नहीं किया व्यवस्था में सुधार तो.. मनीमाजरा में कभी भी हो सकता है दिल्ली जैसा अग्निकांड Chandigarh News
मनीमाजरा में भी ऐसी कई तंग और संकीर्ण गलियां है। इनमें अगा जैसी घटना होने पर लोगों का बाहर निकलना व दमकल विभाग का मौके पर पहुंचना नामुमकिन लगता है।
मनीमाजरा [करमजीत परवाना]। रविवार तड़के दिल्ली की एक फैक्ट्री में अग्निकांड में 43 लोगों की जान चली गई। बता दें कि ऐसा हादसा मनीमाजरा में भी कभी हो सकता है। दिल्ली के उस इलाके की तरह मनीमाजरा में भी ऐसी कई तंग और संकीर्ण गलियां है। इनमें अगा जैसी घटना होने पर लोगों का बाहर निकलना व दमकल विभाग का मौके पर पहुंचना नामुमकिन लगता है।
उल्लेखनीय है कि मनीमाजरा एक ऐतिहासिक शहर है और लगभग सौ से अधिक वर्षों से यहां पर आबादी बसी हुई। चंडीगढ़ बनने के बाद भी मनीमाजरा को गांव की श्रेणी में रखा गया, जिसके चलते यहां हो रहे निर्माण पर प्रशासन ने ध्यान नहीं दिया। इसका नतीजा यह निकाला कि मनीमाजरा में सभी निर्माण अनियोजित तरीके से हुए हैं। ऐसे में मनीमाजरा के कई गलियां ऐसी हैं, जहां पर दो केवल पहिया वाहन से ही जाया जा सकता है। ऐसे ही शांति नगर में कई गलियां हैं जहां पर आग लगने पर दमकल विभाग की गाड़ी का जाना नामुमकिन है। ऐसे मनीमाजरा के मेन बाजार, मोरी गेट और राणा हवेली की मार्केट में भी सैकड़ों दुकानें हैं, यहां पर अगर आग लग जाए तो दमकल विभाग की गाड़ियों को अंदर में आने में दिक्कत होगी।
मनीमाजरा में लगभग सभी निर्माण अनियोजित तरीके से हुए हैं। प्रशासन ने भी पहले ध्यान नहीं दिया कि भविष्य में इसका असर कैसे पड़ेगा। अब मनीमाजरा की इन तंग गलियों के लिए दमकल विभाग को व प्रशासन ऐसी योजना तैयार करनी चाहिए कि अगर इन इलाकों में आग लगने जैसी घटना हो जाती है तो उसे बुझने के लिए पूरे इंतजाम हों।
रमेश्वर गीरि, समाज सेवी
मनीमाजरा के अलावा शांति नगर में ऐसी गलियां हैं जहां पर दमकल विभाग की गाड़ी का जाना बहुत मुश्किल है। जगह को ज्यादा यूज करने के चक्कर में लोगों ने भी अपने घरों का निर्माण ऐसे किया है कि अगर आग लग जाए तो उसे बुझने के लिए दमकल विभाग का कोई वाहन या उपकरण वहां तक नहीं पहुंच पाएगा।
प्रिंस धीमान, निवासी मनीमाजरा
प्रशासन और दमकल विभाग को मनीमाजरा के संकीर्ण गलियों के लिए नए उपकरणों को खरीदना चाहिए। जिससे कि दमकल की गाड़ी कहीं भी खड़ी हो लेकिन उससे किलोमीटर तक आग को काबू पाने की क्षमता हो। इसके अलावा लोगों को भी ऐसी घटनाओं से बचने के लिए मॉकडिल द्वारा ट्रेनिंग देनी चाहिए।
एसएस परवाना, चेयरमैन ऑल मनीमाजरा वेलफेयर एसोसिएशन
तंग और संकीर्ण गलियों के अलावा मनीमाजरा में बिजली की तार भी लोगों के लिए खतरा बनी हुई है। अभी भी 70 प्रतिशत गलियों और मोहल्ले में नंगी तार का जाल बिछा हुआ है। इनमें से कई तार ऐसी है जोकि लोगों की दुकानों और घरों के बाहर टंगी रहती है। बिजली विभाग को इस पर काम करना चाहिए।
डॉ. बलदेव अरोड़ा, निवासी मनीमाजरा