इंश्योरेंस कंपनी ने नहीं दिया मेडिकल क्लेम, अब देना होगा हर्जाना Chandigarh News
कंज्यूमर फोरम ने कंपनी द्वारा शिकायतकर्ता को क्लेम के एक लाख रुपये नौ प्रतिशत ब्याज के साथ देने का आदेश दिया है। साथ ही 15 हजार रुपये मुआवजा और दस हजार रुपये केस खर्च देने होंगे।
चंडीगढ़, जेएनएन। मेडिकल पॉलिसी खरीदने के बावजूद क्लेम नहीं देना द न्यू इंडिया इंश्योरेंस कंपनी को मंहगा पड़ गया। कंज्यूमर फोरम ने कंपनी द्वारा शिकायतकर्ता को क्लेम के एक लाख रुपये नौ प्रतिशत ब्याज के साथ देने का आदेश दिया है। इसके साथ ही शिकायतकर्ता को इस दौरान हुई परेशानी के लिए 15 हजार रुपये मुआवजा और दस हजार रुपये केस खर्च के रूप में देने के लिए कहा है।
मोहाली निवासी महेंद्र ने कंज्यूमर फोरम को दी शिकायत में बताया कि जमशेदपुर स्थित टाटा मोटर्स से अक्टूबर 2015 को रिटायर्ड हुआ थे। इस दौरान उन्होंने सेक्टर-35 स्थित द न्यू इंडिया एश्योरेंस कंपनी लिमिटेड से मेडिकल पॉलिसी दस साल के लिए खरीदी थी। इस पॉलिसी में उनकी पत्नी को भी मेडिकल कवर मिला हुआ था। 2015 से वह पॉलिसी को रिन्यू करवाते रहे, जो कि अक्टूबर 2017 तक के लिए थी। मई 2017 में उनकी पत्नी के घुटने में दर्द हुआ। इसके बाद फोर्टिस अस्पताल में जांच के बाद उनके घुटने की सर्जरी की गई। इसमें कुल 2,37,947 रुपये का खर्च आया। लेकिन कंपनी की पॉलिसी के मुताबिक सिर्फ एक लाख रुपये का ही मेडिकल क्लेम मिल सकता है। जब शिकायतकर्ता ने कंपनी से क्लेम की मांग की तो कंपनी ने देने से साफ मना कर दिया। परेशान होकर महेंद्र ने कंज्यूमर फोरम का दरवाजा खटखटाया। वहीं दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद अब कंज्यूमर फोरम ने यह फैसला सुनाया है।
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