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सिटी सर्विस के बाद लॉन्ग रूट के लिए भी ठेके पर चलेंगी बस

चंडीगढ़ ट्रांसपोर्ट अंडरटेकिग (सीटीयू) अब बसों को खुद खरीदने की बजाए इन्हें हायर कर ही चलाएगा। सीटीयू के जारी दो टेंडर से ऐसा ही प्रतीत हो रहा है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 30 Nov 2021 11:55 PM (IST)Updated: Tue, 30 Nov 2021 11:55 PM (IST)
सिटी सर्विस के बाद लॉन्ग रूट के लिए भी ठेके पर चलेंगी बस
सिटी सर्विस के बाद लॉन्ग रूट के लिए भी ठेके पर चलेंगी बस

बलवान करिवाल, चंडीगढ़

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चंडीगढ़ ट्रांसपोर्ट अंडरटेकिग (सीटीयू) अब बसों को खुद खरीदने की बजाए इन्हें हायर कर ही चलाएगा। सीटीयू के जारी दो टेंडर से ऐसा ही प्रतीत हो रहा है। अभी तक इलेक्ट्रिक बसों को ही किलोमीटर स्कीम के आधार पर हायर किया जा रहा था। लेकिन अब सीटीयू ने हीटिग वेंटिलेशन एंड एयर कंडीशनिग (एचवीएसी) डीजल बसों को भी खुद खरीदने की बजाए किलोमीटर स्कीम के आधार पर हायर करना शुरू कर दिया है। हालांकि इंप्लाइज सीटीयू के इस फैसले का विरोध कर रहे हैं। वह इसे सीधे सीधे प्राइवेटाइजेशन करार दे रहे हैं। इससे पहले सीटीयू जो एचवीएसी बस चला रहा है वह खुद खरीदी गई हैं। 40 इलेक्ट्रिक बस और 20 एचवीएसी की जाएंगी हायर

सीटीयू ने मिडी नौ मीटर वाली 40 इलेक्ट्रिक बस और 20 एचवीएसी बस हायर करने के लिए ई-टेंडर जारी कर बिड मांगी है। इन बसों को दस साल के लिए हायर किया जाएगा। जो कंपनी सबसे कम रेट कोट करेगी। उसकी बस हायर की जाएंगी। इन बसों के ऑपरेशन और मेंटेनेंस का काम कंपनी ही देखेगी। कंपनी का ड्राइवर बस में होगा। सीटीयू का केवल कंडक्टर इन बसों में होगा। जो टिकट और रेवेन्यू का काम देखेगा। 20 इलेक्ट्रिक बस इसी मॉडल पर चल रहीं

सीटीयू ने इससे पहले 40 इलेक्ट्रिक बस इसी मॉडल के तहत चलाने का निर्णय लिया था। अशोक लेलैंड कंपनी ने यह बसें चलाने के लिए 60 रुपये प्रति किलोमीटर सबसे कम रेट कोट किया। इनमें से 20 बसें सीटीयू को मिल चुकी हैं जो अलग-अलग रूट पर चलाई जा रही हैं। अभी बाकी बस आनी हैं। यह सिटी सर्विस के लिए हायर की गई हैं। 40 अन्य इलेक्ट्रिक बस सिटी सर्विस के लिए होंगी। 20 एचवीएसी बस लांग रूट के लिए हायर की जा रही हैं। चार्जिग स्टेशन मेंटेनेंस कंपनी देखेगी

इलेक्ट्रिक और एचवीएसी दोनों बस 10-10 साल के लिए हायर की जा रही हैं। इलेक्ट्रिक बसों के लिए कंपनी को चार्जिंग स्टेशन भी सेटअप करने होंगे। जबकि दोनों बसों की मेंटेनेंस का काम भी कंपनी ही देखेगी।


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