पंजाब से टला नहीं खतरा, पाक में मंडराते टिड्डी दल बोल सकते हैं हमला, तीन जिलों में हाई अलर्ट
पंजाब से टिड्डी दलों के हमले का खतरा टला नहीं है। पाकिस्तान में मंडरा रहे टिड्डियों केे दल सीमावर्ती जिलों में हमला बोल सकते हैं। इसी कारण तीन जिलों में हाईअलर्ट जारी किया गया है।
चंडीगढ़, जेएनएन। पंजाब पर टिड्डी दलों के हमले का खतरा अभी टला नहीं है। टिड्डियों का काफी बड़ा दल राजस्थान से होता हुआ मध्यप्रदेश प्रदेश की तरफ चल गया है, लेकिन भारत- पाकिस्तान सीमा के एरिया में इसके मंडराने से पंजाब पर खतरा बरकरार है। पाकिस्तान में भारी संख्या में टिड्डियों का दल मंडरा रहा है और यदि हवा का रुख भारत की ओर हुआ तो पंजाब में इनका हमला हो सकता है। वैसे गर्मी बढ़ने और बरसात का मौसम पास आने के साथ ही पंजाब में टिड्डी दलों का खतरा बढ़ जाता है। इसी कारण पंजाब सरकार ने तीन सीमावर्ती जिलों में हाई अलर्ट घोषित कर दिया है।
टिड्डी दल से निपटने के लिए कृषि विभाग ने टिड्डियों से निपटने को रखा एक करोड़ रुपये
खेतीबाड़ी (कृषि) विभाग के सचिव काहन सिंह पन्नू का कहना है कि हालात से निपटने की पूरी तैयारी कर ली गई है। आपातकाल में दवाओं की खरीद के लिए एक करोड़ से ज्यादा की राशि रखी हुई है। साथ ही हमारी टीमें लगातार गांवों में निगरानी कर रही हैं।
भारत-पाक सीमा के साथ लगे फाजिल्का जिले के पहले भी कई गांवों में टिड्डियों को देखा भी गया है, लेकिन जितना यहां देखा गया है यह किसी बड़े झुंड से टूटा हुआ हिस्सा ही है। कृषि विभाग के विशेषज्ञाें का कहना है कि टिड्डी दल हवा के रुख के साथ चलता है। अभी पाकिस्तान में बड़े पैमाने पर टिड्डियां मंडरा रही हैं। अगर हवा का रुख भारत की ओर हुआ तो यह पंजाब में आ सकती हैं।
कृषि विशेषज्ञों को लग रहा है कि जून में यह दल पंजाब पर हमला कर सकता है। चूंकि टिड्डी दल अपने अंडे रेतीली जमीन में देता है, इसलिए राजस्थान की सीमा के साथ लगने वाले जिलों फाजिल्का, मुक्तसर, बठिंडा आदि में खतरा ज्यादा है। गर्मी बढऩे के साथ इनकी प्रजनन क्षमता भी बढ़ जाती है। इस खतरे को देखते हुए पंजाब सरकार ने पहले से ही अलर्ट भी जारी कर रखा है।
फरीदकोट, फाजिल्का व बठिंडा में हाई अलर्ट
टिड्डी दल के खतरे को देखते हुए सरकार ने फरीदकोट, फाजिल्का व बठिंडा में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है। कृषि विभाग किसानों को जागरूक कर रहा है। पंजाब में ज्यादातर हमला राजस्थान की ओर से ही हुआ है। हालांकि फाजिल्का के साथ पाकिस्तान की सीमाएं लगने के कारण फाजिल्का जिले में इसका प्रवेश समय-समय पर होता रहा है।
साल 2020 में ही चार बार टिड्डी दल फाजिल्का जिले में हमला कर चुका है। 3 फरवरी को टिड्डियों ने सबसे बड़ा हमला रूपनगर, बारेका व आसपास के गांवों में किया था। इसके अलावा 14 और 23 अप्रैल को रूपनगर और 6 मई को गांव बारेका भी टिड्डी दल ने हमला किया था।
इसे देखते हुए बठिंडा में नोडल अधिकारियों की नियुक्ति कर दी गई है। 38 टीमों का गठन कर दिया गया है। कृषि विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों की छुट्टियां रद कर दी गई हैं। वहीं सरहदी जिले अमृतसर और तरनतारन में अभी तक टिड्डी दल ने हमला नहीं किया है, लेकिन यहां भी एहतियातन कृषि विभाग अलर्ट है। बचाव की तैयारियां शुरू कर दी गई हैं।