Move to Jagran APP

पंजाब में उपचुनाव: कांग्रेस ने चारों सीटों पर नए चेहरे उतारे, शिअद ने खेला पुराने खिलाड़ी पर दांव

पंजाब में विधानसभा सीटों के उपचुनाव के लिए सियासत गर्मा गई है। कांग्रेस चार सीटों के उचुनाव में नए चेहरों पर दांव लगा रही है तो शिअद को पुराने खिलाडि़यों पर भरोसा है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Tue, 24 Sep 2019 10:00 AM (IST)Updated: Tue, 24 Sep 2019 01:09 PM (IST)
पंजाब में उपचुनाव: कांग्रेस ने चारों सीटों पर नए चेहरे उतारे, शिअद ने खेला पुराने खिलाड़ी पर दांव
पंजाब में उपचुनाव: कांग्रेस ने चारों सीटों पर नए चेहरे उतारे, शिअद ने खेला पुराने खिलाड़ी पर दांव

चंडीगढ़, [कैलाश नाथ]। पंजाब में चार विधानसभा सीटों के उपचुनाव के लिए सियासत गर्मा गई है। कांग्रेस ने चार सीटों पर अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। पार्टी ने चारों सीटों पर नए चेहरों पर भरोसा जताया है।  मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के राजनीतिक सलाहकार कैप्टन संदीप संधू को दाखा (लुधियाना) से उम्मीदवार बनाया है।

loksabha election banner

मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर के सलाहकार कैप्टन संदीप संधू की सक्रिय राजनीति में एंट्री

आइएएस अधिकारी के पद से इस्तीफा दे चुके बलविंदर सिंह धालीवाल को फगवाड़ा, पूर्व विधायक रजनीश बब्बी की पत्नी इंदू बाला को मुकेरियां (होशियारपुर) और जलालाबाद (फाजिल्का) से रमिंदर आंवला को टिकट गया है। कांग्रेस उम्मीदवारों की घोषणा के साथ ही अकाली दल ने दाखा से मनप्रीत अयाली को पुन: चुनाव मैदान में उतारने की घोषणा कर दी। बाकी तीन सीटों पर अभी उम्मीदवारों की घोषणा नहीं की है।    

कांग्रेस ने बीएस धालीवाल को फगवाड़ा, इंदू को मुकेरियां व रमिंदर आंवला जलालाबाद से मैदान में उतारा

दाखा से टिकट मिलने के साथ ही मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार कैप्टन संदीप संधू की सक्रिय राजनीति में एंट्री हो गई है। संधू लोकसभा चुनाव में आनंदपुर साहिब से टिकट की दावेदारी कर रहे थे, लेकिन  मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंर सिंह मनीष तिवारी के हक में थे, इसलिए तिवारी को ही टिकट मिला।    

अकाली दल ने चार में से सिर्फ दाखा सीट पर उम्मीदवार की घोषणा की

2017 के विधानसभा चुनाव हों या 2019 का लोक सभा चुनाव, कैप्टन संधू कांग्र्रेस के प्रमुख रणनीतिकार रहे हैं। संधू  कैप्टन के करीबी हैैं और विपरीत परिस्थितियों में भी उनके साथ हमेशा रहे। वह कई दिनों से चुनाव लडऩे का विचार कर रहे थे क्योंकि सक्रिय राजनीति एंट्री चाहते थे। आखिर मुख्यमंत्री ने उन्हें यह अवसर प्रदान कर ही दिया।

जाखड़ ने फिर दी राणा सोढ़ी को शिकस्त

जलालाबाद सीट से मैदान में उतरे रमिंदर आंवला कांग्रेस के प्रदेश प्रधान सुनील जाखड़ के करीबी हैं। इस सीट से कैबिनेट मंत्री राणा गुरमीत सिंह सोढ़ी अपने बेटे अनुमीत सिंह सोढ़ी के लिए टिकट मांग रहे थे। कमोवेश यही स्थिति लोकसभा में भी बनी हुई थी। इसके कारण बाद में पार्टी ने शेर सिंह घुबाया को टिकट दिया था। जाखड़ ने एक बार फिर से राणा सोढ़ी को शिकस्त दी है।   

एक और अफसर की कांग्रेस में एंट्री

कांग्रेस ने एक और आइएएस अफसर को पार्टी में एंट्री दे दी है। सोमवार को ही आइएएस पद से इस्तीफा देने वाले बलविंदर सिंह धालीवाल को कांग्रेस ने फगवाड़ा (कपूरथला) से उपचुनाव में उतारा है। इससे पहले फतेहगढ़ साहिब से लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने पूर्व आइएएस अधिकारी अमर सिंह को मैदान में उतारा था।

धालीवाल मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर के करीबी अधिकारी माने जाते हैं। माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री की पसंद पर ही धालीवाल को टिकट दी गई है। उल्लेखनीय है कि भाजपा के सोम प्रकाश पिछले विधानसभा चुनाव में यहां से जीते थे। वह भी आइएएस अधिकारी रहे हैैं। होशियारपुर से उनके सांसद बनने के बाद इस सीट पर उपचुनाव हो रहा है।

मुकेरियां में परिवार को ही टिकट

मुकेरियां में कांग्र्रेस ने परिवार पर ही भरोसा जताया है। पिछले चुनाव में रजनीश बब्बी यहां से जीते थे जिनका कुछ दिन पहले निधन हो गया। उनकी पत्नी इंदू बाला को पार्टी ने चुनाव मैदान में उतारा है। कांग्रेस का मानना है कि 2012 के चुनाव में पूर्व स्पीकर केवल कृष्ण के निधन पर उनके बेटे रजनीश बब्बी को सहानुभूति का लाभ मिला था। तब कांग्रेस ने बब्बी को टिकट नहीं दिया था और वह आजाद चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे थे।

-----

दाखा में फूलका से मात्र 4,169 वाटों से हारे थे अयाली

दाखा विधानसभा सीट पर एक तरफ कांग्र्रेस के रणनीतिकारों में शामिल कैप्टन संदीप संधू चुनाव मैदान में होंगे तो दूसरी तरफ अकाली दल के वरिष्ठ नेता व पूर्व विधायक मनप्रीत अयाली होंगे। 2017 में अयाली आम आदमी पार्टी के एचएस फूलका से मात्र 4,169 वोटों से हार गए थे। फूलका को 58,923 वोट तो अयाली को 54,754 वोट मिली थी। कांग्रेस के मेजर सिंह भैणी मात्र 28,571 वोट के साथ तीसरे स्थान पर रहे थे।

लोकसभा चुनाव में दाखा में कांग्र्रेस की स्थिति में सुधार हो हुआ, लेकिन लोक इंसाफ पार्टी के सिमरजीत सिंह बैंस से पीछे रह गई। कांग्र्रेस को जहां 43,644 वोट मिले थे तो बैंस को 44,938 वोट पड़े थे। इस चुनाव में अकाली दल तमाम विपरीत परिस्थितियों के बावजूद 28,896 वोट हासिल करने में सफल रहा था।

जट सिख के हाथों में सफलता की कुंजी

दाखा में जट सिख के हाथों में सफलता की कुंजी है। 1,73,694 मतदाताओं में सबसे अधिक संख्या 65,788 जट सिखों की है। मनप्रीत अयाली और कैप्टन संदीप संधू दोनों ही जïट सिख हैं। इसके बाद सबसे अधिक मतदाताओं की संख्या रविदासीय व रामदासीय सिखों की 17,838 है, जबकि मजहबी सिखों की संख्या 15,485 है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.