Move to Jagran APP

70 साल के इतिहास में सबसे युवा प्रधान बने रंजीत सिंह

नगर परिषद के प्रधान पद के चुनाव में सर्वसम्मति से वार्ड नंबर 14 से पार्षद एवं हलका इंचार्ज दीपइंदर सिंह ढिल्लों के करीबी रणजीत सिंह को प्रधान चुन लिया गया।

By JagranEdited By: Published: Sat, 10 Apr 2021 01:53 AM (IST)Updated: Sat, 10 Apr 2021 01:53 AM (IST)
70 साल के इतिहास में सबसे युवा प्रधान बने रंजीत सिंह
70 साल के इतिहास में सबसे युवा प्रधान बने रंजीत सिंह

संवाद सहयोगी, डेराबस्सी : नगर परिषद के प्रधान पद के चुनाव में सर्वसम्मति से वार्ड नंबर 14 से पार्षद एवं हलका इंचार्ज दीपइंदर सिंह ढिल्लों के करीबी रणजीत सिंह को प्रधान चुन लिया गया। दीपइंदर ढिल्लों की अगुवाई में कुल 19 में से 15 पार्षदों ने चुनाव प्रक्रिया में हिस्सा लिया। इस दौरान डेराबस्सी एसडीएम कुलदीप बावा बतौर कन्वीनर मौजूद रहे। प्रधान पद के लिए हुई चुनावी प्रक्रिया में पार्षद हरविदर पटवारी ने रंजीत सिंह का नाम प्रपोज किया एवं इंदु सैनी ने इसका अनुमोदन किया। बाद में वहां मौजूद 15 पार्षदों ने सर्वसम्मति से समर्थन दे दिया।

loksabha election banner

डेराबस्सी के 70 साल के इतिहास में शुक्रवार को अब तक चुने गए प्रधानों में सबसे युवा प्रधान के रूप में रंजीत सिंह को प्रधान बनाया गया। डेराबस्सी में कांग्रेस ने 2008 के बाद सत्ता में वापसी की है। 2008 में अकाली दल ने परिषद पर कब्जा किया था और मनजीत कौर डाली पहली महिला प्रधान बनी थी। 13 वर्षो बाद कांग्रेस ने यहां सत्ता पर वापसी की है।

इस मौके पर हलका इंचार्ज दीप इंदर ढिल्लों ने कहा कि कांग्रेस ने हलके में विकास कार्यो की कोई कमी नहीं छोड़ी और आगे भी कोई कमी आने नहीं दी जाएगी। हलका विधायक एनके शर्मा व उनके पार्षदों पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि, उन्होंने केवल मात्र अपने विकास की ओर ही ध्यान दिया है और शहर के विकास में कभी कोई ध्यान नहीं दिया। इस कारण लोग अब अकाली दल छोड़ कर कांग्रेस का दामन थाम रहे हैं।

नवनिर्वाचित प्रधान रणजीत सिंह ने प्रधान बनने पर दीप इंदर ढिल्लों व शहरवासियों का आभार व्यक्त करते कहा कि उनका केवल मात्र एक ही एजेंडा है और वह है शहर का विकास। इसके अलावा शहर में किए गए नाजायज कब्जों को भी छुड़वाया जाएगा। उन्होंने कहा कि नगर परिषद की पहली ही बैठक में नए बस अड्डे समेत कजौली वाटर व‌र्क्स से पीने के पानी को लाने के कार्य का प्रस्ताव एजेंडे में रखा जाएगा। शहर के 14 प्रधानों समेत 70 साल का सफरनामा

डेराबस्सी नगर परिषद के इतिहास की बात करें तो यहां 1951 में सबसे पहले प्रधान बनने का श्रेय राजेंद्र नाथ वर्मा को जाता है। वे 14 नवंबर 1951 से 13 नवंबर 1954 तक प्रधान रहे। दूसरे प्रधान के रूप में मुंशीराम महेंद्रू ने एक दिसंबर 1960 तक काबिज रहे जबकि मुंशीराम नरूला एक अक्टूबर 1964 तक तीसरे प्रधान रहे। बाबूराम को भी एक महीने का प्रधान बनने का मौका मिला। सबसे लंबे समय एक दशक तक बलवंत सिंह अकाली एक नवंबर 1979 तक प्रधान रहे। उनके बाद छठे प्रधान के रूप में बाणु राम जैन दो साल के लिए 26 मार्च 1981 तक प्रधान रहे। सातवें प्रधान पन्ना लाल शर्मा का कार्यकाल 20 नवंबर 1985 तक रहा। बलवंत सिंह अकाली के बेटे अमृतपाल सिंह ने बतौर नगर प्रधान दो बार कार्यकाल पूरा किया। महिलाओं में सिर्फ मनजीत कौर डाली व बलजिदर कौर ही प्रधान बन सकीं, वो भी अकाली-भाजपा के समय। शहर में जगजीत सिंह डाली और उनकी पत्नी मनजीत कौर डाली इकलौते दंपती हैं, जिन्होंने नगर परिषद प्रधान की कुर्सी बारी-बारी से संभाली। भूपेंद्र सैनी और हरजिदर सिंह रंगी को प्रधान बनने का मौका मिला।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.