कंपनी ने उपभोक्ता को तय समय पर नहीं दिया प्लॉट, चंडीगढ़ कंज्यूमर फोरम ने लगाया 50 हजार का हर्जाना
चंडीगढ़ स्टेट कंज्यूमर कमिशन ने पटियाला निवासी कुलदीप सिंह मान की शिकायत पर एयरोपोलिस इन्फ्राट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के खिलाफ यह फैसला सुनाया है। कंपनी ने निश्चित समय पर प्लॉट का पजेशन शिकायकर्ता को नहीं दिया था जिसके लिए उन्होंने कंपनी को 44 लाख 84 हजार रुपये भी दिए थे।
चंडीगढ़ [वैभव शर्मा]। स्टेट कमीशन में वर्ष 2019 में एयरोपोलिस इन्फ्राट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के खिलाफ दर्ज शिकायत में चंडीगढ़ स्टेट कंज्यूमर कमिशन ने सुनवाई करते हुए कंपनी पर 50 हजार रुपये का हर्जाना लगाया। वहीं, फोरम ने कंपनी को शिकायतकर्ता से ली गई 44 लाख 84 हजार रुपये की राशि भी वापस 12 फीसद ब्याज दर के साथ लौटाने के आदेश दिए हैं।
चंडीगढ़ स्टेट कंज्यूमर कमिशन ने पटियाला निवासी कुलदीप सिंह मान की शिकायत पर एयरोपोलिस इन्फ्राट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के खिलाफ यह फैसला सुनाया है। कंपनी ने निश्चित समय पर प्लॉट का पजेशन शिकायकर्ता को नहीं दिया था इसके बाद कुलदीप ने कंपनी के खिलाफ चंडीगढ़ स्टेट कंज्यूमर कमिशन में शिकायत दी थी।
शिकायकर्ता कुलदीप ने स्टेट कमीशन में दी अपनी शिकायत में कहा कि उन्होंने मई 2012 में कंपनी के सेक्टर 66 मोहाली स्थित एक प्रोजेक्ट येलोस्टोन लैंड मार्क इंफोसिटी में प्लॉट खरीदा था। प्लॉट की कीमत 76 लाख 80 हजार रुपये बताई गई थी और उन्होंने कंपनी को 44 लाख 84 हजार रुपये जमा भी करवा दिए थे। उस समय तय हुए करार के अनुसार कंपनी 18 महीनों के भीतर प्लॉट का पजेशन शिकायतकर्ता को हैंडओवर करना था। लेकिन दो वर्ष बीत जाने के बाद भी कंपनी ने पजेशन नहीं दिया। कंपनी की तरफ से साइट पर किसी तरह का विकास कार्य नहीं किया गया। ये सब देखने के बाद कुलदीप ने कंपनी से रिफंड मांगा लेकिन उन्होंने राशि देने से इन्कार कर दिया।
कमीशन के समक्ष में अपना पक्ष रखते हुए कहा कंपनी ने कहा कि उपभोक्ता ने केवल इन्वेस्टमेंट के मकसद से प्लॉट खरीदा था और इस तरह से उन्हें कंज्यूमर नहीं समझा जाना चाहिए। इसके अलावा कंपनी ने कहा कि कस्टमर ने उन्हें कभी 44 लाख 84 हजार रुपये की राशि जमा ही नहीं करवाई है। शिकायतकर्ता ने कंज्यूमर कमिशन के सामने प्लॉट की खरीद के समय के सभी दस्तावेज पेश किए जिससे यह बात साबित हो गई कि उन्होंने कंपनी को 44 लाख 84 हजार रुपये की राशि दी।
दोनों पक्षों को सुनने के बाद स्टेट कंज्यूमर कमिशन ने मान के हक में फैसला सुनाया और कंपनी को 44 लाख 84 हजार रुपये 12 फीसद प्रति वर्ष ब्याज दर के साथ रिफंड करने के निर्देश दिए। इसके अलावा कमीशन ने कंपनी को 50 हजार रुपये हर्जाना भी अदा करने के निर्देश दिए।
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