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चंडीगढ़ में लॉकडाउन के पक्ष में नहीं कांग्रेस और आप, बोले- प्रशासन PM Modi की बातों पर करे गौर

चंडीगढ़ में कोरोना से बिगड़ते हालातों को देखते हुए चंडीगढ़ प्रशासन की वीकेंड लाकडाउन और नाइट कर्फ्यू लगा दिया है। इस फैसले से शहर के व्यापारी और राजनीतिक दल भी सहमत नहीं है। चंडीगढ़ कांग्रेस एचएस लक्की का कहना है कि प्रशासन को प्रधानमंत्री की बातों पर गौर करना चाहिए।

By Ankesh ThakurEdited By: Published: Thu, 22 Apr 2021 10:31 AM (IST)Updated: Thu, 22 Apr 2021 10:31 AM (IST)
चंडीगढ़ में लॉकडाउन के पक्ष में नहीं कांग्रेस और आप, बोले- प्रशासन PM Modi की बातों पर करे गौर
लॉकडाउन के दौरान सुना पड़ा सेक्टर 17 का प्लाजा।

चंडीगढ़, जेएनएन। चंडीगढ़ में कोरोना से बिगड़ते हालातों को देखते हुए चंडीगढ़ प्रशासन की वीकेंड लाकडाउन और नाइट कर्फ्यू लगा दिया है। इस फैसले से शहर के व्यापारी और राजनीतिक दल भी सहमत नहीं है। इस समय कांग्रेस, भाजपा और आम आदमी पार्टी सभी दल प्रशासन पर सर्वदलीय बैठक बुलाने का दबाव बना रहे हैं। लेकिन प्रशासन ने इस संबंध में कोई निर्णय लिया है। चंडीगढ़ में एडवाइजरी काउंसिल के अलावा ऐसी कोई संस्था नहीं है जहां पर राजनीतिक दलों के नेता और समाजसेवी के अलावा रेजिडेंट्स अपनी बात रख सके। लेकिन सात दिन का लाकडाउन लगाने से पहले नेताओं और व्यापारियों का कहना है कि कोई भी निर्णय लेने से पहले उनकी जरूर सुनी जाए। लेकिन प्रशासन इनकी कोई भी बात सुनने के लिए फिलहाल तैयार नहीं है।

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प्रशासन के कई अधिकारियों ने भी यह राय दी है कि केंद्र सरकार के निर्देश पर ही लाकडाउन लगाया जाना चाहिए। मोहाली तो लाकडाउन के लिए तैयार है लेकिन पंचकूला को भी तैयार करना चाहिए तभी लाकडाउन का फायदा है। क्योंकि पंचकूला से प्रतिदिन एक लाख से ज्यादा लोग चंडीगढ़ में आते हैं। अभी तक इस मामले में भाजपा नेताओं की ओर से खुलकर कोई बयान नहीं दिया है। डेढ़ साल से ज्यादा समय हो गया है कि अभी तक प्रशासन ने राजनीतिक दलों की संयुक्त बैठक नहीं बुलाई है।

कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता एचएस लक्की का कहना है कि प्रशासन को जल्द ही इस मुद्दे पर सभी दलों की बैठक बुलाई जानी चाहिए। कोविड का समाधान लाकडाउन नहीं बल्कि बचाव, कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग, वैक्सीन और सही इलाज दवा, ऑक्सीजन है। लॉकडाऊन पहले लापरवाही व असावधानी और फिर घबराहट को दर्शाता है। रामनवमी के दिन लॉकडाऊन लगाकर प्रशासन ने गलत संदेश दिया है। प्रशासन को आस्था के इस पर्व के दौरान मंदिर कमेटियों के साथ मिलकर  कोविड प्रोटोकॉल का पालन करवाना चाहिए था। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी किसी भी तरह के लॉकडाउन के पक्ष में नहीं है।  

प्रशासन को पीएम मोदी की बातों पर करना चाहिए गौरः आप

शहर में लगाए जा रहे वीकेंड और बुधवार को लगाए लॉकडाउन का आम आदमी पार्टी के मुख्य प्रवक्ता नितिन गोयल का कहना है कि राष्ट्र के नाम अपने संदेश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद भी राज्य सरकारों को लाकडाउन लगाने से बचने को कहा है। यूटी प्रशासन को वीकेंड लाकडाउन लगाए जाने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बातों पर गौर करना चाहिए। केवल एक दो दिनों का वीकेंड लाकडाउन से संक्रमण की चेन तो टूटेगी नहीं, लेकिन शहर के कारोबारी और दिहाड़ीदार मजदूर जरूर टूट जाएंगे।

लाकडउन का कोई फायदा नहींः जैन

उद्योग व्यापार मंडल के संयोजक कैलाश चंद जैन का कहना है कि शहर में कोरोना के बढ़ते हुए मामलों को देखते हुए प्रशासन द्वारा  रामनवमी और वीकेंड पर लाकडाउन लगाया गया जिसका कोई फायदा नहीं हुआ।इससे ऐसा लगता है यह लाकडाउन सिर्फ दुकानदारों के लिए सिर्फ खानापूर्ति के लिए लगाया गया है। जबकि बाजारों के अलावा बाकी सारे शहर की गतिविधियां चलती रही। उन्होंने कहा कि केवल दुकानदारों और बाजारों में लाकडाउन लगाने से कोरोना काबू नहीं आएगा बल्कि दुकानदार जरूर भूखे मर जाएंगे। इसलिए अगर सही मायने में कोरोना की चेन को तोड़ना है और सख्त कदम उठाने ही हैं तो दस दिन का संपूर्ण कर्फ़्यू लगा दिया जाए, ताकि यह चेन टूट सके। ऐसे आधे अधूरे लाकडाउन का कोई फायदा नहीं सिर्फ व्यपारियों को परेशानी है।


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