बरगाड़ी बेअदबी मामले के लिए डेरा प्रेमी जिम्मेदार, जांच आयोग के प्रमुख रहे जस्टिस रंजीत सिंह ने की किताब रिलीज
बरगाड़ी बेअदबी मामले की जांच के लिए बनाए गए आयोग के प्रमुख जस्टिस रंजीत सिंह ने आज अपनी किताब रिलीज की। उन्होंने दावा किया कि श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी के पीछे डेरा प्रेमियों का हाथ था।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। बरगाड़ी में हुई श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी की घटनाओं की जांच के लिए बनाए गए आयोग के प्रमुख जस्टिस रंजीत सिंह ने बुधवार को अपनी किताब रिलीज की। उन्होंने दावा किया कि श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी की घटनाओं के लिए डेरा प्रेमी जिम्मेदार थे, जबकि कोटकपूरा गोलीकांड के लिए तत्कालीन डीजीपी और मुख्यमंत्री जिम्मेदार हैं। उन्होंने कहा कि इस तरह के कई तथ्य उनकी जांच में सामने आए थे जिसे उन्होंने अपनी किताब में भी शामिल किया है।
2015 में श्री गुरु ग्रंथ साहिब की हुई बेअदबी का मामला एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है। पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की ओर से 2015 में बेअदबी की घटनाओं और इसका विरोध कर रहे सिखों पर कोटकपूरा में चलाई गई गोलियों की घटनाओं आदि को लेकर हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज रंजीत सिंह की अगुवाई में आयोग बनाया था। आयोग के प्रमुख ने अपनी रिपोर्ट और रिपोर्ट के अलावा कई और साक्ष्यों को लेकर एक किताब द सेक्रिलेज लिखी है, जिसे आज उन्होंने हाई कोर्ट के तीन अन्य पूर्व जजों की उपस्थिति में रिलीज किया।
जब रंजीत सिंह से पूछा गया कि बेअदबी कांड पर आपने एक विस्तृत रिपोर्ट पहले से ही सरकार को सौंप दी है, अब इस किताब को लिखने की जरूरत क्यों पड़ी? उन्होंने कहा कि 2015 में हुई इन गंभीर घटनाओं की जांच के लिए 2017 में कांग्रेस सरकार ने मेरी अगुवाई में एक जांच आयोग बनाया था। हमने एक साल की जांच करके रिपोर्ट सरकार को सौंप दी जो विधानसभा के पटल पर रखी गई लेकिन यह रिपोर्ट जनता तक नहीं पहुंची। इसलिए किताब लिखने के बारे में सोचा।
यह पूछे जाने पर कि आपने एक साल लगाकर जांच की है, आप इसके लिए किन लोगों को जिम्मेदार मानते हैं? रंजीत सिंह ने कहा कि इस मामले के दो पहलू हैं। एक बुर्ज जवाहर सिंह के गुरुद्वारा साहिब से गुरु ग्रंथ साहिब की बीड़ का चोरी होना और उसके अंग फाड़ना, दूसरा इस घटना का विरोध कर रहे लोगों पर गोली चलाना। मैंने अपनी जांच में जुटाए गए साक्ष्यों से पाया है कि बेअदबी की घटनाओं के लिए डेरा प्रेमी और कोटकपूरा गोलीकांड के लिए तब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल और डीजीपी सुमेध सिंह सैणी जिम्मेदार थे।
रंजीत सिंह ने कहा कि उनकी किताब में सब कुछ विस्तार से बताया गया है। डीजीपी सुमेध सिंह सैणी ने हमें लिखित एफिडेविट में दिया हुआ है और डीसी फरीदकोट ने भी हमें कहा है कि कोटकपूरा कांड से पूर्व वाली देर रात को डीजीपी और सीएम के बीच बात हुई जिसमें उन्होंने कहा कि आप घबराएं नहीं, एक घंटे में शहर खाली करवाकर आपको कुंजियां सौंप दूंगा। हालांकि हमने इस बारे में प्रकाश सिंह बादल से भी पूछने के लिए उन्हें तलब किया था लेकिन उन्होंने कहा कि हमें आयोग पर भरोसा नहीं है।
जब रंजीत सिंह से पूछा गया कि क्या उनकी रिपोर्ट के आधार पर गठित की गई एसआइटी की रिपोर्ट हाई कोर्ट में टिक पाई। उन्होंने कहा, मैंने अपनी जांच मुकम्मल करके रिपोर्ट सरकार को सौंप दी। मैंने एसआइटी की जांच पर कोई ध्यान नहीं दिया, इसलिए मेरा उनकी रिपोर्ट पर टिप्पणी करना नहीं बनता। बेअदबी मामले में इंसाफ न मिल पाने पर उन्होंने कहा कि उन्होंने अपनी किताब में इस बारे में विस्तार से लिखा है। 2015-17 तक अकाली भाजपा सरकार और 2017-22 तक कांग्रेस सरकार रही, लेकिन जांच रिपोर्ट पर कोई ध्यान नहीं दिया गया। हाई कोर्ट ने एक एसआइटी की जांच रद कर दी अब दूसरी एसआईटी आ गई जो पिछले कई महीनों से जांच कर रही है। मुझे समझ नहीं आता कि जांच कितनी देर चलेगी।