ना थर्मल स्क्रीनिंग, ना सैनिटाइजर; कानून तोड़ने पर चालान काटने वाले खुद तोड़ रहे नियम
सोमवार को जीरकपुर तहसीलदार के ऑफिस में लोगों की भीड़ जमा नजर आई। यहां मेन गेट से बेरोकटोक लोगों की आवाजाही जारी थी।
जीरकपुर [सुमेश ठाकुर]। इसे चिराग तले अंधेरा ही कहेंगे। जीरकपुर में जिस म्यूनिसिपल काउंसिल के अधिकारियों को कोरोना काल में शारीरिक दूरी और मास्क पहनने जैसे नियमों का पालन करवाने की जिम्मेदारी दी गई है, वे इनका पालन करवाने में खुद फिसड्डी सिद्ध हो रहे हैं।
जीरकपुर म्यूनिसिपल ऑफिस के अंदर ग्राउंड फ्लोर पर तहसीलदार का दफ्तर है। यहां लोग जमीन की रजिस्ट्री करवाने पहुंचते हैं। यहां सोमवार की शाम के 4 बजे के करीब 50 से 60 लोग तहसीलदार दूत के पास रजिस्ट्री करवाने के लिए पहुंचे। हैरत की बात है कि इन लोगों की थर्मल स्क्रीनिंग करने या हाथ सैनिटाइज करवाने के लिए मौके पर कोई इंतजाम नहीं था। मुख्य गेट से भी लोगों की आवाजाही बेरोकटोक हो रही थी। मौके पर लोगों को बैठने के लिए मुश्किल से 10 कुर्सियां रखी गई थी। इन पर कुछ लोग ही बैठ सके जबकि ज्यादातर गुटों में खड़े दिखे।
नहीं सुनते लोग, हम क्या करेंः तहसीलदार
फिजिकल डिस्टेंसिंग बनाए रखने के बारे में जब तहसीलदार बरिंदर दूत से बात की गई तो उन्होंने कहा कि यहां पर लोग नहीं मानते। वह आने वाले लोगों को समझा-समझा कर थक चुके हैं लेकिन वह बाज नहीं आते। क्या करें काम करें या उन्हें कंट्रोल करें।
म्यूनिसिपल काउंसिल ऑफिस के सामने है पुलिस स्टेशन
जीरकपुर म्यूनिसिपल काउंसिल के ठीक सामने पुलिस स्टेशन भी है। इसकी दूरी मुश्किल से 10 मीटर की है। यहां पर 15 से 20 पुलिस अधिकारी और कर्मचारी हर समय तैनात रहते हैं। पुलिस स्टेशन होने के बावजूद भी कोरोना के किसी भी नियमों का पालन नहीं किया जा रहा।
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