Coal Crisis: पंजाब में बढ़ा काेयला संकट, बिजली प्लांट बंद होने की कगार पर, सीएम चन्नी ने कोयला सप्लाई बढ़ाने को कहा
उचित मात्रा में कोयला न मिलने के कारण सभी ताप संयंत्र पूरी क्षमता से बिजली पैदा नहीं कर पा रहे हैं। कृषि क्षेत्र को पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करने के साथ-साथ शहरों और गांवों में घरेलू उपभोक्ताओं पर बिजली कटौती की जा रही है।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। Coal Crisis: कोयले की कमी के कारण बिजली संकट पैदा होने का खतरा बढ़ गया है। कई राज्यों में बिजली प्लांट बंद होने के कगार पर पहुंच गए हैं। पंजाब के थर्मल प्लांटों में सिर्फ दो दिन का कोयला शेष है। शनिवार को जरूरत के मुकाबले आधी बिजली का उत्पादन ही हो सका, जिसकी वजह से छह घंटे तक कटौती करनी पड़ी।
कोयला संकट बढ़ने से पंजाब में बिजली संकट गहराने लगा है। पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने पावरकाॅम को समझौते होने के बावजूद उचित मात्रा में कोयला सप्लाई न करने वाली कंपनियों का नोटिस लिया है जिस कारण पंजाब में बिजली संकट बढ़ रहा है। उन्होंने कंपनियों से तुरंत कोयले की सप्लाई बढ़ाने को कहा है। तेजी से खत्म रहे कोयले के भंडार के कारण पावरकॉम के थर्मल प्लांट बंद हो गए हैं और अगले कुछ दिनों में कोयला पूरी तरह से खत्म होने की संभावना है।
मुख्यमंत्री राज्य में कोयले की आपूर्ति की कमी के बीच बिजली की स्थिति की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि उचित मात्रा में कोयला प्राप्त न होने के कारण सभी ताप संयंत्र पूरी क्षमता से बिजली पैदा नहीं कर पा रहे हैं। कृषि क्षेत्र को पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करने के साथ-साथ शहरों और गांवों में घरेलू उपभोक्ताओं पर बिजली कटौती की जा रही है।
इससे पहले पावरकॉम के सीएमडी ए. वेणु प्रसाद ने मुख्यमंत्री को बताया कि देश भर के ताप संयंत्र कोयले की कमी और कोयले की आपूर्ति के संकट से जूझ रहे हैं। राज्य में प्राइवेट बिजली संयंत्रों के पास दो दिन से कम का कोयला, टीएसपीएल (1.3 दिन), जीवीके (0.6) दिन बचा है। ऐसा कोल इंडिया लिमिटेड द्वारा कोयले की आपूर्ति कम करने के कारण हो रहा है। पावरकॉम के अपने प्लांट जिनमें गुरु गोबिंद सिंह थर्मल प्लांट रोपड़ और गुरु हरगोबिंद थर्मल प्लांट लहरा मोहब्बत में भी कोयले का स्टॉक में सिर्फ दो दिनों का रह गया है।