पंजाब में 2017 की तरह कांग्रेस सीएम चेहरे संग लड़ेगी, जानें चन्नी व सिद्धू कौन बनेगा फेस
Punjab Assemble Election 2022 पंजाब विधानसभा चुनाव में कांग्रेस में मुख्यमंत्री चेहरा घोषित करने की मांंग जोर पकड़ रही है। कांग्रेस 2017 विधानसभा चुनाव की तरह इस बार भी सीएम चेहरा घोषित कर सकती है। कांग्रेस चरणजीत सिंह चन्नी पर दांव खेल सकती है।
चंडीगढ़, [कैलाश नाथ]। Punjab Assembly Election 2022: कांग्रेस पार्टी का दूल्हा (मुख्यमंत्री का चेहरा) कौन होगा, इसका दबाव पार्टी पर साफ देखने को मिल रहा है। कांग्रेस पर मुख्यमंत्री चेहरा घोषित करने की मांग बढ़ती जा रहा है। इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी और कांग्रेस के प्रदेश प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू के बीच चल रही खींचतान का चुनाव पर रहे असर को देखते हुए अब राहुल गांधी भी अपनी रणनीति को बदलने के मूड में दिखाई दे रहे हैं। ऐसे में बड़ा सवाल है कि कांग्रेस सीएम फेस के रूप में नवजोत सिंह सिद्धू और चरणजीत सिंह चन्नी में से किस पर दांव खेलेगी।
जालंधर में अपनी पहली वर्चुअल रैली के दौरान राहुल ने जिस प्रकार से मुख्यमंत्री के चेहरे की ‘तान’ को छेड़ा वह अनायास ही नहीं था। यह राहुल की रणनीति ही थी। वहीं, जिस प्रकार से नवजोत सिंह सिद्धू ने राहुल गांधी को यह कह दिया ‘देखो कहीं दर्शनी घोड़ा न बना देना।’ उससे इस बात के स्पष्ट संकेत मिलते है कि राहुल ने सिद्धू को चन्नी के नाम पर मना लिया है। यानी चन्नी ही 2022 के लिए कांग्रेस का मुख्यमंत्री चेहरा हो सकते हैं।
कांग्रेस शुरू से ही इस बात पर जोर देती रही कि चुनाव ‘संयुक्त चेहरे’ पर ही लड़ा जाएगा। लेकिन, पंजाब में जिस प्रकार से सिद्धू और चन्नी के बीच खींचतान चल रही है, उसे लेकर पार्टी भी खासी चिंतित नजर आ रही थी। सिद्धू लगातार खुद को मुख्यमंत्री का चेहरा स्थापित करने में लगे हुए थे। हालांकि सिद्धू ने कभी भी खुल कर मुख्यमंत्री बनने इच्छा भी नहीं जाहिर की।
जालंधर में राहुल गांधी ने भले ही स्टेज से यह कह दिया कि भले ही कांग्रेस की यह नीति न हो लेकिन जल्द ही वह कार्यकर्ताओंं के साथ सलाह करके मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित कर देंगे। माना जा रहा है कि पंजाब दौरे से पहले ही राहुल गांधी इसे लेकर पूरा होमवर्क कर चुके थे। क्योंकि, कांग्रेस चुनाव के दौरान एससी को हटाकर किसी जट को चेहरा बनाने की हिम्मत नहीं जुटा पाती। विपक्ष पहले ही यह आरोप लगा है कि कांग्रेस ने चन्नी को नाइट वाचमैन की तरह यूज किया। ऐसे में अगर कांग्रेस सिद्धू को चेहरा बनाती है तो दलित वोट बैंक खिसक जाएगा।
यही कारण है कि राहुल गांधी ने यह संकेत दिया कि दोनों ही नेताओं ने भरोसा जताया है कि वे एक दूसरे के साथ चलेंगे। दूसरी ओर, सिद्धू के इस बयान को भी बेहद गंभीरता से देखा जा रहा है, जिसमें उन्होंने कहा ‘देखो कहीं दर्शनी घोड़ा न बना देना, फैसला लेने वाला रखना।’ इससे साथ संकेत मिलते है कि राहुल गांधी ने मुख्यमंत्री को लेकर नवजोत सिंह सिद्धू से सलाह कर ली है कि अगर वह चन्नी को मुख्यमंत्री बनाए तो उन्हें कोई परेशानी नहीं होगी। अभी तक पार्टी को यह भी डर रहता रहा है कि अगर सिद्धू को मुख्यमंत्री का चेहरा न बनाया जाए तो वह कहीं बीच चुनाव में ही घर न बैठ जाए। जिस प्रकार से एजी और डीजीपी के मामले में उन्होंने प्रदेश प्रधान के पद से इस्तीफा देकर किया था।
राहुल गांधी ने भी इस बात के स्पष्ट संकेत दे दिए कि आम आदमी पार्टी की तरह वह भी जल्द ही वर्करों से चर्चा करके मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित कर देंगे। बता दें कि 2017 में भी राहुल गांधी ने मजीठा में रैली के दौरान कैप्टन अमरिंदर सिंह का हाथ पकड़ कर उन्हें मुख्यमंत्री का उम्मीदवार बनाया था।