निगम चुनाव में हार की समीक्षा के लिए कांग्रेस ने बुलाई बैठक
नगर निगम चुनाव में हार की समीक्षा के लिए कांग्रेस ने रविवार को बैठक बुलाई है।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : नगर निगम चुनाव में हार की समीक्षा के लिए कांग्रेस ने रविवार को बैठक बुलाई है। बैठक में पूर्व केंद्रीय मंत्री पवन कुमार बंसल भी मौजूद रहेंगे। ऐसे में कांग्रेस के सभी सीनियर नेताओं के अलावा जीते और हारे हुए सभी उम्मीदवारों को बुलाया गया है। मालूम हो कि नगर निगम चुनाव के बाद कांग्रेस ने यह पहली बैठक बुलाई है। कांग्रेस के नेताओं पर समीक्षा बैठक बुलाए जाने का दबाव बन रहा था, जिसके बाद यह बैठक बुलाई गई है। इस बैठक में पूर्व केंद्रीय मंत्री पवन कुमार बंसल संबोधित करेंगे और संगठन को फिर से मजबूत करने का मंत्र भी देंगे। मालूम हो कि इस समय कई नेताओं ने कांग्रेस में बदलाव करने की मांग की गई है। रविवार को बुलाई गई बैठक में ही यह स्पष्ट होगा कि कांग्रेस में भविष्य में कोई बदलाव होगा या इस संगठन के साथ ही आने वाले लोकसभा चुनाव की तैयारी की जाएगी। नगर निगम चुनाव में कांग्रेस ने आठ सीटें जीती थी। चुनाव के बाद ही एक पार्षद कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गई थी। ऐसे में कांग्रेस नेताओं को एकजुट रखने का पार्टी पर दबाव है। इस बैठक में आने वाली राजनीति की रणनीति भी तैयार होगी। इस समय कांग्रेस नेताओं ने यह भी मांग की जा रही है कि नगर निगम चुनाव में जिन्होंने पार्टी के खिलाफ काम किया। उन्हें पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया जाए, लेकिन कांग्रेस की ओर से अभी किसी को भी पार्टी से निष्कासित नहीं किया जा रहा। बैठक में ही तय किया जाएगा कि कौन-कौन से नेताओं को पार्टी से बाहर किया जाए। इस समय सिर्फ देवेंद्र सिंह बबला को पार्टी से बाहर किया गया है, क्योंकि उन्होंने अध्यक्ष सुभाष चावला के साथ विवाद किया था। दविदर सिंह बबला इस समय पत्नी पार्षद हरप्रीत कौर बबला के साथ भाजपा में शामिल हो गए हैं। जबकि इस समय यह भी चर्चा है कि पूर्व केंद्रीय मंत्री पवन कुमार बंसल अपने बेटे मनीष बंसल को पंजाब विधानसभा चुनाव में बटाला की सीट से उम्मीदवार बनाना चाहते हैं। बैठक में नेताओं और कार्यकर्ताओं को पंजाब विधानसभा चुनाव में जाने के लिए भी तैयार किया जाएगा। कांग्रेस की प्रदेश कार्यकारिणी में भी बदलाव करने की मांग की जाएगी। नगर निगम चुनाव में बहुत से नेता पार्टी छोड़कर भाजपा और अन्य दलों में शामिल हो गए हैं। उनकी जगह नए नेताओं को एडजस्ट किया जाना है। जिसकी भी रणनीति इस बैठक में तय की जाएगी। मालूम हो कि नगर निगम चुनाव के बाद कांग्रेस की गुटबाजी हावी हो गई है। यह भी तय किया जाएगा कि आने वाले दिनों में कौन-कौन से मुद्दे पार्टी उठाएगी।
एक पार्षद ने छोड़ी पार्टी, अब सात ही बचे
कांग्रेस ने आठ सीटें जीती थी, जिसमें से एक पार्षद पार्टी छोड़कर भाजपा में शामिल हो गई है। जिस कारण अब कांग्रेस में सात पार्षद ही रह गए हैं। चुनाव जीतने वाले पार्षदों में सिर्फ एक ही पार्षद गुरबख्श रावत है जो कि पुरानी है। कांग्रेस में अभी पार्षद दल के नेता को भी तय किया जाना है। पंजाब विधानसभा चुनाव से पहले नगर निगम चुनाव की हार की समीक्षा के लिए यह बैठक बुलाई गई है, इसलिए यह बैठक काफी अहम मानी जा रही है। जिसमें सभी प्रदेश कार्यकारिणी के नेताओं और कार्यकर्ताओं को बुलाया गया है। वहीं, भाजपा में चुनाव हार समीक्षा के लिए अभी बैठक बुलाई जानी है, जबकि भाजपा में नगर निगम चुनाव के प्रभारी विनोद तावडे हारे हुए उम्मीदवारों के साथ एक बैठक कर चुके हैं। कांग्रेस ने अभी तक ऐसे किसी भी नेता पर कार्रवाई नहीं की है, जिन्होंने बागी होकर चुनाव लड़ा है या जिन्होंने पार्टी उम्मीदवारों को हराने का प्रयास किया है।