सिद्धू दंपती के रुख से कांग्रेस पसोपेश में, आने वाले समय में कोई बड़ा कदम उठा सकते हैं नवजोत
कांग्रेस की राजनीति में हाशिये पर चल रहे नवजोत सिंह सिद्धू और उनकी पत्नी नवजोत कौर सिद्धू एक बार फिर चर्चा में आ गए हैं।
चंडीगढ़ [कैलाश नाथ]। कांग्रेस की राजनीति में हाशिये पर चल रहे नवजोत सिंह सिद्धू और उनकी पत्नी नवजोत कौर सिद्धू एक बार फिर चर्चा में आ गए हैं। नवजोत कौर सिद्धू का यह कहना कि 'वह किसी राजनीतिक पार्टी से नहीं हैं' को प्रदेश कांग्रेस कतई नजरंदाज नहीं कर पा रही है। हालांकि, पार्टी इस पर कोई प्रतिक्रिया भी व्यक्त नहीं कर रही है। क्योंकि नवजोत कौर सिद्धू ने पार्टी छोडऩे संबंधी आधिकारिक जानकारी पार्टी नेताओं को नहीं दी है। वहीं, कांग्रेस के प्रदेश प्रधान सुनील जाखड़ ने भी नवजोत कौर के बयान पर कोई प्रतिक्रिया देने से खुद को दूर ही रखा है।
कांग्रेस भले ही नवजोत कौर सिद्धू के बयान पर अभी कोई प्रतिक्रिया नहीं देना चाह रही है, लेकिन वह इसे गंभीरता से ले रही है। कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता का कहना है कि सिद्धू दंपती ने जब भाजपा छोडऩे की तैयारी की थी, तो इसी तरह की प्रतिक्रियाएं आनी शुरू हो गई थीं। पहले नवजोत कौर ने बयान देने शुरू किए और बाद में नवजोत सिद्धू भी उसी लाइन पर चलने लगे।
कांग्रेस की चिंता इस बात को लेकर भी है कि पंजाब कैबिनेट से इस्तीफा देने के बाद से ही नवजोत सिंह सिद्धू ने पार्टी के किसी नेता से कोई संपर्क नहीं रखा। सिद्धू जितना मीडिया व आम लोगों से दूर हैं, उतना ही वह पार्टी के नेताओं से भी दूर हैं। यही कारण है कि सिद्धू क्या सोच रहे हैं और आगे क्या करने वाले हैं, इसे लेकर कांग्रेस के किसी भी नेता को नहीं पता है।
हरियाणा, महाराष्ट्र की स्टार प्रचारकों की लिस्ट में नहीं थे सिद्धू
महाराष्ट्र और हरियाणा के विधानसभा चुनाव में सिद्धू को कांग्रेस ने स्टार प्रचारक की लिस्ट में शामिल नहीं किया। इससे पहले हरियाणा में सिद्धू को स्टार प्रचारक के रूप में शामिल किया जा रहा था। हरियाणा के नेताओं ने बाद में सिद्धू से दूरी बना ली। वहीं, चार विधानसभा सीटों में उपचुनाव के लिए कांग्रेस ने सिद्धू को स्टार प्रचारक बनाया था, लेकिन न तो पार्टी ने सिद्धू से संपर्क किया और न ही सिद्धू ने पार्टी नेताओं से संपर्क किया। सिद्धू पूरे चुनाव के दौरान कहीं भी नहीं दिखाई दिए। उसके बाद नवजोत कौर सिद्धू का बयान आना इस बात के संकेत दे रहा है कि आने वाले समय में नवजोत सिद्धू कोई बड़े कदम उठा सकते हैं।
लोकसभा चुनाव के बाद निशाने पर आए थे सिद्धू
गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव के दौरान सिद्धू ने इशारों-इशारों में मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह पर पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के साथ मिलीभगत के आरोप लगाए थे। इसके बाद से ही कैप्टन और सिद्धू के बीच लंबे समय से चली आ रही टसल आर-पार की लड़ाई में बदल गई थी। मुख्यमंत्री ने अपने 15 कैबिनेट मंत्रियों के विभागों में बदलाव किया। सिद्धू से स्थानीय निकाय विभाग लेकर पावर विभाग दे दिया गया था। इसके विरोध में सिद्धू ने कैबिनेट मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था।
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