चिकन खा रहे हैं तो हाे जाएं सावधान, कमजोर हो सकता है इम्यून सिस्टम, पीयू के शाेध में हुअा खुलासा
पंजाब विश्वविद्यालय के बायोकेमिस्ट्री विभाग के शाेध से हैरतअंगेज खुलासा हुअा है। काेराेना के खतरे के साथ ही नॉनवेज के शौकिनों के लिए यह किसी खतरे से कम नहीं है।
चंडीगढ़, [वैभव शर्मा]। नॉन वेज के शाैकीनाें के लिए चिकन खाना किसी खतरे से कम नहीं है। कोरोना वायरस से लड़ने के लिए इंसान का इम्यून सिस्टम मजबूत होना चाहिए,लेकिन नॉन वेज का सेवन इम्यून सिस्टम को कमजोर बना रहा है। इसका खुलासा पंजाब यूनिवर्सिटी के एक शाेध में हुआ है। यह अध्ययन पीयू बायोकेमिस्ट्री विभाग की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. दीप्ति सरीन ने किया है।
डॉ. सरीन ने वर्ष 2012 से एंटी माइक्रोबियल रेसिस्ट (एएमआर) के ऊपर ये शोध शुरू किया था। शोध में पाया कि पोल्ट्री फार्म में मुर्गों को बीमारियों से बचाने के लिए अत्याधिक मात्रा में एंटीबायोटिक बिना किसी विशेषज्ञों की सलाह लिए दिया जा रहा है।
मुर्गे को एंटीबायोटिक देने से वह उनके पेट में रह जाता है और जब इंसान उन्हें खाता है तो वह एंटीबायोटिक उसके शरीर में प्रवेश करता है। इससे इंसान भी बीमार होता है। ऐसे कम होती है रोग प्रतिरोधक शक्ति डॉ. दीप्ति ने बताया कि मुर्गों में विभिन्न प्रकार की बीमारियां होती हैं, जिनमें से इंफेक्शन भी है। इंफेक्शन से मुर्गों को बचाने के लिए उन्हें एंटीबायोटिक दिया जाता है। यही कारण है कि चिकन खाने से मुर्गे की बीमारियां और एंटीबायोटिक दोनों वजह से इंसान की रोग प्रतिरोधक शक्ति कम हो रही है।
एंटीबायोटिक नहीं कर रहा इंसान के शरीर पर काम
डॉ. सरीन ने बताया कि किसी भी इंफेक्शन से बचने के लिए एंटीबायोटिक का लाेग सेवन करते हैं, लेकिन निश्चित अवधि तक। इस समय यह देखा जा रहा है कि इंसान पर एंटीबायोटिक ने काम करना बंद कर दिया है। कारण यह है कि 20 फीसद लोग ही एंटीबायोटिक कोर्स पूरा करते हैं जबकि 80 फीसद लोग इसे बीच में ही छोड़ देते हैं। इससे इंसान में दोबारा वही इंफेक्शन पनपने पर एंटीबायोटिक असर नहीं करता।
कोविड में और भी बीमारियां बना रही है घर
शोध में इस बात का भी खुलासा हुआ है कि कोरोना काल में लोगों को अन्य बीमारियां भी हो रही है। इसका कारण है इंसान कोई भी समस्या होने पर डायरेक्ट केमिस्ट से एंटीबायोटिक लेकर खा लेता है जो उसके शरीर को नुकसान पहुंचा रही है। वहीं डॉक्टर कभी भी किसी इंफेक्शन का टेस्ट करने के लिए नहीं बोलते जो इंसान के शरीर को नुकसान पहुंचाने के लिए सबसे बड़ी वजह है।