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पंजाब कांग्रेस में टकराव से हाईकमान की टेंशन बढ़ी, सिद्धू दम दिखाने में जुटे तो कम नहीं हो रहा कैप्टन का गुस्‍सा

Punajb Congress Crisis पंजाब कांग्रेस के नए अध्‍यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू अपनी ताकत जताने में जुटे हुए हैं। इसके साथ ही सीएम कैप्‍टन अमरिंदर सिंह की नारजगी कम नहीं हो रही है। इससे पंजाब कांग्रेस में टकराव की स्थिति पैदा होने से हाईकमान का सिरदर्द बढ़ गया है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Wed, 21 Jul 2021 09:35 PM (IST)Updated: Thu, 22 Jul 2021 07:17 AM (IST)
पंजाब कांग्रेस में टकराव से हाईकमान की टेंशन बढ़ी, सिद्धू दम दिखाने में जुटे तो कम नहीं हो रहा कैप्टन का गुस्‍सा
कांग्रेस अध्‍यक्ष सोनिया गांधी ,पंजाब सीएम कैप्‍टन अमरिंदर सिंह और पंजाब कांग्रेस अध्‍यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू की फाइल फोटो।

नई दिल्ली , जागरण ब्‍यूराे। Conflict In Punjab Congress: पंजाब कांग्रेस में बड़े बदलाव के बाद भी मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और नए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के बीच जारी लड़ाई पार्टी हाईकमान का सिरदर्द बनती जा रही है। सिद्धू के माफी नहीं मांगने तक उनसे न मिलने की कैप्टन की सार्वजनिक घोषणा में पार्टी नेतृत्व को पंजाब कांग्रेस की मौजूदा लड़ाई का दूसरा चरण दिखाई दे रहा है।

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कैप्‍टन अमरिंदर सिंह की नाराजगी जल्‍द दूर करना चाहता है पार्टी हाईकमान

पंजाब कांग्रेस में अपने समर्थन का दम दिखाने के सिद्धू के प्रयासों के बावजूद पार्टी में कैप्टन की नाराजगी को अभी नजरअंदाज नहीं किया जा रहा है और हाईकमान की ओर से कैप्टन-सिद्धू की मुलाकात कराने का अंदरूनी प्रयास किया जा रहा है। सूत्रों के अनुसार पार्टी नेताओं के एक वर्ग ने आशंका जताई है कि जिस तरह सिद्धू आक्रामक तरीके से कैप्टन पर हमला बोल रहे हैं, वह कांग्रेस के लिए फायदे की जगह दोहरे नुकसान का सौदा हो सकता है।

कैप्‍टन को सवालों के घेेरे में लाने की‍ सिद्धू की रणनीति पर उठे सवाल

सबसे पहली बात यह है कि निसंदेह इस वक्त कैप्टन पंजाब की सियासत के सबसे प्रभावशाली शख्स हैं जिनकी अपनी प्रतिष्ठा भी है और उनका अपमान कांग्रेस को ही चोट पहुंचाएगा। दूसरे पंजाब के अगले चुनाव में कांग्रेस फिलहाल कैप्टन की अगुआई में ही जाने वाली है और ऐसे में अपने चुनावी चेहरे की छवि को सवालों के कठघरे में खड़े करने की सिद्धू की रणनीति को पार्टी नेताओं के इस वर्ग में उचित नहीं माना जा रहा है।

इसके मद्देनजर ही पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेताओं ने हाईकमान को इस मामले में जल्द हस्तक्षेप कर सिद्धू और कैप्टन अमरिंदर सिंह की आपसी लड़ाई खत्म करने की सलाह दी है। प्रदेश के प्रभारी और कांग्रेस महासचिव हरीश रावत के अलावा एक-दो अन्य वरिष्ठ नेताओं को इस विवाद का पटाक्षेप करने की पहल करने के लिए लगाया गया है।

हाईकमान की चिंता

इस बात को लेकर है कि चाहे कैप्टन ने नए प्रदेश अध्यक्ष पर उसकी पसंद को स्वीकार कर लिया हो मगर वे सिद्धू की टीका-टिप्पणियों के अपने अपमान को भूले नहीं है और राजनीतिक रूप से उनका कोई भी बड़ा कदम कांग्रेस की चुनावी संभावनाओं को पलीता लगा सकता है। इसीलिए बताया जा रहा है कि हाईकमान सिद्धू को समझाने और राजी करने का प्रयास कर रहा है।

सिद्धू और कैप्‍टन को एक मंच पर लाने के लिए चंडीगढ़ पहुंचेंगे हरीश रावत

कैप्टन अमरिंदर की नाराजगी को दूर करने के लिए दो कदम आगे बढ़ना उनके और पार्टी दोनों के हित में होगा। पार्टी सूत्रों का यह कहना है कि हाईकमान ने सिद्धू को अध्यक्ष बनाने के लिए तमाम विरोधों को जिस तरह दरकिनार कर दिया गया उसे देखते हुए कैप्टन से कटुता खत्म करने की नेतृत्व की सलाह की सिद्धू अनदेखी नहीं करेंगे। संकेत यह भी हैं कि कैप्टन और सिद्धू को एक मंच पर लाने के लिए हरीश रावत को चंडीगढ़ भी भेजा जा सकता है।


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