सुखना झील और उसके कैचमेंट एरिया को वेटलैंड का दर्जा, 50 मीटर दायरा नो कंट्रक्शन जोन Chandigarh News
देश में अब तक ऐसे 115 वेटलैंड को चिह्नित किया गया है। अब सुखना लेक भी इसमें शामिल होकर संख्या 116 हो गई है।
चंडीगढ़, जेएनएन। सुखना लेक को वेटलैंड घोषित कर दिया गया है । मंगलवार को प्रशासक वीपी सिंह बदनौर की अध्यक्षता में सुखन वेटलैंड अथॉरिटी की दूसरी बैठक में यह फैसला लिया गया। इसी के साथ सुखना लेक का 50 मीटर दायरा अब नो कंस्ट्रक्शन जोन रहेगा। इस दायरे में किसी भी तरह की कॉमर्शियल एक्टिविटी और कंस्ट्रक्शन नहीं की जा सकेगी। यह दायरा सुखना लेक से शहर की तरफ का होगा। यह नियम झील के पूरे कैचमेंट एरिया में लागू होगा।
बैठक में चंडीगढ़ के अलावा पंजाब, हरियाणा, वाइल्डलाइफ इंस्टीट्यूट देहरादून और मिनिस्ट्री ऑफ इन्वायरमेंट, फॉरेस्ट एंड क्लाइमेट चेंज के अधिकारी भी मौजूद रहे। सभी अधिकारियों ने सर्वसम्मति से सुखना को वेटलैंड डिक्लेयर करने का एजेंडा पास कर दिया। यह वेटलैंड (कंजर्वेशन एंड मैनेजमेंट) रूल 2017 के तहत किया गया है। प्रशासक बदनौर ने सुखना वेटलैंड घोषित करने पर इसके इकोलॉजिकल महत्व पर भी चर्चा की। साथ ही उन्होंने पंजाब और हरियाणा सरकार से यूटी प्रशासक के साथ मिलकर सुखना लेक के संरक्षण पर काम करने को कहा। इससे पंजाब और हरियाणा को भी लाभ मिलेगा। यूटी प्रशासन पंजाब और हरियाणा सरकार को पत्र लिखकर यह नियम रेगुलेट करने का आग्रह करेगा ताकि उनके एरिया में पड़ता सुखना वेटलैंड कैचमेंट एरिया सुरक्षित रहे ।
565 एकड़ में फैला है सुखना का वेटलैंड एरिया
सुखना लेक का वेटलैंड दायरा 565 एकड़ में फैला है। सर्वे ऑफ इंडिया के अनुसार सुखना वेटलैंड का कैचमेंट एरिया 10395 एकड़ में फैला है। इसमें 2525 एकड़ हरियाणा और 684 एकड़ पंजाब का एरिया शामिल है। चीफ कंजर्वेटर ऑफ फॉरेस्ट देबेंद्र दलाई ने प्रशासक के सामने विस्तृत प्रेजेंटेशन में सुखना वेटलैंड और कैचमेंट एरिया की जानकारी दी। कैचमेंट में हरियाणा का एरिया पंजाब और चंडीगढ़ से भी ज्यादा है। ऐसे में चंडीगढ़ के साथ पंजाब और हरियाणा की भी इसके संरक्षण की अहम जिम्मेदारी बनती है।
कैचमेंट एरिया में रुक जाएंगे अवैध निर्माण
सुखना कैचमेंट एरिया का दायरा बहुत बड़ा है । 11 हजार एकड़ से बड़े इस दायरे में पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ के कई गांव भी पड़ते हैं। सबसे ज्यादा अवैध कंस्ट्रक्शन पंजाब और हरियाणा के दायरे में होती है। यहां रेजिडेंशियल के साथ कॉमर्शियल बिल्डिंग तक बन चुकी हैं । वेटलैंड घोषित होने के बाद अब यह सभी एक्टिविटी गैरकानूनी हो गई हैं । अब कैचमेंट एरिया में ऐसी कोई एक्टिविटी नहीं हो सकती ।
टेक्निकल कमेटी की सिफारिशें भी मंजूर
सुखना वेटलैंड घोषित होने के बाद वेटलैंड अथॉरिटी ने सुखना को संरक्षित करने वाली टेक्निकल कमेटी की सिफारिशों को भी मंजूरी दे दी। इको सेंसिटिव जॉन के सभी नियम वेटलैंड एरिया में भी लागू होंगे। जिसमें सुखना वेटलैंड एरिया में अनट्रीटेड वॉटर नहीं छोड़ा जा सकता है। कोई गंदा नाला इस एरिया में नहीं बह सकता। किसी भी तरह की कोई एंक्रोचमेंट पूरी लैंड पर नहीं हो सकती। सॉलिड वेस्ट को कहीं भी इस एरिया में डंप नहीं कर सकते। बाहर की कोई भी स्पीसिज सुखना में नहीं छोड़ी जा सकती। हालांकि अपने आप आने वाले प्रवासी पक्षियों पर रोक नहीं है। इसे साइलेंट जॉन भी इसे डिक्लेयर किया गया है। यहां एक निर्धारित सीमा में रहकर ही आवाज की जा सकती है । इसके लिए भी डीसी ऑफिस से मंजूरी लेनी होगी ।
पहले नोटिफिकेशन को मिनिस्ट्री से नहीं मिली थी मंजूरी
इससे पहले प्रशासन ने अपने स्तर पर 1992 में सुखना को वेटलैंड घोषित किया था। लेकिन मिनिस्ट्री ऑफ एन्वायर्नमेंट, फॉरेस्ट एंड क्लाइमेट चेंज के लिए उस समय इसका कोई महत्व नहीं था। मिनिस्ट्री ने नवंबर 2017 में सुखना वेटलैंड नोटिफाई किया था। मिनिस्ट्री ने प्रशासन को अपने स्तर पर एक अथॉरिटी बनाकर अपने लेवल पर ही सुखना लेक को वेटलैंड घोषित करने को लेकर निर्देश दिए थे। इसके बाद यूटी प्रशासन ने 3 दिसंबर 2017 को ही इस अथॉरिटी का गठन कर दिया था। इसके बाद अथॉरिटी की टेक्निकल कमेटी ने नोटिफिकेशन का ड्राफ्ट फाइनल किया।
अब ऐसे बचेगी सुखना
सुखना में आ रहे सीवरेज के पानी को रोकने के लिए सख्ती की जाएगी और साथ लगते राज्यों से गंदा पानी इस तरफ आता है उसको रोकने के लिए कदम उठाए जाएंगे। सुखना के आसपास अतिक्रमण रोकने के लिए काम किया जाएगा। सिटको टूरिज्म के साथ-साथ सुखना को साफ-सुथरा किस तरह से रखना है, इसको लेकर भी ध्यान देगी। इसके साथ ही इंजीनियरिंग विभाग सुखना को सही तरीके से मेंटेन रखेगा। लोगों की राय लेने के लिए ग्रिवांस रिड्रेसल सेल बनेगा। इसमें लोगों की शिकायतें सुनी जाएंगी। सुखना लेक में होने वाली एक्टिविटीज से लेकर बाकी सभी तरह की मंजूरी अथॉरिटी से लेनी पड़ेगी। लेक में एन्वायर्नमेंट एक्ट पूरी तरह से लागू होगा। साथ ही कैचमेंट एरिया से लेक की तरफ आने वाले पानी में जहा भी अड़चनें इस समय मौजूद हैं उन सबको हटाना पड़ेगा। इससे नेचुरल वॉटर रिसोर्स के जरिए ही लेक को भरा जाएगा।
देशभर में 116 वेटलैंड चिह्नित
वेटलैंड में भूमि के उस क्षेत्र को शामिल किया जाता है जहां पानी का तल लगभग जमीन की सतह के साथ ही होता है। ऐसे स्थान जैविक विविधता का प्रोत्साहित करने के साथ, भूमिगत जल के प्राकृतिक रीचार्ज, जल शोधन, भू-कटाव को नियंत्रित करने का प्राकृतिक स्त्रोत होते हैं। देश में अब तक ऐसे 115 वेटलैंड को चिह्नित किया गया था । अब सुखना लेक भी इसमें शामिल होकर संख्या 116 हो गई है। इनमें से 26 को अंतरराष्ट्रीय महत्व का माना गया है।