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दिल्ली पैटर्न फार्मूले से चंडीगढ़ के 60 हजार अलॉटियों को मिलेगी राहत, CHB बोर्ड मीटिंग में आ रहा यह एजेंडा

आठ सितंबर को होने वाली बोर्ड की मीटिंग में इस बार यही मुख्य एजेंडा लाया जा रहा है। अधिकारी इस पैटर्न को बोर्ड के सामने रखेंगे। उसके बाद राहत किस तरह से दी जाए इस पर अंतिम निर्णय बोर्ड ही लेगा।

By Ankesh ThakurEdited By: Published: Mon, 23 Aug 2021 09:45 AM (IST)Updated: Mon, 23 Aug 2021 09:45 AM (IST)
बोर्ड की मीटिंग आठ सितंबर को होगी। फाइल फोटो

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। चंडीगढ़ हाउसिंग बोर्ड (सीएचबी) के रेजिडेंट्स ने परिवार बढ़ने पर मकानों में जरूरत अनुसार बदलाव कर लिए। लेकिन यह बदलाव अब उनकी जिंदगी के लिए नासूर बन गए हैं। लाखों रुपये देने के बाद भी यह अपने मकान में किरायेदार की तरह रह रहे हैं। लगता है जैसे असली मालिक सीएचबी ही है। वह केवल समय काट रहे हैं। लेकिन बोर्ड के अलॉटियों की यह पीड़ा अब सिर्फ एक बिंदु से दूर हो सकती है। बोर्ड के करीब 60 हजार अलॉटी को अंतिम उम्मीद अब दिल्ली पैटर्न सॉन्यूशन पर है। इसी सॉल्यूशन से दिल्ली के रेजिडेंट्स को बड़ी राहत मिली थी। अब इसी तर्ज पर राहत देने की तैयारी यूटी प्रशासन भी कर रहा है।

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आठ सितंबर को होने वाली बोर्ड की मीटिंग में इस बार यही मुख्य एजेंडा लाया जा रहा है। अधिकारी इस पैटर्न को बोर्ड के सामने रखेंगे। उसके बाद राहत किस तरह से दी जाए इस पर अंतिम निर्णय बोर्ड ही लेगा। हालांकि बोर्ड के मनोनित मेंबर्स अलॉटियों के हक में इसे चंडीगढ़ में लागू करने की बात पहले से करते रहे हैं। प्रशासक वीपी सिंह बदनौर ने इस पैटर्न पर स्टडी करने के आदेश बोर्ड को दिए थे।

दिल्ली पैटर्न के यह चार मुख्य बिंदु

सीएचबी रेजिडेंट्स वेलफेयर फेडरेशन के प्रेसिडेंट निर्मल दत्त ने बताया कि दिल्ली नीड बेस्ड चेंज साल्यूशन में चार मुख्य बिंदु हैं। कवर्ड एरिया में कंसेशन दी जाए। इस कंसेशन की सीमा में हुए निर्माण को रेगुलराइज किया जाए। प्लाट एरिया के अंदर किए गए अतिरिक्त निर्माण के बदले वन टाइम चार्जेस ले लिए जाएं। प्लाट के साथ लगती सरकारी जमीन पर जो अतिरिक्त कंस्ट्रक्शन कर रखी है। उसके लिए भी वन टाइम चार्जेस लिए जाएं। यह सभी चार मुख्य दस्तावेज पेश करने पर मंजूर किया जाए, जिसमें आनरशिप सर्टिफिकेट, मकान किसी भी कानूनी विवाद में नहीं रहा इसका सर्टिफिकेट, कुल कंस्ट्रक्शन प्लान और जितनी कंस्ट्रक्शन की गई है उसका स्ट्रक्चरल स्टेब्लिटी सर्टिफिकेट शामिल है। यह साल्यूशन चंडीगढ़ में भी लागू हो जाए तो 60 हजार अलाटियों को राहत मिल जाएगी।

गृह मंत्री को लिखी थी दस हजार चिट्ठियां

सीएचबी के हजारों रेजिडेंट्स ने गृह मंत्री अमित शाह के नाम दस हजार से अधिक चिट्ठियां लिखी थी। बोर्ड के अधिकतर अलाटियों ने मकानों में जरूरत अनुसार बदलाव कर रखे हैं। इन सभी अलाटियों ने मकान की अलाटमेंट रद होने के नोटिस से तंग आकर यह चिट्ठियां लिखी थी।

प्राॅपर्टी के रेट होंगे कम

बोर्ड की मीटिंग में ई-टेंडर में लगाई गई उन सभी प्रापर्टी का एजेंडा भी लाया जा रहा है जो बिक नहीं सकी। कई बार ई-टेंडर के बाद भी इन्हें बेचा नहीं जा सका। अब बोर्ड इन प्रापर्टी के रेट कुछ कम कर सकता है। खासकर लीज होल्ड रेजिडेंशियल और कॉमर्शियल प्रापर्टी के रिजर्व प्राइज कम किए जा सकते हैं। बोर्ड इस पर अंतिम निर्णय लेगा।


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