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चंडीगढ़ कोठी प्रकरण में गिरफ्तार डीएसपी के भाई सतपाल डागर की जमानत याचिका पर फैसला आज

शहर के सेक्टर-37ए स्थित विवादित कोठी प्रकरण में गिरफ्तार आरोपित प्रॉपर्टी डीलर सतपाल डागर की जमानत याचिका पर चंडीगढ़ जिला अदालत में बुधवार दोपहर बाद फैसला आने की उम्मीद है। आरोपित सतपाल डागर चंडीगढ़ पुलिस विभाग में तैनात डीएसपी रामगोपाल का भाई है।

By Ankesh ThakurEdited By: Published: Wed, 02 Jun 2021 11:16 AM (IST)Updated: Wed, 02 Jun 2021 11:16 AM (IST)
चंडीगढ़ कोठी प्रकरण में गिरफ्तार डीएसपी के भाई सतपाल डागर की जमानत याचिका पर फैसला आज
आरोपित सतपाल डागर चंडीगढ़ पुलिस विभाग में तैनात डीएसपी रामगोपाल का भाई है।

चंडीगढ़, जेएनएन। शहर के सेक्टर-37ए स्थित विवादित कोठी प्रकरण में गिरफ्तार आरोपित प्रॉपर्टी डीलर सतपाल डागर की जमानत याचिका पर चंडीगढ़ जिला अदालत में बुधवार दोपहर बाद फैसला आने की उम्मीद है। सतपाल डागर पर संजीव महाजन के साथ मिलकर तत्कालीन डीएसपी सेंट्रल रामगोपाल के ऑफिस में कोठी की खरीद-फरोख्त को लेकर मीटिंग करवाने और हिस्सा लेने का आरोप है।

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आरोपित सतपाल डागर चंडीगढ़ पुलिस विभाग में तैनात डीएसपी रामगोपाल का भाई है। डागर के वकील विशाल गर्ग नरवाणा ने पुलिस इन्वेस्टिगेशन पर सवाल उठाए थे। इसके बाद कोर्ट ने पुलिस को नोटिस भेजकर जवाब मांगा था।

पुलिस ने 18 मई को अपना जवाब दाखिल करना था, लेकिन पुलिस ने कोर्ट से कुछ और समय मांगा। इसके बाद 21 मई को एडवोकेट नरवाणा ने जिला अदालत में डागर की जमानत याचिका दायर की थी। एडवोकेट विशाल ने कहा कि पुलिस के पास जवाब नहीं है क्योंकि उन्होंने सतपाल डागर को केस में झूठा फंसाया है। इसके अलावा एडवोकेट विशाल ने कोर्ट में एक एप्लीकेशन दायर की थी और चालान में मिसिंग डॉक्यूमेंट्स दिए जाने की मांग की थी। वकील ने आरोप लगाया था कि पुलिस ने जो चार्जशीट फाइल की है वह भी गैरकानूनी है। क्योंकि इसमें कई ऐसे दस्तावेज हैं जो बचाव पक्ष को दिए जाने चाहिए थे, लेकिन पुलिस ने जानबूझकर उन डॉक्यूमेंट्स को चार्जशीट में शामिल नहीं किया। हालांकि कई ऐसे डॉक्यूमेंट्स भी हैं जो चार्जशीट से मिसिंग हैं।

पुलिस एफआइआर में सतपाल का नाम तक नहीं : वकील

जमानत के लिए लगाई गई याचिका में सतपाल के वकील विशाल गर्ग नरवाना ने यह दलील दी है कि सतपाल डागर को पुलिस ने जबरन गिरफ्तार कर जेल भेजा है। एडवोकेट विशाल का कहना है कि कोठी को हड़पने में सतपाल का कोई रोल नहीं है जबकि न ही कोठी बेचने में मिली राशि उसके बैंक खाते में आई और न उसे मिली। यहां तक की पुलिस एफआइआर में सतपाल का नाम तक नहीं है।


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