शिक्षा विभाग के दफ्तर में पहुंचा कोरोना संक्रमण, फिर भी 50 फीसद अध्यापकों को बुलाया जा रहा स्कूल
यूटी कैडर एजुकेशनल इंप्लाॅय यूनियन प्रेसिडेंट स्वर्ण सिंह कंबोज ने शिक्षा विभाग को पत्र लिखकर मांग की है कि स्कूल में टीचर्स को कम ही बुलाया जाए।
चंडीगढ़, जेएनएन। शिक्षा विभाग के ऑफिस में कोरोना संक्रमित के आने के बाद भी विभाग के अधिकारियों की आंखें नहीं खुली। शहर के सरकारी स्कूलों में इस समय 50 फीसद अध्यापक आ रहे हैं। पहले शिक्षा विभाग ने स्कूलों में 33 फीसद टीचर्स को बुलाने का निर्णय किया था, लेकिन 17 जून के बाद से अभी तक स्कूलों में 50 फीसद अध्यापक आ रही है। कोरोना वायरस को ध्यान में रखते हुए यूटी कैडर एजुकेशनल इंप्लाॅय यूनियन प्रेसिडेंट स्वर्ण सिंह कंबोज ने शिक्षा विभाग को पत्र लिखा है। कंबोज ने मांग की है कि स्कूल में भी टीचर्स को कम ही बुलाया जाए। शहर में दिन-प्रतिदिन कोरोना संक्रमित केस बढ़ रहें हैं और अब शिक्षा विभाग भी इससे अछूता नहीं रहा है।
टीचर्स करवा रहे हैं ऑनलाइन पढ़ाई
कंबोज ने बताया कि स्कूल में आकर टीचर्स पेंडिंग काम के साथ-साथ ऑनलाइन पढ़ाई भी करवा रहे हैं। लाॅकडाउन के दौरान टीचर्स ने घर बैठकर भी ऑनलाइन पढ़ाई करवाई है। कंबोज ने कहा कि रजिस्टर मेंटेन करने के लिए रोटेशन पॉलिसी के तहत टीचर्स को स्कूल बुलाया जाए।
प्रिंसिपल के चहेतों को नहीं बुलाया जा रहा स्कूल
नाम न प्रकाशित करने की शर्त पर एक सरकारी स्कूल की टीचर ने बताया कि 17 जून के बाद से कई टीचर्स ऐसे हैं जो लगातार स्कूल में आ रही हैं। लेकिन कई टीचर ऐसे भी हैं, जिनको प्रिंसिपल द्वारा स्कूल में नहीं बुलाया जा रहा। इस बात को लेकर भी टीचर्स के बीच काफी रोष हैं। उनका कहा कि प्रिंसिपल द्वारा अपने चहेते अध्यापकों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उनको स्कूल नहीं बुलाया जा रहा।
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