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17 तक बढ़ा क‌र्फ्यू, अब कंटेनमेंट जोन अपने स्तर पर तय कर सकता है प्रशासन

बापूधाम कॉलोनी सेक्टर-30बी और कची कॉलोनी जैसे एरिया होंगे कंटेनमेंट बाकी शहर रेड जोन।

By JagranEdited By: Published: Fri, 01 May 2020 10:34 PM (IST)Updated: Sat, 02 May 2020 06:12 AM (IST)
17 तक बढ़ा क‌र्फ्यू, अब कंटेनमेंट जोन अपने स्तर पर तय कर सकता है प्रशासन
17 तक बढ़ा क‌र्फ्यू, अब कंटेनमेंट जोन अपने स्तर पर तय कर सकता है प्रशासन

बलवान करिवाल, चंडीगढ़ : तीन मई को लॉकडाउन-2 खत्म होते ही इसका अगला चरण शुरू हो जाएगा। चंडीगढ़ में दो सप्ताह 17 मई तक क‌र्फ्यू रहेगा। पूरा चंडीगढ़ पहले से कंटेनमेंट जोन में है। राहत की बात यह है कि मिनिस्ट्री ऑफ होम अफेयर्स ने डिटेल ऑर्डर में प्रशासन को अपने स्तर पर कंटेनमेंट जोन तय करनी की पावर दी है। अभी तक केंद्र सरकार ने पूरे चंडीगढ़ को कंटेनमेंट जोन में डाल रखा था लेकिन अब प्रशासन बापूधाम और सेक्टर-30बी, कच्ची कॉलोनी जैसी प्रभावित पॉकेट की पहचान कर इनकी बाउंड्री तय कर इन्हें कंटेनमेंट जोन बना सकता है। हालांकि यह निर्णय प्रशासन शहर के हालात और विभिन्न पैरामीटर को देखते हुए लेगा। शर्त यह होगी कि कंटेनमेंट जोन की बाउंड्री तय करने के बाद भी पूरे चंडीगढ़ की कैटेगरी रेड ही रहेगी। शहर रेड से ग्रीन में तभी आएगा जब 21 दिन तक कोई नया कोरोना संक्रमित मामला न आए। सीआइआइ और इंडस्ट्री एसोसिएशन यही मांग प्रशासन से कर रहे थे कि पूरे शहर के बजाय किसी एरिया को कंटेनमेंट बनाकर बाकी को खोला जाए। उन्होंने प्रशासन के साथ केंद्र सरकार को भी इसका प्रस्ताव भेजा था। प्रभावित पॉकेट होंगी कंटेनमेंट जोन

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अब एमएचए ने प्रशासन को कंटेनमेंट जोन तय करने की पावर दी है। जिला प्रशासन केस मैपिग, कांटेक्ट्स, केस का ज्योग्रॉफिकल एरिया को देखते हुए कंटेनमेंट जोन तय कर सकता है। अभी तक यूटी प्रशासन यही तर्क दे रहा था कि पूरा चंडीगढ़ कंटेनमेंट जोन इसलिए कोई राहत नहीं दी जा सकती। लेकिन अब कंटेनमेंट जोन अर्बन एरिया में रेजिडेंशियल कॉलोनी, मोहल्ला, एमसी वार्ड, एमसी जोन, पुलिस स्टेशन एरिया या प्रभावित पॉकेट हो सकती है। जबकि रूरल एरिया में गांव, कई गांव का कलस्टर, कई पुलिस स्टेशन का दायरा और ब्लॉक कंटेनमेंट जोन हो सकते हैं। कंटेनमेंट जोन के लिए ऐसा होगा प्रोटोकॉल

कंटेनमेंट जोन में अथॉरिटी को 100 प्रतिशत आरोग्य सेतु एप डाउनलोड करानी होगी। इसमें कांटेक्ट ट्रेसिग का काम होगा। डोर-टू डोर स्क्रीनिग के साथ पहले की तरह सख्ती रहेगी। लोगों की मूवमेंट नहीं होगी। प्रशासन सील कर पहले की तरह खुद सुविधाएं घर तक पहुंचाएगा। क्लीयर एंट्री और एग्जिट प्वाइंट होगा। कंटेनमेंट जोन को अलग कर रेड जोन में यह एक्टिविटीज मंजूर

इंडस्ट्रियल एस्टेब्लिशमेंट अर्बन एरिया, सिर्फ स्पेशल इकोनॉमिक जोन, एक्सपोर्ट यूनिट, इंडस्ट्रियल एस्टेट-टाउनशिप शर्तो के साथ, आवश्यक सामान की मैन्यूफेक्चरिग, दवा, फार्मास्यूटिकल, मेडिकल डिवाइस, आइटी हार्डवेयर मैन्यूफेक्चरिग, रूरल एरिया में सभी इंडस्ट्रियल एक्टिविटीज को मंजूरी रहेगी। सभी एकल दुकानें खुल सकती हैं। इसमें असेंसशियल और नॉन असेंसशियल दोनों शामिल होंगी। ई-कॉमर्स यानी ऑनलाइन केवल आवश्यक सामान ही डिलीवर हो सकेगा। प्राइवेट ऑफिस को 33 प्रतिशत स्टाफ के साथ ऑपरेट किया जा सकता है। बाकी स्टाफ घर से काम करेगा। एमएचए के जो ऑर्डर आए हैं। उन्हें रिव्यू किया जा रहा है। नई गाइडलाइंस के अनुसार जो चंडीगढ़ के लिए उचित होगा, वह फैसला लेंगे।

-मनोज परिदा, एडवाइजर, चंडीगढ़


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