जेपी कंपनी के साथ एमओयू खारिज करने का फैसला 25 को
जेपी कंपनी के साथ डड्डूमाजरा के गारबेज प्लांट का एमओयू खारिज करने का फैसला 25 फरवरी को होने वाली नगर निगम की सदन की बैठक में लिया जाएगा।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : जेपी कंपनी के साथ डड्डूमाजरा के गारबेज प्लांट का एमओयू खारिज करने का फैसला 25 फरवरी को होने वाली नगर निगम की सदन की बैठक में लिया जाएगा। मेयर ने सदन की बैठक की तारीख तय कर ली है। मालूम हो कि 12 फरवरी को दिल्ली एनजीटी ने जेपी कंपनी की टिपिग फीस की मांग खारिज करते हुए नगर निगम को कहा है कि वह एक माह के भीतर तय करे कि उन्हें जेपी कंपनी से प्लांट चलवाना है या नहीं। ऐसे में अब प्लांट का कब्जा लेने के लिए सदन की बैठक में रूपरेखा तैयार की जाएगी। नगर निगम के अनुसार जो इस समय डंपिंग ग्राउंड में 50 लाख टन के कचरे का पहाड़ बना हुआ है उसके लिए जेपी कंपनी ही जिम्मेदार है, क्योंकि शहर से प्रतिदिन 450 टन कचरा निकलता है लेकिन जेपी कंपनी का प्लांट 150 से 200 टन कचरा ही प्रोसेस कर पा रहा है।
साल 2008 में जेपी कंपनी का नगर निगम के साथ एमओयू हुआ था तब से ही कंपनी प्लांट चला रही है। डड्डूमाजरा में चल रहे गारबेज प्रोसेसिग प्लांट को जेपी कंपनी सरेंडर करने के लिए पिछले माह तैयार हो गई थी, लेकिन बाद में कंपनी मुकर गई। निगम कंपनी को प्लांट की वर्तमान कीमत के हिसाब से वेल्यू भी अदा करने के लिए तैयार है। नगर निगम अब प्राइवेट वेल्यूअर को हायर करेगी जो कि कंपनी की प्लांट में लगी मशीन का निरीक्षण करके कीमत तय करेगी। कंपनी ने साल 2008 में 32 करोड़ रुपये का खर्चा करके यह प्लांट लगाया था।