छाबड़ा बोले- मेरा-तेरा न हो, चावला का जवाब- जो आपके साथ, वह मेरे ही थे
सेक्टर-35 स्थित कांग्रेस भवन में चंडीगढ़ के नए कांग्रेस अध्यक्ष सुभाष चावला की ताजपोशी के कार्यक्रम में रविवार को पूर्व अध्यक्ष प्रदीप छाबड़ा कुछ नाराज नजर आए।
राजेश ढल्ल, चंडीगढ़
सेक्टर-35 स्थित कांग्रेस भवन में चंडीगढ़ के नए कांग्रेस अध्यक्ष सुभाष चावला की ताजपोशी के कार्यक्रम में रविवार को पूर्व अध्यक्ष प्रदीप छाबड़ा कुछ नाराज नजर आए। इस बीच संबोधन के दौरान छाबड़ा और चावला के बीच बातों-बातों में एक-दूसरे के प्रति तनातनी साफ नजर आई। छाबड़ा ने अपने संबोधन में नवनियुक्त अध्यक्ष सुभाष चावला को पक्षपात न करने की नसीहत भी दे डाली, जिसका चावला ने अपने भाषण में तरीके से जवाब भी दिया। मंच का संचालन कर रहे एचएस लक्की ने भी कहा कि जितनी भीड़ आज जुटी है इतनी आज तक कभी नहीं जुटी। बबला बोले- नाराज तो मुझे होना चाहिए, मैं भी था अध्यक्ष पद का दावेदार
कांग्रेस पार्षद दल के नेता देवेंद्र सिंह बबला ने कहा कि कुछ नेता नाराजगी जाहिर करते हुए पत्र लिख रहे हैं, लेकिन असल में तो नाराजगी उन्हें और लक्की को होनी चाहिए थी, क्योंकि वह दोनों अध्यक्ष पद के दावेदार थे। बबला ने मंच से कहा कि वर्तमान में कांग्रेस का सगठन विपक्ष के मुकाबले में काफी कमजोर है जिसे मजबूत करने की जरूरत है। उन्होंने अध्यक्ष को कहा कि जितने वाले लोगों को ही टिकट देना।
न मैं बेचारा और न ही हारा : छाबड़ा
कार्यक्रम में पूर्व अध्यक्ष प्रदीप छाबड़ा ने कहा कि वह छह साल तक अध्यक्ष रहे। उनके कार्यकाल में सभी कार्यकर्ता अध्यक्ष थे। उन्होंने नवनियुक्त अध्यक्ष सुभाष चावला को कहा कि पार्टी में मेरा और तेरा नहीं होना चाहिए। सभी को मान सम्मान मिलना चाहिए जो योग्य व्यक्ति हो उसे टिकट मिलनी चाहिए। उन्होंने नए अध्यक्ष से कहा कि वह गुजारिश करते हैं कि सभी को साथ लेकर चला जाए। सुभाष चावला लोगों की पहचान करने में माहिर हैं। ऐसे में जो बेहतर हो उसे ही टिकट दी जाए। उन्होंने कहा कि उनके बाजुओं में अभी भी दम है। न ही वह बेचारे और न ही हारे हैं। पार्टी आगे भी जो जिम्मेदारी देगी उसे निभाते रहेंगे। पिछले छह साल में पार्टी को मजबूत करने के लिए कार्यकर्ताओं के साथ पानी की बौछारें खाई। पूरी निष्ठा और ईमानदारी के साथ काम करते रहे।
चावला बोले-पार्टी के खिलाफ बयानबाजी बर्दाश्त नहीं
नवनियुक्त अध्यक्ष सुभाष चावला ने अपने कहा कि प्रदीप छाबड़ा ने जो नसीहत दी है कि उस पर काम करूंगा। यहां पर न तो कोई मेरा है और न ही कोई तेरा। हम सभी पवन बंसल के नेतृत्व में काम करते आएं हैं और आगे भी करते रहेंगे। छाबड़ा ने अपने भाषण में टिकटों की बात की लेकिन वह बता देना चाहते हैं कि यह निर्णय पवन बंसल और हरीश रावत को करना है। जिन दस लोगों ने शनिवार को इस्तीफा देने की बात की उनमें से पांच नेता इस समय कार्यक्रम में शामिल भी है। अगर मुझसे कोई नाराजगी है तो पवन बंसल से बात की जा सकती है। अगर वह नहीं सुनते तो हरीश रावत से बात की जा सकती है। पार्टी के खिलाफ बयानबाजी बर्दाश्त नहीं होगी।