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चंडीगढ़ में एंट्री से पहले कमर्शियल वाहनों पर Green Tax लगाने की तैयारी, निगम को रोजाना होगी पांच लाख की कमाई

नगर निगम के इस प्रस्ताव को अगर मुहर लग जाती है तो ट्रकों के साथ-साथ ओला व उबर की गाड़ियों को भी ग्रीन टैक्स भरना पड़ेगा। इस पर अंतिम निर्णय जुलाई के अंत में होगा।

By Edited By: Published: Tue, 14 Jul 2020 06:16 PM (IST)Updated: Wed, 15 Jul 2020 09:28 AM (IST)
चंडीगढ़ में एंट्री से पहले कमर्शियल वाहनों पर Green Tax लगाने की तैयारी, निगम को रोजाना होगी पांच लाख की कमाई
चंडीगढ़ में एंट्री से पहले कमर्शियल वाहनों पर Green Tax लगाने की तैयारी, निगम को रोजाना होगी पांच लाख की कमाई

चंडीगढ़, जेएनएन। शहर में दाखिल होने वाले कमर्शियल वाहनों पर ग्रीन टैक्स लगाने का नगर निगम ने प्रस्ताव तैयार कर लिया है। इस प्रस्ताव पर 17 जुलाई को होने वाली कमेटी की बैठक में लाया जाएगा। मेयर राजबाला मलिक की ओर से नगर निगम के वित्तीय संकट दूर करने के लिए सुझावों पर मंथन करने के लिए कमेटी का गठन किया है। इस कमेटी को 25 जुलाई तक अपनी रिपोर्ट मेयर को सौंपनी है, जिस पर इस माह होने वाली सदन की बैठक में चर्चा की जाएगी। सदस्यों के अनुसार दूसरे राज्यों से सैकड़ों कामर्शियल वाहन चंडीगढ़ में आते हैं। ऐसे में ट्रकों के अलावा जो ओला और उबर की गाड़ियां आती है उस पर भी ग्रीन टैक्स लगाया जा सकता है।

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नगर निगम के अनुसार इससे प्रतिदिन पांच लाख रुपये की कमाई हो जाएगी। यह प्रस्ताव पास होने पर पंचकूला और मोहाली से आने वाले कामर्शियल वाहनों पर भी ग्रीन टैक्स लग जाएगा। 17 जुलाई को अगर कमेटी इस प्रस्ताव पर मुहर लगा देती है तो अंतिम निर्णय इस माह होने वाली सदन की बैठक में लाया जाएगा। ग्रीन टैक्स के अलावा सदस्यों ने शहर में जो इमारतों की छतों पर अवैध मोबाइल टावर लगे है उन्हें भी रेगुलर करने की सिफारिश की है। इससे नगर निगम को हर साल पांच करोड़ रुपये की कमाई होगी। पिछली बैठक में अधिकारियों को पानी के डिफाल्टरों पर बकाये बिल की रिपोर्ट तैयार करने का निर्णय लिया गया था। इस बार की बैठक में अब यह रिपोर्ट भी आएगी।

डिफाल्टरों के लिए लाई जा सकती है वन टाइम सेटलमेंट की नीति

अधिकारियों के अनुसार 32 करोड़ रुपये की राशि डिफाल्टरों से लेनी है। कमेटी का मानना है कि डिफाल्टरों से वन टाइम सेटलमेंट करने की नीति लाई जा सकती है। 17 जुलाई को होने वाली बैठक में प्रशासन की ओर से जो नगर निगम में जो गांव शामिल हुए हैं, उनमें आई प्रॉपर्टी की भी लिस्ट आएगी। बिजली का खर्चा नगर निगम का लगातार बढ़ता जा रहा है। ऐसे में एनर्जी ऑडिट करवाने का भी निर्णय लिया जा सकता है।

मेयर राजबाला मलिक ने 25 जुलाई तक कमेटी को अपनी रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा है, ताकि इस माह के अंत में होने वाली सदन की बैठक में आय बढ़ाने पर कोई फैसला लिया जा सके। कमेटी में अरुण सूद, देवश मोदगिल, महेश इंद्र सिद्धू, अजय दत्ता, अनिल दुबे, राजेश कालिया, सतीश कैंथ, अतिरिक्त कमिश्नर अनिल गर्ग और चीफ अकाउंट अधिकारी को सदस्य बनाया गया है। सदस्यों का मानना है कि लाल डोरे के बाहर कई लोग बिना बिल के पानी का प्रयोग कर रहे हैं। ऐसे लोगों की भी सूची बनाई जाए।


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