Punjab Congress: नवजोत सिद्धू बने पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष, चार कार्यकारी अध्यक्ष भी, आज दरबार साहिब पहुंचेंगे
Punjab Congress Crisis नवजोत सिंह सिद्धू को पंजाब कांग्रेस का अध्यक्ष बना दिया गया है। चार कार्यकारी अध्यक्ष भी बनाए गए हैं। कांग्रेस हाईकमान की ओर से इसका ऐलान कर दिया गया है। इससे पहले कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी खुद सिद्धू के लिए सक्रिय हो गई थीं।
चंडीगढ़, जेएनएन/एएनआइ। Punjab Congress : पंजाब कांग्रेस में खींचतान के बीच नवजोत सिंह सिद्धू को प्रदेश प्रधान बनाने की घोषणा कर दी गई है। चार कार्यकारी अध्यक्ष भी बनाए गए हैं। कार्यकारी अध्यक्ष संगत सिंह गिलजियां, सुखविंदर सिंह डैनी, पवन गोयल और कुलजीत सिंह नागरा होंगे। कांग्रेस हाईकमान की ओर से अभी थोड़ी देर पहले इसकी घोषणा की गई है। पवन गोयल प्लानिंग बोर्ड, फरीदकोट के चेयरमैन हैं। वह पुराने कांग्रेसी हैं। डैनी विधायक व दलित नेता हैं। कुलजीत सिंह नागरा अभी सिक्किम, नगालैंड और त्रिपुरा के कांग्रेस प्रभारी हैं।
आज श्री दरबार साहब और श्री दुग्र्याणा मंदिर में माथा टेक नई शुरुआत कर सकते हैं सिद्धू
नवजोत सिंह सिद्धू सोमवार को श्री दरबार साहब और श्री दुग्र्याणा मंदिर में माथा टेकने के लिए जा सकते हैं। सिद्धू के करीबी सूत्रों के अनुसार इसके बाद ऐतिहासिक स्थल जलियांवाला बाग और हुसैनीवाला भी जांगे। इसके अलावा उनके बरगाड़ी में भी जाने की तैयारियां भी की जा रही हैं।
कांग्रेस ने 2017 के चुनाव से पहले श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी का मामला जोर-शोर से उठाया था लेकिन साढ़े चार साल में जांच सिरे न चढ़ने के कारण अब एक बार फिर नवजोत सिंह सिद्धू इस मामले को उठा सकते हैं। अध्यक्ष बनने से पूर्व भी उन्होंने बरगाड़ी मुद्दे को लेकर मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह पर लगातार हमला बोला था। अभी इस कार्यक्रम के बारे में आधिकारिक जानकारी नहीं मिली है लेकिन सिद्धू की टीम यह कार्यक्रम बना रही है।
पंजाब कांग्रेस की नई टॉप टीम
- - नवजोत सिंह सिद्धू - पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष।
- - संगत सिंह गिलजियां - कार्यकारी अध्यक्ष।
- - सुखजिंदर सिंह डैनी- कार्यकारी अध्यक्ष।
- - पवन गाेयल - कार्यकारी अध्यक्ष।
- - कुलजीत सिंह नागरा- कार्यकारी अध्यक्ष।
गुरुद्वारा श्री गुरु दुख निवारण साहिब में नतमस्तक हुए नवजोत सिंह सिद्धू
पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष बनाने की घोषणा के बाद नवजोत सिंह सिद्धू पटियाला के गुरुद्वारा श्री गुरु दुख निवारण साहिब पहुंचे और वहां नतमस्तक हुए। वह काफी देर तक वहां रहे और दर्शन किए। सिद्धू को वहां मौजूद लोगों ने बधाई दी। बाहर भी काफी संख्या में लोग मौजूद थे। सिद्धू जालंधर से देर रात पटियाला लौटे। वह मंगलवार को अमृतसर जाएंगे।
पटियाला के गुरुद्वारा श्री गुुरु दुख निवारण साहिब में नतमस्तक होते नवजोत सिंह सिद्धू।
केसी वेणुगोपाल ने जारी किया पत्र, कुलजीत सिंह नागरा सिक्किम, नगालैंड व त्रिपुरा के प्रभार से मुक्त
कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव केसी वेणुगोपाल की ओर से देर रात इस संबंध में पत्र जारी किया गया। पत्र में कहा गया है पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष ने नवजोत सिंह सिद्धू को तुरंत प्रभाव से पंजाब कांग्रेस का अध्यक्ष नियुक्त किया है। राष्ट्रीय अध्यक्ष ने पंजाब कांग्रेस के चार कार्यकारी अध्यक्षों को भी नियुक्त किया है। पार्टी पंजाब कांग्रेस के निवर्तमान अध्यक्ष सुनील जाखड़ की सेवाओं की भी सराहना करती है। इसके साथ ही कुलजीत सिंह नागरा को सिक्किम, नगालैंड और त्रिपुरा के कांग्रेस प्रभारी पद से भी मुक्त किया जाता है।
हरेक वर्ग को प्रतिनिधित्व , संगत गिलजियां, सुखविंदर डैनी, पवन गोयल व कुलजीत नागरा कार्यकारी प्रधान
कांग्रेस हाईकमान ने अंततः 48 दिन की मशक्कत और मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के विरोध को दरकिनार करते हुए सिद्धू के नाम पर मोहर लगाई है। कांग्रेस ने सिद्धू के साथ चार वर्किंग प्रधान भी लगाए है। इनमें दोआबा से ओबीसी कोटे के संगत सिंह गिलजियां, माझा से दलित कोटे से सुखविंदर सिंह डैनी, मालवा से हिंदू कोटे से पवन गोयल और सिख कोटे से कुलजीत सिंह नागरा शामिल हैं।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने यह फैसला लेने से पहले नवजोत सिंह सिद्धू का विरोध करने वाले सांसदों व नेताओं को फोन कर यह संकेत दे दिए थे कि पार्टी सिद्धू को ही प्रदेश प्रधान नियुक्त करेगी। इस फैसले में कैप्टन अमरिंदर सिंह की भी नहीं चली। क्योंकि कैप्टन ने साफ कर दिया था कि वह सिद्धू के साथ तभी चलेंगे जब वह सार्वजनिक रूप से माफी मांगें। तमाम विरोध के बावजूद देर शाम पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने सिद्धू के प्रधान बनाने की अधिकारिक घोषणा की।
पार्टी ने पंजाब के तीनों क्षेत्रों को प्रतिनिधित्व देने की कोशिश की है। पंजाब के सबसे बड़े मालवा क्षेत्र से दो वर्किंग प्रधान लगाए गए है। इनमें एक हिंदू और दूसरा सिख चेहरा है। हिंदू चेहरे में फरीदकोट प्लानिंग बोर्ड के टकसाली कांग्रेसी पवन गोयल को वर्गिंग प्रधान बनाया गया है। इसी के साथ फतेहगढ़ साहिब से दूसरी बार विधायक रहे कुलजीत नागरा को भी वर्किंग प्रधान बनया गया है।
वहीं, यूथ कांग्रेस से अपनी राजनीतिक कैरियर कि शुरूआत करने वाले सुखविंदर सिंह डैनी को दलित कोटे से माझा क्षेत्र का प्रतिनिध्व सौंपा गया है। डैनी अमृतसर जिले के जंडियाला से विधायक भी है। उन्हें पिछली बार राहुल गांधी के कोटे से विधान सभा का टिकट मिला था। वहीं, ओबीसी वर्ग को भी नजरंदाज नहीं किया गया है। ओबीसी वर्ग की यह शिकायत थी कि उन्हें न तो सत्ता में न ही संगठन में प्रतिनिधित्व दिया जाता है। उड़मुड़ के विधायक संगत सिंह गिलजियां को वर्किंग प्रधान बनाया गया है।
सिद्धू समर्थकों ने जश्न मनाया और मिठाइयां बांटीं
उधर, पंजाब में नवजोत सिंह सिद्धू के समर्थकों में इस घोषणा के बाद खुशी की लहर दौड़ गई। पटियाला और अमृतसर सहित राज्य के कई स्थानों पर सिद्धू समर्थकों ने जश्न मनाया। पटियाला में सिद्धू समर्थक कांग्रेस के झंडे साथ नाच-गा कर खुशी मनाई और मिठाइयां बांटीं। राज्य के अन्य स्थानों पर भी सिद्धू के समर्थकों ने जश्न मनाया और मिठाइयां बांटीं।
पटियाला में खुशी मनाते नवजोत सिंह सिद्धू के समर्थक। (जागरण)
इससे पहले दिन में नवजोत सिद्धू कांग्रेस के विधायकों व नेताओं के साथ मुलाकात कर अपनी ताकत बढ़ाने में जुटे रहे। इसके साथ ही नवजोत सिद्धू के लिए अब कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने खुद कमान संभाल ली थी। सोनिया गांधी ने कांग्रेस के सांसद व नेताओं को फोन किया था। इसके बाद सिद्धू का विरोध कर रहे नेताओं के सुर नरम पड़ गए थे। पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष प्रताप सिंह बाजवा ने भी सिद्धू के मामले में आलाकमान के फैसले को मनाने की बात कही थी।
खैहरा समेत 10 विधायक खुल कर उतरे कैप्टन के समर्थन में
भुलत्थ के विधायक व हाल ही में पुनः कांग्रेस पार्टी ज्वाइन करने वाले सुखपाल सिंह खैहरा समेत 10 विधायक कैप्टन के समर्थन में खुल कर आ गए। इन विधायकों ने एक संयुक्त बयान जारी कर रहा है कि प्रदेश कांग्रेस का चयन करना पार्टी हाईकमान का विशेषाधिकार होता है लेकिन पिछले कुछ समय में जो दोषारोपण व घटनाक्रम चल रहा है उससे पार्टी का ग्राफ नीचे गया है। साथ ही विधायकों ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि पार्टी आलाकमान उनके सुझावों का संज्ञान लेगा और पार्टी के लिए महत्वपूर्ण निर्णय लेते समय कैप्टन अमरिंदर सिंह की स्थिति, योगदान और पृष्ठभूमि को ध्यान में रखेगा।
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कैप्टन का समर्थन करने वाले खैहरा, हरमिंदर सिंह गिल, फतेहजंग बाजवा, गुरप्रीत सिंह जीपी, कुलदीप सिंह वैद्य, बलविंदर सिंह लाडी, संतोख सिंह, भलाईपुर,जोगिंदर पाल, जगदेव सिंह कमालू और पिरमल सिंह खालसा ने कहा कि चूंकि चुनाव में केवल छह महीने बचे हैं, इसलिए पार्टी को अलग-अलग दिशाओं में खींचने से 2022 के चुनावों में उसकी संभावनाओं को नुकसान ही होगा। उन्होंने कैप्टन अमरिंदर सिंह की इस मांग का भी समर्थन किया कि नवजोत सिंह सिद्धू जिन्होंने उनके और सरकार के खिलाफ कई ट्वीट किए थे, उन्हें सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिए, ताकि पार्टी और सरकार मिलकर काम कर सकें।
विधायकों ने नवजोत सिंह सिद्धू को सावधानी बरतने की सलाह दी। इन विधायकों ने कहा कि वह एक सेलिब्रिटी है और निस्संदेह पार्टी के लिए एक संपत्ति भी लेकिन सार्वजनिक रूप से अपनी ही पार्टी और सरकार की निंदा और आलोचना करने से केवल कैडर में दरार पैदा हुई है और इसे कमजोर कर दिया है।