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कांग्रेस कुंद करना चाहती है कैप्‍टन अमरिंदर की सियासी धार, राहुल गांधी ने सीएम चन्नी संंग बनाई रणनी‍ति

कैप्‍टन अमरिंदर सिंह के सियासी कदमों से चिंतित पंजाब में कांग्रेस उनकी धार को कुंंद करना चाहती है। इसके लिए कांग्रेस के पूर्व राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष राहुल गांधी ने पंजाब के मुख्‍यमंत्री चरणजीत सिंह चन्‍नी के साथ कई चरणों में बैठक की और रणनीति तैयार की।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Thu, 28 Oct 2021 11:30 PM (IST)Updated: Fri, 29 Oct 2021 08:42 AM (IST)
कांग्रेस  कुंद करना चाहती है कैप्‍टन अमरिंदर की सियासी धार, राहुल गांधी ने सीएम चन्नी संंग बनाई रणनी‍ति
पंजाब के मुख्‍यमंत्री चरणजीत सिंह चन्‍नी और कांग्रेस के पूर्व राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष राहुल गांधी। (फाइल फोटो)

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। पंजाब के पूर्व मुख्‍यमंत्री कैप्‍टन अमरिंदर सिंह की नई पार्टी बनाने की घोषणा व केंद्रीय कृषि कानूनोंं व किसान आंदोलन के मुद्दे पर सक्रिय होने से कांग्रेस परेशान है। कांग्रेस पार्टी में बगावत रोकने और कैप्‍टन अमरिंदर की पंजाब में सियासी धार को कुंंद करना चाहती है। इसके लिए पार्टी के पूर्व राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष राहुल गांधी खुद सक्रिय हो गए हैं। राहुल ने कैप्‍टन के अगले संभाव‍ित कदमों से निपटने के लिए मुख्‍यमंंत्री चरणजीत सिंह चन्‍नी के साथ वीरवार को बैठक कर रणनीति बनाई।              

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मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के साथ राहुल गांधी ने अपने आवास पर करीब ढाई घंटे तक अलग-अलग चरणों बैठक की। इसमें चन्नी सरकार की ओर से लिए गए फैसले और 2022 को लेकर राजनीतिक रणनीति पर चर्चा की गई। पार्टी सूत्रों के अनुसार राहुल गांधी ने चन्नी के साथ पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की ओर से पार्टी बनाने व भाजपा के साथ गठबंधन करने के बाद उत्पन्न होने वाली स्थिति को लेकर भी बात की।

पार्टी सूत्रों ने यह भी बताया कि चन्नी ने राहुल गांधी के साथ पंजाब में सरकारी कामकाज से लेकर अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव की संभावित राजनीतिक स्थिति पर भी बात की। कैप्टन के अपनी पार्टी बनाने की स्थिति में राहुल गांधी पंजाब के मुख्यमंत्री से इस बात को लेकर जानकारी हासिल करना चाहते थे कि अगर कैप्टन अपनी पार्टी बनाते हैं तो उसका राज्य और कांग्रेस पर क्या असर हो सकता है। अगर भाजपा कैप्टन के जरिये किसान आंदोलन का समाधान ढूंढती है तो उसका राज्य की राजनीतिक पर कितना असर हो सकता है।

सूत्रों के अनुसार कांग्रेस नेतृत्व यह भी जानता है कि कैप्टन के पार्टी से जाने के बाद पार्टी के हिंदू वोट बैंक का विश्वास डगमगाया हुआ है। यही कारण है कि पंजाब में चन्नी सरकार बनने के बाद पहली बार राहुल गांधी ने इतने लंबे समय तक चन्नी के साथ बातचीत में पंजाब सरकार की रणनीति पर गंभीरता से विचार किया। राहुल के साथ बैठक से पहले मुख्यमंत्री चन्नी और कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी हरीश चौधरी ने पार्टी के महासचिव केसी वेणुगोपाल के साथ भी बैठक की।

काबिलेगौर है कि कांग्रेस लंबे समय से कैप्टन की धार को कुंद करने में लगी हुई है। यही कारण है कि कांग्रेस को जिन चार पूर्व मंत्रियों बलबीर सिंह सिद्धू, साधू सिंह धर्मसोत, राणा गुरमीत सिंह और सुंदर शाम अरोड़ा के कैप्टन के साथ जाने का संदेह था,  उनके साथ मंगलवार को ही राहुल गांधी ने मुलाकात कर ली। हालांकि कांग्रेस की इस रणनीति के बाद कैप्टन ने नई पार्टी की घोषणा तो नहीं की लेकिन किसान आंदोलन के मुद्दे पर केंद्रीय गृह मंत्री के साथ मुलाकात करने के लिए दिल्ली पहुंच गए।

एजी के मामले में कोई बातचीत नहीं

पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे चुके नवजोत सिंह सिद्धू लगातार एडवोकेट जनरल (एजी) को लेकर मुद्दा उठाते रहे हैं। इसलिए चर्चा थी कि राहुल गांधी एजी के मामले में भी चन्नी के साथ चर्चा कर सकते हैं परंतु ऐसा नहीं हुआ। पार्टी के सूत्र बताते हैं कि हाईकमान मुख्यमंत्री के अधिकार क्षेत्र में हस्तक्षेप नहीं करना चाहता।


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