Move to Jagran APP

प्रशासन की लापरवाही से फैला कोरोना, अंग्रेजी हुकुमत की तरह दबा रहे आवाज

शहर का कोरोना हॉटस्पॉट बन चुके बापूधाम के रहने वाले लोगों का गुस्सा प्रशासन के खिलाफ फूट गया है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 01 Jun 2020 05:54 PM (IST)Updated: Tue, 02 Jun 2020 03:41 AM (IST)
प्रशासन की लापरवाही से फैला कोरोना, अंग्रेजी हुकुमत की तरह दबा रहे आवाज
प्रशासन की लापरवाही से फैला कोरोना, अंग्रेजी हुकुमत की तरह दबा रहे आवाज

कुलदीप शुक्ला, चंडीगढ़ : शहर का कोरोना हॉटस्पॉट बन चुके बापूधाम के रहने वाले लोगों का गुस्सा प्रशासन के खिलाफ फूट गया है। लोगों का आरोप है कि इसका जिम्मेदार सीधा-सीधा प्रशासन खुद हैं। फेज-1 से पहला पॉजिटिव वार्ड सर्वेट के आने पर प्रशासन ने इफेक्टेड जोन घोषित कर एहतियातन करीब 274 मकानों को सील करवाया। इस तरह की कई सक्रियता का नतीजा रहा कि फेज-1 के उसी एरिया से संक्रमित लोगों की संख्या सबसे कम हो गई। जबकि फेज-1 का कुछ एरिया सहित फेज-2 और फेज-3 में केस आने के बाद प्रशासन ने पहले की तरह कोई भी खास कदम नहीं उठाया और सिर्फ खानापूर्ति करने से संक्रमण फैल गया। अब फेज-1 में सबसे कम और फेज-2 और फेज-3 में सबसे ज्यादा पॉजिटिव केस सक्रिय हैं। अब आर्थिक, स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के साथ तमाम परेशानियां झेल रहे लोगों की आवाज प्रशासन अंग्रेजी हुकुमत तरह दबा रही है। परेशानियों का अंबार, सुनने को कोई नहीं -

loksabha election banner

- बापूधाम के 2300 मकानों में तकरीबन 40 हजार आबादी हैं।

- बाहर दुकाने, बूथ चलाने वाले किराया भरने के बावजूद अंदर फंसे है।

- फैक्ट्री, दुकान, बूथ, मेडिकल स्टोर, अस्पताल में काम करने वालों को नहीं मिल रही सैलरी।

- बच्चों की किताबें, फीस, बिजली-पानी के बिल जमा करने की तारीख ने मानसिक परेशान कर रखा है।

- सरकारी एंबुलेंस सिर्फ सरकारी अस्पताल की छूट, जिसका प्राइवेट अस्पताल में इलाज चल रहा है, उनके लिए नहीं विकल्प।

- प्रशासन द्वारा मिलने वाले राशन में कीड़े निकलने के आरोप लगाकर बापूधाम के लोग हंगामा भी कर चुके हैं। एरिया में डरकर सब कैद, प्रशासन का अंग्रेजी शासन

बापूधाम कॉलोनी में रहने वाले रेजिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन के प्रेसिडेंट कृष्ण कुमार ने बताया कि 24 अप्रैल को फेज-1 से पहला केस आने पर दूसरे दिन ही एरिया के 144 मकानों को सील कर 130 लोगों को क्वारंटाइन किया, जबकि दूसरे फेज में ऐसा कदम नहीं उठाया गया। पहले से निजी अस्पताल से इलाज चलने वाले मरीजों के बारे में कोई ख्याल नहीं है। अब प्रशासन ने अपने लागू अंग्रेजी शासन में सबकी आवाज दबा दी है। प्रशासन की तरफ से सूखा राशन दिया जा रहा है, लेकिन यदि दाल-सब्जी मिल गई तो उसमें डालने के लिए नमक और मसालों की भी जरूरत होती है लेकिन वह नहीं मिल रहा। उनकी तरफ से सिर्फ कागजों में खानापूर्ति चल रही है। बच्चों की पढ़ाई के लिए किताबें खरीदने की अनुमति नहीं और प्रशासन के बोलने पर भी मदद नहीं मिल रही है।

-उमा देवी, बापूधाम निवासी क्वांरटनाइन के नाम पर लोगों को लेकर जाने के बाद वहां पर चेकअप और दवाइयां कुछ नहीं मिलती हैं। जब व्यक्ति घर आता है तो हर कोई उससे दूरी बना रहा है। इसके अलावा जिसके घर का कोई क्वारंटाइन सेंटर में है तो उससे आप-पास के लोग बोलना तक छोड़ रहे हैं।

-पप्पू, बापूधाम निवासी कोरोना टेस्ट नेगेटिव होने के बाद क्वारंटाइन टाइम भी पूरा हो चुका है। इसके बावजूद बापूधाम में कैद करके रखा है। प्रशासन बाहर निकलने की छूट दे तो कुछ महीने के लिए बापूधाम छोड़कर दूसरी जगह रह लें। ऐसे में टेस्ट करवाने के क्या फायदा हुआ।

-आजाद, बापूधाम निवासी


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.