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पंजाब सीएम चन्‍नी के रिश्‍तेदार के खिलाफ ईडी की कार्रवाई के खिलाफ चुनाव आयोग पहुंची कांग्रेस

Punjab Chunav 2022 पंजाब में विधाानसभा चुनाव के बीच प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के छापों ने सियासी गर्मी बढ़ा दी है। कांग्रेसे ने ईडी द्वारा सीएम चरणजीत सिंह चन्‍नी के भांजे के खिलाफ कारवाई को लेकर चुनाव आयोग से शिकायत की है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Thu, 20 Jan 2022 11:37 PM (IST)Updated: Thu, 20 Jan 2022 11:37 PM (IST)
पंजाब सीएम चन्‍नी के रिश्‍तेदार के खिलाफ ईडी की कार्रवाई के खिलाफ चुनाव आयोग पहुंची कांग्रेस
ईडी की सीएम चरणजीत सिंह चन्‍नी के भांजे पर कार्रवाई से कांग्रेस मेंं रोष है। (फाइल फोटो)

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। Punjab Chunav 2022: पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह ने भांजे भूपिंदर सिंह हनी के घर व अन्य ठिकानों पर प्रवर्तन (ईडी) की छापेमारी को चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन बताते हुए चुनाव आयोग से इसकी शिकायत की है। पार्टी ने वित्त मंत्रालय, ईडी और अन्य केंद्रीय एजेंसियों की कार्रवाई को राजनीतिक बदलाखोरी बताया है। पार्टी के महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने चुनाव आयोग को ज्ञापन सौंपा है। उन्‍होंने  कहा कि चुनाव से एक महीना पहले केंद्र सरकार की एजेंसियों की ओर से की जा रहे छापेमारी किए जाने पर  नोटिस लिया जाए। आयोग जरूरी निर्देश जारी करे, क्योंकि केंद्र सरकार कांग्रेस व खासतौर पर पंजाब के मुख्यमंत्री को बदनाम करने के इरादे से इस तरह की कार्रवाई करवा रही है।

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मुख्यमंत्री के भांजे के घर व अन्य ठिकानों पर हुई छापेमारी को बताया आचार संहिता का उल्लंघन

उन्होंने आयोग को बताया कि सात मार्च, 2018 को राहों (नवांशहर) पुलिस स्टेशन में अवैध खनन के अधीन एक मामला दर्ज किया गया था। इस एफआइआर में मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के परिवार के किसी भी सदस्य या अन्य रिश्तेदार का नाम आरोपित के रूप में शामिल नहीं था। 10 जनवरी, 2019 को जब 34 आरोपितों के खिलाफ नवांशहर की जिला अदालत में चार्जशीट फाइल की गई, तब भी मुख्यमंत्री के किसी करीबी का नाम इसमें नहीं था। मुख्य आरोपित कुदरतदीप ¨सह के बयानों के आधार पर ही मुख्यमंत्री के भांजे भूपिंदर सिंह हनी के खिलाफ कार्रवाई की गई है।

कहा, एफआइआर और चार्जशीट में कहीं नहीं है चन्नी के भांजे का नाम

सुरजेवाल ने कहा कि पांच राज्यों में चुनाव हो रहे हैं, इसलिए चन्नी की छवि खराब करने का प्रयास किया जा रहा है। पीएम नरेंद्र मोदी के पांच जनवरी के फिरोजपुर दौरे में हुई घटना का बदला लेने के लिए यह प्रपंच रचा गया है। इस छापेमारी की राजनीतिक पृष्ठ भूमि का अंदाजा इस बात से ही लगाया जा रहा है कि फिरोजपुर की घटना के बाद असम के मुख्यमंत्री ने चन्नी को जेल भेजने की मांग की थी।

यह है मामला

ईडी ने मंगलवार और बुधवार को अवैध रेत खनन मामले में छापेमारी कर लुधियाना में मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के भांजे भूपिंदर सिंह हनी के आवासीय परिसर से 7.9 करोड़ रुपये, रोलैक्स की घड़ी और 21 लाख का सोना बरामद किया था। उसके करीबी से लुधियाना निवासी संदीप कुमार से भी दो करोड़ मिले थे। इस मामले में कुछ 10.7 करोड़ रुपये की नकदी बरामद की गई थी।

चन्नी ने बादल व कैप्टन को भी पीछे छोड़ा: राघव चड्ढा

आम आदमी पार्टी के पंजाब मामलों के सह प्रभारी राघव चड्ढा ने गुरुवार को कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के यहां हुई रेड में केवल दस मफलर मिले थे, जबकि चन्नी के रिश्तेदार के घर से दस करोड़ रुपये और 56 करोड़ की प्रापर्टी के दस्तावेज मिले हैं। चार महीने में चन्नी के भांजे के पास इतनी दौलत कहां से आई। चन्नी ने तो पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल और कैप्टन अमरिंदर सिंह को भी पीछे छोड़ दिया।

चोर को हमेशा चोर की नजर से देखना चाहिए: अश्वनी शर्मा

भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अश्वनी शर्मा ने कहा कि असली मुद्दा यह नहीं है कि ईडी की छापेमारी की टाइ¨मग क्या है, या भूपिंदर सिंह हनी का नाम एफआइआर में है या नहीं। मुद्दा यह है कि चन्नी खुद को आम आदमी कहते हैं, उनके रिश्तेदार के पास से 10 करोड़ रुपये, 12 लाख की घड़ी और 21 लाख रुपये का सोना कहां से आया। चोर को हमेशा चोर की नजर से देखना चाहिए। इसमें दलित का क्या लेना-देना। किस गरीब दलित के पास इतने पैसे होते हैं। कांग्रेस इतना डर क्यों रही है।


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