Chandigarh में पानी का संकट शुरू, 24 घंटे सप्लाई देने के दावे हुए फेल
तापमान बढ़ने के साथ ही शहर में पानी का संकट गर्माना शुरू हो गया है। गर्मी बढ़ने के साथ ही पानी के लो प्रेशर की दिक्कत शुरू हो गई है।
चंडीगढ़, [राजेश ढल्ल]। तापमान बढ़ने के साथ ही शहर में पानी का संकट गर्माना शुरू हो गया है। गर्मी बढ़ने के साथ ही पानी के लो प्रेशर की दिक्कत शुरू हो गई है। जबकि शहरवासियों को स्मार्ट सिटी के तहत पिछले दो साल से 24 घंटे पानी की सप्लाई शुरू करने का सपना दिखाया गया है। ऐसे में यह शहर का सबसे बड़ा मुद्दा है, जिसको लेकर कांग्रेस और भाजपा दोनों के नेताओं के गर्मी में ज्यादा पसीने छूटेंगे। क्योंकि इस चुनावी मुद्दे पर उन्हें शहर की जनता को जवाब देना होगा। शहर में पानी की किल्लत दूर करने के लिए कांग्रेस और भाजपा अपने-अपने कार्यकाल में फेल रही है।
कजौली वाटर वर्क्स के 5वें और छठे फेज का निर्माण कार्य पूरा करके अतिरिक्त पानी लाने का दावा हर गर्मी से पहले दावा किया जाता है, लेकिन शहरवासियों के साथ हर बार धोखा हो जाता है। पिछली सदन की बैठक में नगर निगम कमिश्नर केके यादव ने दावा किया था कि 20 अप्रैल तक इन दोनों नए फेज से 29 एमजीडी अतिरिक्त पानी आना शुरू हो जाएगा, लेकिन यह डेडलाइन भी समाप्त हो गई है। जबकि अभी इन दो नए फेज से ट्रायल शुरू होना है। जोकि गमाडा की ओर से किया जाना है। ऐसे में इन दो नए फेज से पूरी तरह से पानी आने में एक माह का समय और लग सकता है। तब तक लोकसभा चुनाव के लिए मतदान हो जाएगा। जबकि भाजपा अतिरिक्त पानी लाकर चुनाव प्रचार में इसका क्रेडिट लेना चाहती है।
भाजपा शासित नगर निगम ने प्लान बनाया है कि अतिरिक्त पानी आने से सुबह और शाम दो-दो घंटे के लिए सप्लाई बढ़ा दी जाएगी। मालूम हो कि इन फेज का निर्माण कार्य साल 2016 से चल रहा है, जिसका काम समाप्त होने की डेडलाइन एक दर्जन बार आगे बढ़ाई गई है।
उत्तरी सेक्टरों के लोग ज्यादा करते हैं पानी का इस्तेमाल
नॉर्थ सेक्टरों में सबसे ज्यादा पानी की खपत होती है, जबकि यहां पर दक्षिण के मुकाबले में जनसंख्या भी कम रहती है। वीआइपी सेक्टरों में प्रति व्यक्ति की प्रति दिन की खपत दक्षिणी सेक्टरों और गांवों के मुकाबले कई गुना है। जबकि नेशनल नार्म्स के अनुसार प्रति व्यक्ति 135 लीटर पानी मिलना चाहिए। शहर के कई गांवों और कॉलोनियों में नार्म्स के हिसाब से प्रति व्यक्ति पानी नहीं मिल रहा है। उत्तरी सेक्टरों में लोग अपने बगीचों की सिंचाई करते हैं, जबकि नगर निगम की ओर से नामिनल रेट पर टर्शरी वाटर दिया जा रहा है।
116 एमजीडी पानी की है मांग गर्मी में
शहर में पानी की मांग 116 एमजीडी पानी की हो जाती है। इस समय शहर को कजौली वाटर वर्क्स से 58 एमजीडी पानी मिल रहा है, जबकि शहर में लगे 235 ट्यूबवेल से 22 एमजीडी पानी मिल रहा है। जिनमें से 10 प्रतिशत ट्यूबवेलों में हर दिन कोई न कोई दिक्कत ही रहती है। ऐसे में गर्मियों में 36 एमजीडी पानी की शॉर्टेज होती है, जोकि इस गर्मी में भी झेलनी पड़़ रही है। पंचकूला और मोहाली को भी इंतजार पंचकूला और मोहाली में रहने वाले लाखों लोगों को भी इन दो नए फेज से पानी का लंबे समय से इंतजार है, क्योंकि इन फेज से कुल 40 एमजीडी पानी की सप्लाई आनी है, जिसमें से 29 एमजीडी चंडीगढ़, पांच एमजीडी मोहाली, तीन-तीन एमजीडी पानी पंचकूला और मोहाली को मिलना है।
इन एरिया में पानी की दिक्कत आनी हो गई है शुरू
सेक्टर-7, 15, 16, 18, 20, 21, 24, 25, 26, 27, 29, 30, 32, 37, 38, 39, 40, 42, 44, 45, 47, 49, 52 और 61 में लगातार पानी के लो प्रेशर की दिक्कत से लोगों को दिक्कतें हो रही हैं। यहां तक कि जिन एरिया में बूस्टर भी लगे हुए हैं, वहां पर भी पानी के लो प्रेशर की दिक्कत आ रही है। इसके साथ ही मनीमाजरा, धनास, बापूधाम, मलोया और गांवों के एरिया में पानी के किल्लत का सामना करना पड़ रहा है। लोगों को ग्राउंड फ्लोर या खुद मेहनत करके पानी चढ़ाना पड़ रहा है या फिर मोटर लगाई है, जिससे बिजली का खर्चा बढ़ जाता है।
मेयर और छाबड़ा का एक-दूसरे पर आरोप
मेयर का बयान: मेयर राजेश कालिया का कहना है कि पांचवें और छठे फेज का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। चंद दिनों में इन दो नए फेज से शहर को 29 एमजीडी अतिरिक्त पानी मिलना शुरू हो जाएगा। कांग्रेस के नेताओं को तो लगता ही नहीं था कि इन दो नए फेज के लिए पंजाब और हरियाणा सरकार मंजूरी देगी, इसलिए उन्होंने कभी प्रयास ही नहीं किया। साल 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा की जीत के बाद इस पर काम शुरू हुआ और अब इस प्रोजेक्ट से पानी आना शुरू हो रहा है।
प्रदीप का बयान: कांग्रेस अध्यक्ष प्रदीप छाबड़ा का कहना है कि शहर में पानी की कोई कमी नहीं है, सिर्फ मिस मैनेजमेंट की कमी है, जो भाजपा शासित नगर निगम नहीं कर पा रही है। नए फेज के निर्माण के लिए कई बार शहर में पानी का कट लगाकर लोगों को परेशान किया गया है। पिछले चार साल में गर्मी से पहले शहरवासियों को गुमराह किया जाता है। कांग्रेस के कार्यकाल में गर्मी में पानी की किल्लत नहीं आने दी जाती थी।