केमिकल इंजीनियरिग विभाग का फरमान, परीक्षा के लिए होना चाहिए लैपटॉप
विद्यार्थी परेशान जिसके पास नहीं होगा लैपटॉप वो नहीं दे पाएगा परीक्षा।
वैभव शर्मा, चंडीगढ़ : पंजाब यूनिवर्सिटी के एक विभाग में होने वाली परीक्षाएं अब विवादों में घिर गई है। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि विभाग ने एक दिसंबर से शुरू हो रही परीक्षाओं को लेकर एक एसओपी जारी की है, हालांकि ये एसओपी ऑफिशियल नहीं है, लेकिन इसे फाइनल एसओपी माना जा रहा है। यह एसओपी डॉ. एसएस भटनागर यूनिवर्सिटी इंस्टीट्यूट ऑफ केमिकल इंजीनियरिग एंड टेक्नोलॉजी विभाग ने अपने स्तर पर जारी की है। इस एसओपी के जारी होने के बाद से स्टूडेंट्स के बीच परेशानी भी पैदा हो गई हैं। एसओपी में आगामी परीक्षा के लिए स्टूडेंट्स के पास लैपटॉप जरूरी होना चाहिए। अगर किसी स्टूडेंट्स के पास लैपटॉप नहीं है तो वो परीक्षा नहीं दे पाएगा। एसओपी के बाद उन स्टूडेंट्स के चेहरे का रंग उड़ा है, जिनके पास लैपटॉप नहीं है। वहीं, इसमें नकल रोकने का भी प्रयास किया गया है। एसओपी में स्टूडेंट्स के लिए एक ओर बात डर का कारण बनी हुई है। एसओपी के अनुसार स्टूडेंट्स को कहा है कि अगर किसी स्टूडेंट का नेटवर्क टूटता है तो उसे दोबारा परीक्षा में कनेक्ट होने के लिए केवल पांच मिनट दिए जाएंगे। अगर इन पांच मिनटों में कोई स्टूडेंट दोबारा कनेक्ट होता है तो वो परीक्षा से जुड़ा रहेगा, वरना उसे परीक्षा से सस्पेंड कर दिया जाएगा। कैंपस खुलने के बाद ऑफलाइन मोड में परीक्षा दे सकता है। स्टूडेंट्स को दिया गया परीक्षा के दौरान नेटवर्क में रहने का आदेश
विभाग ने स्टूडेंट्स को परीक्षा के पूरे समय नेटवर्क में रहने का आदेश दिया है। कोविड-19 की वजह से गांवों के अलावा शहरों में भी नेटवर्क कनेक्टिविटी का बुरा हाल है। नाम न प्रकाशित करने की शर्त पर विभाग के एक स्टूडेंट ने बताया कि विभाग में कई स्टूडेंट्स ऐसे हैं, जिनके घर वाई-फाई नहीं लगा हुआ। नकल रोकने के लिए एसओपी में यह खास
ऑनलाइन परीक्षा में नकल न हो, इसके लिए विभाग ने एसओपी में कई बेहतरीन चीजों को शामिल किया गया है। स्टूडेंट्स को कैमरे की निगरानी में रहना जरूरी होगा, परीक्षा निरीक्षक को स्टूडेंट्स का चेहरा साफ दिखे और स्टूडेंट्स आंसरशीट पर लिखता हुआ दिखना चाहिए। परीक्षा के समय स्टूडेंट्स के आसपास कोई और व्यक्ति नहीं होना चाहिए। अगर कोई स्टूडेंट्स मोबाइल, कंप्यूटर और लैपटॉप पर परीक्षा दे रहा है तो परीक्षा निरीक्षक को वो अपना दूसरा नंबर स्वीच ऑफ दिखाएगा। अगर स्टूडेंट्स को लगता है कि इस एसओपी से उन्हें परेशानी होगी तो हम ये निर्णय बदल लेते हैं। स्टूडेंट्स को उनकी ई-मेल पर ही प्रश्न पत्र भेजे जाएंगे।
-प्रो. अमृत तूर, चेयरपर्सन, केमिकल इंजीनियरिग विभाग (पीयू)