चंडीगढ़ पुलिस में भ्रष्टाचार, प्रशासक बोले-तीन दिन में सभी दागदार एसएचओ बदलो
रिश्वत लेने के मामले सामने आने के बाद प्रशासक वीपी सिंह बदनौर खासे नाराज हैं।
कुलदीप शुक्ला, चंडीगढ़ : शहर की कानून व्यवस्था को संभालने वाले ही इन दिनों सवालों के घेरे में हैं। 11 दिन में मनीमाजरा थाने की पूर्व महिला एचएसओ जसविदर कौर और मलोया थाने में तैनात तीन कांस्टेबलों के खिलाफ रिश्वत लेने के मामले सामने आने के बाद प्रशासक वीपी सिंह बदनौर खासे नाराज हैं। उन्होंने डीजीपी को बुलाकर नाराजगी जताई है कि जब जसविंदर कौर के खिलाफ कोर्ट कई बार एक्शन लेने को कह चुका है और उसके खिलाफ पहले भी रिश्वत लेने का आरोप है तो उसे एसएचओ की पोस्टिंग क्यूं और किसके कहने पर दी गई। वहीं, प्रशासक ने डीजीपी को ऐसे सभी एसएचओ को तीन दिन में हटाने को कहा है, जिनके खिलाफ पहले से भ्रष्टाचार या अन्य कोई गंभीर शिकायत पेंडिग हो। इससे पहले भी अनलॉक-1 में दो बड़े गोलीकांड पर भी प्रशासक ने डीजीपी से जवाब तलब कर केस जल्द सॉल्व करने के आदेश दिए थे। पुलिस की छवि को पहुंचा नुकसान
इंस्पेक्टर जसविंदर कौर का मामला सामने आने के बाद चंडीगढ़ पुलिस की छवि बहुत खराब हुई है। सूत्रों के अनुसार इस घटनाक्रम के बाद प्रशासक ने डीजीपी संजय बेनिवाल को बुलाया और ऐसे दागदार इंस्पेक्टरों को एसएचओ लगाने को लेकर भी जवाब-तलब किया है। प्रशासक ने डीजीपी से ही जवाब तलब किया है कि आखिर ऐसे इंस्पेक्टर को पब्लिक डीलिग या ऐसे पद पर लगाया ही क्यूं गया, जब उसके खिलाफ कोर्ट एक अन्य रिश्वत मामले में कड़ी कार्रवाई करने को कह चुका है। अब और कसेगा शिकंजा
सूत्रों के अनुसार प्रशासक की सख्ती के बाद पुलिस विभाग ने सभी थाना प्रभारियों की रिव्यू फाइल बनानी शुरू कर दी है। साथ ही किसी भी एसएचओ के खिलाफ अगर कोई शिकायत पेंडिग है, तो उसकी जांच जल्द करने के भी निर्देश दिए गए हैं। पुलिस विभाग में जसविदर कौर की जांच पेंडिग
पुलिस विभाग ने जसविदर कौर को सस्पेंड करने के साथ खुली डिपार्टमेंटल इन्क्वायरी भी पेंडिग है। इसके साथ 29 जून की रात सीबीआइ की रेड के बाद 30 जून को जसविदर कौर ने मेडिकल लीव अप्लाई किया था। लेकिन अभी तक विभाग की ओर जसविदर कौर का मेडिकल लीव स्वीकार नहीं किया गया है। इसकी जांच एसपी हेडक्वार्टर मनोज कुमार मीणा कर रहे हैं। मंगलवार तक जांच पूरी कर विभाग की ओर से फैसला लिया जाएगा।