..ताकि ब्लड के अभाव में न जाए किसी जरूरतमंद की जान
जरूरतमंद मरीज को समय पर रक्त उपलब्ध कराकर उसे मौत से बचाना मानवता का एक बड़ा उदाहरण है।
राजेश ढल्ल, चंडीगढ़
जरूरतमंद मरीज को समय पर रक्त उपलब्ध कराकर उसे मौत से बचाना मानवता का एक बड़ा उदाहरण है। इसी लक्ष्य को शहर के व्यापारी राजन महाजन ने अपने जीवन में उतारा है। वह लंबे समय से रक्तदान कर रहे हैं। अब तक वह 89 बार रक्तदान कर चुके हैं।
राजन महाजन ने पहली बार 1984 में रक्तदान किया। उस समय महाजन पीजीआइ में अपने किसी जानकार का हालचाल पूछने के लिए गए थे। वापस आते समय उन्होंने देखा कि एक व्यक्ति की मौत पर उसके परिजन रो रहे हैं। पता चला कि समय रहते रक्त न मिलने के कारण उसकी मौत हो गई। इससे उन्हें भी ठेस पहुंची। उसी दिन उन्होंने प्रण लिया कि वह रेगुलर ब्लड डोनेट करेंगे। महाजन ने उसके बाद रक्तदान करना शुरू कर दिया।
राजन महाजन अलग-अलग शिविरों में जाकर रक्तदान करते हैं और लोगों को रेगुलर ब्लड डोनर करने के लिए जागरूक भी करते हैं।
राजन महाजन का कहना है कि रक्तदान करने से कोई कमजोर नहीं होता। अब तो अगर वह तीन माह बाद रक्तदान नहीं करते तो उनके शरीर में दोबारा उत्सुकता बढ़ जाती है। ऐसे वह फिर से रक्तदान करते हैं। राजन महाजन व्यापार मंडल के उपाध्यक्ष और सेक्टर-24 की मार्केट एसोसिएशन के अध्यक्ष हैं।
राजन से प्रेरित होकर अन्य व्यापारी भी रक्तदान करने लगे हैं। राजन को व्यापार मंडल के अलावा कई अन्य सामाजिक संस्थाएं सम्मानित कर चुकी हैं। 57 साल के राजन महाजन कोरोना संकट के बीच लोगों को रक्तदान प्रति जागरूक करने में जुटे हुए हैं।
व्यापार मंडल के चेयरमैन चरणजींव सिंह का कहना है कि राजन महाजन के योगदान को देखकर उन्हें काफी खुशी होती है कि वह अलग तरह की सेवा करते हैं। उनका कहना है कि वह प्रशासन से सिफारिश करेंगे कि आने वाले 15 अगस्त को राजन महाजन को भी सम्मानित किया जाए।