकिन क्या राज्य सरकार इस क्षतिपूर्ति के रहमोकरम पर चल रही है? उन्होंने कहा कि मुझे हैरानी है कि सुनील जाखड़ केंद्र के खिलाफ धरना देने की बात कर रहे हैं, पर क्या नैतिक तौर पर उन्हें यह शोभा देता है, जबकि उनकी अपनी सरकार की Performance जीरो है। GST से मिलने वाली Tax की राशि VAT से भी कम होती जा रही है। इसमें कहां कमियां हैं क्या उन्होंने इसके बारे में अपने मुख्यमंत्री से पूछा है।
परमिंदर ढींडसा GST लागू होने वाली चर्चा में हिस्सा ले चुके हैं। उन्होंने बताया कि 2016 में सभी राज्य 13 फीसद की औसत से Growth कर रहे थे। इसके बावजूद केंद्र सरकार ने हमें 14 फीसद Growth पांच साल तक देने पर सहमति दे दी, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि राज्य अपना रेवेन्यू बढ़ाने के लिए कोई काम न करें, अपना खर्च करने के लिए कोई योजनाएं तैयार न करें।
उन्होंने कहा कि Taxation and Excise महकमा मुख्यमंत्री के पास है क्या जाखड़ साहिब उनसे पूछेंगे कि उनके महकमे में चोरी रोकने के लिए उन्होंने क्या कदम उठाए गए हैं? Revenue duty क्यों कम हो रही है? क्या इसका जवाब जाखड़ साहिब के पास है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार का अपना Non tax revenue भी होता है उसमें मात्र 14 फीसद ही पैसा आया है, जबकि आधा साल बीत चुका है।
ढ़ाई साल लगानी पड़ेगी Financial emergency
पूर्व वित्तमंत्री ने आशंका जताई कि यदि यही हालात रहे तो ढ़ाई साल बाद Financial emergency लगानी पड़ सकती है। उन्होंने कहा कि Financial emergency लगाने बातें तो अभी से ही शुरू हो गई हैं। उन्होंने बताया कि दो साल बाद केंद्र से मिलने वाली GST क्षतिपूर्ति राशि बंद हो जाएगी और हम पहले से ही 12 हजार करोड़ रुपये के रेवेन्यू घाटे में है, जो दो साल बाद 20 हजार करोड़ तक पहुंच जाएगा। ऐसे में सरकार कैसे चलेगी, मुझे यही सोचकर चिंता हो रही है। एक पूर्व वित्तमंत्री के इस आर्थिक स्थिति के क्या समाधान हो सकते हैं, के सवाल पर ढींडसा ने कहा कि पुलिस में भर्ती ज्यादा है, जबकि शिक्षा और स्वास्थ्य विभागों में कर्मचारियों की कमी है। इसके अलावा खर्चों में कमी करनी होगी।
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