Bribery Case: पूर्व एसएचओ जसविंदर कौर को आरोपित बनाने की अर्जी पर DIG से मांगी Status Report
Chandigarh SHO Jasvinder Kaur Bribery Case अदालत ने पूर्व एसएचओ जसविंदर कौर पर केस चलाने के लिए 13 फरवरी को अथॉरिटी से मंजूरी मांगी थी जो पांच महीने बाद भी नहीं दी गई।
चंडीगढ़, जेएनएन। रिश्वत मामले (Chandigarh SHO Bribery Case) में आरोपित पूर्व एसएचओ जसविंदर कौर की मुश्किलें अब और बढ़ सकती हैं। वर्ष 2017 के रिश्वत केस में गवाह प्रेम सिंह बिष्ट ने सीबीआइ अदालत में बुधवार को एक नई याचिका लगा दी है। इस पर अदालत ने सीबीआइ को 17 जुलाई के लिए नोटिस जारी कर दिया है। साथ ही डीआइजी/कंपीटेंट अथॉरिटी को स्टेटस रिपोर्ट पेश करने के आदेश जारी कर दिए हैं।
दरअसल, बिष्ट ने याचिका लगाई है कि वर्ष 2017 के रिश्वत मामले में जसविंदर कौर पर केस चलाने के लिए अदालत ने गत 13 फरवरी को अथॉरिटी से मंजूरी मांगी थी पर उसने पांच महीने बाद भी इस पर कोई जवाब नहीं दिया है। अब बिष्ट ने सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले का हवाला देते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक अगर कोई अथॉरिटी तीन महीने तक कोई जवाब नहीं देती तो उस पर केस चलाया जा सकता है। इस पर अदालत ने सीबीआइ को जवाब देने के लिए कहा है। साथ ही डीआइजी को पहले मांगी गई मंजूरी पर स्टेट्स रिपोर्ट दायर करने के लिए कहा है।
वहीं, अदालत ने बिष्ट की एक अन्य याचिका पर आदेश जारी किए हैं कि बिष्ट को जब भी कोर्ट में पेश किया जाए तो चंडीगढ़ पुलिस उन्हें सुरक्षा मुहैया करवाएगी। साथ ही, उसके डेराबस्सी निवास पर डेराबस्सी पीसीआर पुलिस राउंड लगाए।
यह है मामला
शिकायतकर्ता बिष्ट ने सीबीआइ को दी शिकायत में बताया था वर्ष 2017 में उसके तीन कर्मचारियों को हत्या के प्रयास के केस से बाहर करने की एवज में एसआइ मोहन सिंह ने सेक्टर-31 थाना एसएचओ जसविंदर कौर के कहने पर नौ लाख रुपये की डिमांड की थी। इसमें से आठ लाख रुपये जसविंदर को जाने थे। जब एसआइ मोहन सेक्टर-31 की मार्केट में रिश्वत की पहली किश्त दो लाख रुपये लेने के आया तो सीबीआइ ने रिश्वत लेते हए उसे गिरफ्तार कर लिया। तब सीबीआइ ने जसविंदर और मोहन के खिलाफ मामला दर्ज किया था।
फिर, वर्ष 2018 में चालान पेश किया तो जसविंदर कौर को क्लीन चीट दे दी थी। इसके बाद ही बिष्ट ने कोर्ट में जसविंदर को आरोपित बनाने के लिए याचिका लगाई थी। वहीं, इसके बाद जसविंदर को मनीमाजरा थाने में एसएचओ तैनात किया गया था। फिर, गत जून में जसविंदर कौर के खिलाफ सीबीआइ ने रिश्वत का एक और मामला दर्ज किया, जिसमें वह अभी फरार है।
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