कार कंपनी को डिफेक्टेड गाड़ी बेचना पड़ा मंहगा, देने होगी नई गाड़ी या 22 लाख
फोरम ने कंपनी को आदेश दिया है कि वह शिकायतकर्ता को 50 हजार रुपये मुआवजा और 25 हजार रुपये केस खर्च के रूप में अदा करे।
चंडीगढ़, जेएनएन। अपने एक ग्राहक को डिफेक्टेड और नया मॉडल बता पुरानी गाड़ी बेचना फोर्ड इंडिया कंपनी को मंहगा पड़ा। कंज्यूमर फोरम ने मामले में फोर्ड इंडिया कंपनी द्वारा ग्राहक को अगले 45 दिनों तक या तो नई गाड़ी देने या फिर 22,10,489 रुपये वापस करने के लिए कहा है। फोरम ने कंपनी को आदेश दिया है कि वह शिकायतकर्ता को 50 हजार रुपये मुआवजा और 25 हजार रुपये केस खर्च के रूप में अदा करे।
अपनी शिकायत में सेक्टर-38 निवासी विवेक कुंडू ने बताया कि उन्होंने सिद्धांत मोटर्स हिसार से फोर्ड की ब्रैंड न्यू एंडेवर गाड़ी दिसंबर, 2016 में बुक करवाई। कंपनी को इसके लिए गाड़ी किश्त 22,10,489 रुपये बैंक से लोन लेने के बाद चुका दी गई, लेकिन एक महीने के बाद ही गाड़ी में खराबी आ गई। गाड़ी को धुलवाया गया तो बंपर से उसका पेंट उतरने लगा। उन्हें पता चला कि कंपनी ने उन्हें अप्रैल, 2016 मॉडल की गाड़ी दिसंबर, 2016 मॉडल की बता कर बेच दी है। इसके बाद विवेक ने कंज्यूमर फोरम का दरवाजा खटखटाया।
वहीं कंपनी ने अपने पक्ष में दलील देते हुए कहा कि गाड़ी में जब पहली बार समस्या आई थी तो उसे ठीक कर दिया गया था। इसके बाद शिकायतकर्ता की गाड़ी का एक्सीडेंट हुआ था, लेकिन इस बार भी उन्होंने गाड़ी को ठीक कर दिया था। इसलिए शिकायतकर्ता की मांग को खारिज कर दिया जाए। दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद और गाड़ी की रिपोर्ट आने के बाद यह सिद्ध हुआ कि गाड़ी की मैन्यूफैक्चङ्क्षरग डिफेक्ट थे। इसी आधार पर कंज्यूमर फोरम ने यह फैसला सुनाया है।