चंडीगढ़ रेलवे स्टेशन पर ट्रेनों में नहीं हो रहा दो गज की दूरी का पालन, संक्रमण का जरिया बन सकते हैं यात्री
चंडीगढ़ रेलवे स्टेशन से ट्रेनें पूरी यात्री क्षमता के साथ पटरी पर दौड़ रही हैं। स्पीलर और जनरल बोगी में 72 सीटें होती हैं। ऐसे में सभी सीटों पर यात्रियों को कंफर्म टिकट दी जा रही है। ऐसे में संक्रमण फैलने का खतरा और बढ़ जाता है।
चंडीगढ़, [विकास शर्मा]। कोरोना संक्रमण के खिलाफ लोगों को जागरूक के लिए सरकार करोड़ों रुपये खर्च कर रही है, बावजूद इसके सरकारी डिपार्टमेंट ही कोविड सुरक्षा उपायों का अनुपालन नहीं कर रहे हैं। आलम यह है कि ट्रेनें अपनी पूरी यात्री क्षमता के साथ पटरी पर दौड़ रही हैं। स्पीलर और जनरल बोगी में 72 सीटें होती हैं। ऐसे में सभी सीटों पर यात्रियों को कंफर्म टिकट दी जा रही है। ऐसे में सवाल यह है कि दो गज की दूरी, मास्क है जरूरी जैसे अभियान जमीनी स्तर पर कहां ठहरते हैं। वहीं लॉकडाउन में फंसने के डर लोग मजबूरी में इन हालातों में अपने घरों के लिए पलायन कर रहे हैं। यह हालात चंडीगढ़ रेलवे स्टेशन के हैं।
अंबाला मंडल के जनसंपर्क अधिकारी सुमीर शर्मा ने बताया कि रेलवे की तरफ से कोरोना सुरक्षा के लिए खास गाइडलाइंस जारी की गई हैं, इन गाइडलाइंस के मुताबिक सिर्फ कंफर्म टिकट वाले यात्रियों को ट्रेन में सफर करने की अनुमति दी गई है। इसके अलावा ट्रेन में सफर करने वाले हर यात्री की थर्मल स्क्रीनिंग की जा रही है। इसके अलावा यात्रियों की अतिरिक्त किसी तरह स्क्रीनिंग (आरटीपीसीआर) नहीं हो रही है। सवाल यह है कि सैकड़ों किलोमीटर का सफर कोविड सुरक्षा प्रोटोकॉल के मुताबिक क्यों नहीं रहा है।
लोगों को खुद कराना होगा नियमों का पालन
स्टेशन अधीक्षक जेपी सिंह ने बताया कि अगर लोग सही दूरी को बनाकर बैठे तो स्लीपर और जनरल बोगी क्लास में भी शरीरिक दूरी को बनाए रखा जा सकता है। रेलवे ने इसी खतरे को देखते हुए जनरल बोगी में भी कंफर्म टिकट वालों को यात्रा करने की अनुमति दी है। फिर अगर कोई यात्री इसका सही अनुपालन नहीं कर रहा है तो वह 139 हेल्पलाइन नंबर पर अपनी शिकायत दर्ज करवा सकता है।
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"चंडीगढ़ रेलवे स्टेशन पहुंचने पर मेरी किसी तरह की कोई थर्मल स्क्रीनिंग नहीं हुई। यह सरासर लापरवाही है, रेलवे अधिकारियों को इस बाबत संज्ञान लेना चाहिए।
-दिल्ली जाने वाला राज बिहारी
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"लंबी ट्रेनों में यात्रा करने वाले यात्रियों में शरीरिक दूरी रखना बहुत जरूरी है, क्योंकि यह लोग संक्रमण को एक शहर से दूसरे शहर तक पहुंचाने का जरिया बन सकते हैं। बावजूद ट्रेनों में दो गज की दूरी रखना मुश्किल है।
-दिल्ली जाने वाला रमेश नायडू
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"कोरोना संक्रमण के मामले लगातार बढ़ रहे हैं, लेकिन अभी प्लेटफार्म पर भी कई लोग ऐसे हैं जिन्होंने सही ढंग से मास्क नहीं पहना है। ऐसे में यह लोग सफर के दौरान भी संक्रमण का जरिया का बन सकते हैं।
-बेंगलुरु जाने वाला शिव शंकर
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"मुझे मजूबरी में सफर करना पड़ रहा है। बावजूद इसके मैंने अपना आरटीपीसीआर टेस्ट करवाया है, ताकि मुझे रतलाम पहुंचने पर कोई दिक्कत न हो। इसके अलावा मैंने सेनीटाइजर भी अपने साथ रखा है। ट्रेनें कम है और यात्री ज्यादा ऐसे में रेलवे को अतिरिक्त ट्रेनें शुरू करने पर भी विचार करना चाहिए।
-रतलाम जाने वाला वैभव