डेराबस्सी के एक और पोल्ट्री फार्म की मुर्गियों में मिले बर्ड फ्लू के लक्षण
एवियन इनफ्लुएंजा के प्रसार को रोकने के लिए डेराबस्सी के अल्फा पोल्ट्री फार्म में शुक्रवार को मुर्गियों को मारने की जो प्रक्रिया शुरू की गई थी वह शनिवार को भी जारी रही । शनिवार 1
संवाद सहयोगी डेराबस्सी :
बर्ड फ्लू के प्रसार को रोकने के लिए डेराबस्सी के अल्फा पोल्ट्री फार्म में शुक्रवार को मुर्गियों को मारने की जो प्रक्रिया शुरू की गई थी वह शनिवार को भी जारी रही। शनिवार 18 हजार मुर्गियों को मारा गया। उधर, डेराबस्सी के ही एवरग्रीन पोल्ट्री फार्म में भी मुर्गियों की मौत के बाद उनके सैंपल नार्दर्न रीजनल डिजीज डायग्नोस्टिक लेबोरेट्री जालंधर में भेजे गए थे। यहां हुई जांच में बर्ड फ्लू के लक्षण पाए गए हैं। अब निर्णायक जांच के लिए इनके सैंपल को नेशनल इंस्टीट्यूट आफ हाई सिक्योरिटी एनिमल डिजीजेज भोपाल भेजा गया है।
शनिवार को मुर्गियों को मारने की प्रक्रिया के दौरान पशुपालन विभाग के 125 कर्मियों के साथ-साथ 15 मजदूरों ने दो जेसीबी मशीनों के माध्यम से पूरे क्षेत्र को सेनिटेशन किया। बाद में मारी गई मुर्गियों को जमीन में दबा दिया गया। अधिकारियों का कहना है कि ज्यादा मुर्गियों में फ्लू के लक्षण पाए जाने के बाद अब क्षेत्र में सतर्कता और बढ़ा दी गई है।
इस बीच पशुपालन विभाग के डाक्टरों ने सलाह दी है कि 70 डिग्री से अधिक गरम किए गए पोल्ट्री उत्पाद पूरी तरह से सुरक्षित हैं और खाए जा सकते हैं, लेकिन अध पके और कच्चे पोल्ट्री उत्पादों के सेवन से बचा जाना चाहिए। संक्रमण रोकने के लिए छतबीड़ जू में भी बढ़ाई सतर्कता
डिप्टी कमिश्नर मोहाली गिरीश दयालन ने बताया कि प्रशासन पूरी तरह सतर्क है। सभी मीट मार्केट और छतबीड़ चिड़ियाघर के अलावा पूरे इलाके पर निगरानी रखी जा रही है। इसके साथ ही प्रभावित पोल्ट्री फार्म में काम करने वाले कामगारों के स्वास्थ्य की भी जांच की जा रही है।