सेक्टर-17 और मध्यमार्ग स्थित शोरूम के कलेक्टर रेट 10 फीसद हुए कम
प्रशासन ओर से सोमवार को कलेक्टर रेट रिवाइज किए गए।
जासं, चंडीगढ़ : प्रशासन ओर से सोमवार को कलेक्टर रेट रिवाइज किए गए। सेक्टर-17, सेक्टर-26 ग्रेन मार्केट, सेक्टर-34 सब सिटी सेंटर, सेक्टर-22 और सेक्टर-34/35, मोटर मार्केट मनीमाजरा में स्थित कमर्शियल प्रापर्टी के कलेक्टर रेट 10 फीसद कम कर दिए गए। लंबे समय से शहर का व्यापारी वर्ग कमर्शियल प्रॉपर्टी के कलेक्टर रेट कम किए जाने की मांग कर रहा है। सोमवार को कलेक्टर रेट कम किए जाने के फैसले का व्यापारी वर्ग ने स्वागत किया। इस मौके पर व्यापारियों का कहना था कि अब तक कॉमर्शियल प्रॉपर्टी की खरीद-फरोख्त जो बंद पड़ी थी। कलेक्टर रेट कम होने से प्रापर्टी बाजार में तेजी आएगी। इससे लोगों को नए व्यापार के भी अवसर मिलेंगे। लेकिन रेजिडेंशियल प्रापर्टी के कलेक्टर में कोई बदलाव नही हुआ है। प्रशासन की ओर से सोमवार को तय किए गए नए कलेक्टर रेट 12 अप्रैल से लागू होंगे। इंडस्ट्रियल एरिया में पांच फीसद कम हुआ कलेक्टर रेट
इंडस्ट्रियल एरिया फेज एक और दो में कलेक्टर रेट में पांच फीसद की कटौती की गई है। इंडस्ट्रियल एरिया में कलेक्टर रेट कम होने से नए उद्योग खुलने की उम्मीद है। लेकिन जब इस बारे में उद्योगपतियों से बात की गई। उन्होंने बताया कि इंडस्ट्रियल एरिया की प्रापर्टी के रेट पहले ही कलेक्टर रेट से कम है। ऐसे में इंडस्ट्रियल प्रापर्टी के कलेक्टर रेट में पांच फीसद की कटौती से उद्योगपतियों को कोई राहत मिलने वाली नहीं। क्योंकि प्रापर्टी के रेट से कलेक्टर रेट अब भी 30 से 40 फीसद अधिक है। भू-अधिग्रहण होने पर किसानों का फायदा
प्रशासन ने कृषि जमीन का कलेक्टर रेट 10 फीसद बढ़ा दिया है। ऐसे में जिन किसानों की जमीन प्रशासन की ओर से अधिग्रहण की गई है। या आने वाले समय में किसी सरकारी प्रोजेक्ट के लिए अधिग्रहित की जानी है। ऐसे किसानों को कलेक्टर रेट बढ़ने से फायदा मिलेगा। कलेक्टर रेट बढ़ने से किसानों को कृषि जमीन देने पर पहले से 20 गुना तक अधिक मुआवजा मिलेगा। हाउसिग बोर्ड फ्लैट्स, इंडस्ट्रियल मकान, सोसाइटी फ्लैट्स और मनीमाजरा के उप्पल मार्बेल सोसाइटी के फ्लैट्स के कलेक्टर रेट फ्लोर वाइज फिक्स कर दिए जांएगे। यापरियों ने उठाया था कलेक्टर रेट कम करने का मुद्दा
शहर में कामर्शियल प्रॉपर्टी के कलेक्टर रेट कम करने की मांग व्यापारी लंबे समय से कर रहे थे।छह मार्च को दैनिक जागरण कार्यालय में आयोजित जागरण राउंड टेबल कार्यक्रम में जब शहर के प्रतिष्ठित व्यापारियों ने समस्याओं पर मंथन किया था तो उस समय भी व्यापारियों ने कलेक्टर रेट का मामला उठाया था। दसके बाद प्रशासन हरकत में आया और उस समय से ही कलेक्टर रेट कम करने के मुद्दे पर अधिकारियों से विचार करना शुरू कर दिया था। मार्केट में पहले ही इंडस्ट्रियल प्रापर्टी का रेट कलेक्टर रेट से कम है। ऐसे में प्रशासन की ओर से कलेक्टर रेट में पांच फीसद की कटौती से कोई खास असर नहीं पड़ने वाला। जिससे उद्योगपतियों को राहत मिल सके।
- चंद्र वर्मा, अध्यक्ष, कनवर्टड प्लॉट ऑनर एसोसिएशन, इंडस्ट्रियल एरिया हम चंडीगढ़ प्रशासन के इस फैसले का स्वागत करते हैं। जिन्होंने व्यापारियों की लंबे अरसे कलेक्टर रेट कम किए जाने की लंबित मांग को पूरा किया। कमर्शियल प्रापर्टी के कलेक्टर रेट 10 फीसद तक कम होने से प्रापर्टी बाजार में तेजी आएगी। इसके अलावा हम प्रशासन से लीज होल्ड कॉमर्शियल प्रापर्टी को फ्री होल्ड करने की मांग करते हैं।
- चरणजीव सिंह, अध्यक्ष, चंडीगढ़ व्यापार मंडल कमर्शियल और इंडस्ट्रियल प्रॉपर्टी के कलेक्टर रेट कम होने से व्यापारियों व उद्योगपतियों का राहत मिलेगी। इनका कलेक्टर रेट 20 से 25 फीसद मार्केट रेट से अब भी ज्यादा है। ऐसे में कलेक्टर रेट कम होने से प्रापर्टी बाजार में तेजी आएगी। हम प्रशासन से ये मांग करते हैं कि लीज होल्ड इंडस्ट्रियल प्रापर्टी को फ्री होल्ड कर दिया जाए। ताकि उद्योगपतियों को राहत मिल सके।
नवीन मंगलानी, अध्यक्ष, चैंबर ऑफ चंडीगढ़ इंडस्ट्रीज