पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस व बार एसोसिएशन में फिर बनी टकराव की स्थिति
पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस व बार एसोसिएशन में टकराव की स्थिति पैदा हो गई है। बार एसोसिएशन का कहना है कि बेहद आवश्यक मामले भी मेंशनिंग के आधार पर सुने जा रहे हैं जिसमें पिक एंड चूज़ की नीति अपनाई जा रही है।
जेएनएन, चंडीगढ़। पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट बार एसोसिएशन व हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस के बीच फिर टकराव की स्थिति बन गई है। शुक्रवार को हाई कोर्ट बार एसोसिएशन ने चीफ जस्टिस के ट्रांसफर होने तक उनकी कोर्ट का बहिष्कार करने का फैसला लिया है। बार एसोसिएशन की शुक्रवार की बैठक में बार ने चीफ जस्टिस की अदालत में किसी भी वकील के पेश न होने का फैसला लिया।
बार एसोसिएशन की बैठक में बताया गया कि वर्तमान में कोरोना लेकर कम से कम मामलों की सुनवाई की जा रही है। बेहद आवश्यक मामले भी मेंशनिंग के आधार पर सुने जा रहे हैं जिसमें पिक एंड चूज़ की नीति अपनाई जा रही है। पहले 46 अदालतों में सुनवाई होती थी जिसे अब घटाकर केवल 11 कर दिया गया है। पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट अब सबसे ज्यादा लंबित मामलों में देश में दूसरे स्थान पर है। इस सबके बावजूद हाई कोर्ट कम से कम मामलों में सुनवाई कर रहा है।
बार एसोसिएशन ने कई बार चीफ जस्टिस से इस बारे में दखल देने की अपील की, लेकिन वह बार एसोसिएशन का सहयोग नहीं कर रहे हैं। ऐसे में बार एसोसिएशन ने चीफ जस्टिस के पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट से किसी अन्य हाई कोर्ट में ट्रांसफर की मांग कर दी है। इसके साथ ही यह फैसला लिया है कि जब तक चीफ जस्टिस का ट्रांसफर नहीं होता तब तक बार एसोसिएशन का कोई भी सदस्य उनकी अदालत में किसी भी मामले की सुनवाई में पेश नहीं होगा।
बार एसोसिएशन के मुताबिक जो सदस्य इस फैसले को नहीं मानेगा उसके खिलाफ कार्रवाई करते हुए उसकी बार एसोसिएशन की सदस्यता को समाप्त कर दिया जाएगा। साथ ही जुर्माना भी लगाया जाएगा। यदि कोई वकील बार एसोसिएशन का मेंबर नहीं है और चीफ जस्टिस की अदालत में पेश होता है तो बार काउंसिल से यह अपील की गई है कि उस वकील पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाए।