चंडीगढ़ में लौटा साइकिल युग, कार पार्किंग में भी साइकिल का कब्जा
कोरोना संक्रमण की वजह से जिम बंद हैं और फिटनेस के लिए लोगों में साइकिलिंग के प्रति रूझान बढ़ा है। दुकानों में साइकिल खरीदने वालों की भीड़ उमड़ रही है।
चंडीगढ़, [बलवान करिवाल]। शहर का मिजाज अब बदला-बदला सा है। कारों का शहर अब साइकिल की तरफ दौड़ रहा है। कोरोनाकाल में सेहत के प्रति लोग कुछ ज्यादा ही संजीदा हुए हैं। खास कर रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए एक्सरसाइज के तौर पर साइकिंलिंग के प्रति लोगों की दिलचस्पी बढ़ी है। मगर कोरोना संकट से पूर्व सुखना लेक की सभी पार्किंग सुबह-शाम कारों से भरी होती थी। वहीं अब यह कारों की पार्किंग साइकिल पार्किंग में तब्दील हो गई हैं। कार पार्किंग पर वर्षों बाद साइकिल का कब्जा हो गया है। सुखना लेक पर सुबह का आलम ऐसा होता है जैसे चंडीगढ़ साइकिल सिटी बन चुका है और साइकिल युग फिर लौट आया है।
पाइप, रेलिंग और पेड़ से लॉक किए जा रहे साइकिल
फिटनेस से इम्यून सिस्टम बेहतर करने की सोच रेजिडेंट्स को शहर के हर कोने से सुखना लेक खींच ला रही है। पंचकूला और मोहाली से भी सैकड़ों साइकिल राइडर पहुंच रहे हैं। रोजाना पांच हजार से अधिक साइकिल राइडर सुखना पहुंच रहे हैं। कहीं कोई साइकिल स्टैंड नहीं होने से इन्हें पार्किंग की जगह तक नहीं मिल रही। पाइप, इलेक्ट्रिसिटी पोल, रेलिंग और पेड़ जिसको जहां जगह मिल रही है, वह उससे साइकिल लॉक कर रहा है। जब यहां जगह नहीं मिल रही तो खुली पार्किंग में साइकिल पार्क की जा रही है।
साइकिल की सुरक्षा के लिए सादी वर्दी में पुलिस तैनात
साइकिल की संख्या एक दम इतनी बढ़ गई है कि इन्हें संभालने में पुलिस के पसीने छूट रहे हैं। सबसे बड़ी मुसीबत अनलॉक छोड़ी गई साइकिल की सुरक्षा है। चोरी होने के डर से पुलिस अनलॉक साइकिल को उठाकर सुखना पुलिस चौकी में रख रही है। इतना ही नहीं सादी वर्दी में पुलिसकर्मियों को साइकिलों की सुरक्षा के लिए तैनात किया गया है। खासकर महिला पुलिसकर्मी इस काम में लगाई गई हैं। जो साइकिलों पर नजर तो रखती ही हैं अनलॉक छोड़ी गई साइकिल को कब्जे में ले रही हैं। साइकिल का बिल या पहचान बताने पर इसे वापस किया जा रहा है। रोजाना 30 से अधिक ऐसी साइकिल रिकवर की जा रही है।
ली कार्बूजिए ने साइकिल के लिए बनाए थे स्टैंड
ली कार्बूजिए ने चंडीगढ़ को साइकिल सिटी के तौर पर ही डेवलप किया था। सेक्टरों के बीच में मार्केट बनाई थी जिससे साइकिल से आसानी से पहुंचा जा सके। स्कूल और डिस्पेंसरी हर सेक्टर में बनाई। साइकिल की सुरक्षा को देखते हुए सुखना लेक, आइएसबीटी, रॉक गार्डन जैसे प्रमुख स्थानों पर साइकिल स्टैंड बनाए गए थे। इससे इस स्टैंड पर साइकिल को लॉक किया जा सके, लेकिन कारों की पार्किंग ने इन स्टैंड को खत्म कर दिया। रॉक गार्डन पर अभी भी ऐसे स्टैंड बचे हैं लेकिन उनमें भी मोटरसाइकिल पार्क होती है। साइकिल पंक्चर न हो इसलिए सड़कों के किनारे कहीं कांटेदार पेड़ नहीं लगाए।
साइकिल की बिक्री पहले इतनी कभी नहीं बढ़ी
एक तरफ सभी उद्योग धंधे मंदी की मार झेल रहे हैं। साइकिल उद्योग कोरोना काल में तेजी से फल फूल रहा है। साइकिल की छोटी दुकान से लेकर बड़े शोरूम तक पर खरीददारों की भीड़ है। एडवांस ऑर्डर हैं। साइकिल की बिक्री 40 फीसद तक बढ़ी है। तीन से 50 हजार रुपये तक की साइकिल भी बिक रही है।