दुनिया से जाकर दूसरों को नई जिंदगी देने वालों में चंडीगढ़ के युवा सबसे आगे Chandigarh News
2015 से 2019 के बीच अब तक 144 लोगों के ऑर्गन डोनेट किए गए हैं। उसमें आधे से ज्यादा संख्या 20 से 40 साल के बीच वालों की है।
चंडीगढ़ [वीणा तिवारी]। चंडीगढ़ के युवा दुनिया से जाने के बाद दूसरों की बेजान और अंधेरी जिंदगी में जान भर रहे हैं। पीजीआइ रीजनल आर्गन एंड टिश्यू ट्रांसप्लांट आर्गेनाइजेशन (रोटो) के आंकड़े इसे बयां कर रहे हैं। 2015 से 2019 के बीच अब तक 144 लोगों के ऑर्गन डोनेट किए गए हैं। उसमें आधे से ज्यादा संख्या 20 से 40 साल के बीच वालों की है। ऑर्गन डोनेट करने वाले इन युवाओं के परिजनों पर पीजीआइ को ही नहीं, चंडीगढ़ को भी गर्व है। जो अपनी दु:ख की घड़ी में अपने को खोने का गम दरकिनार कर किसी दूसरे की जिंदगी बचाने का निर्णय ले रहे हैं। इसके साथ ही पीजीआइ रोटो की ओर से चलाए जा रहे जागरूकता कार्यक्रम का भी व्यापक असर नजर आ रहा है।
सड़क हादसे लील रहे जानें
चंडीगढ़ में रोड एक्सीडेंट के कारण सबसे ज्यादा युवा ही ट्रामा के शिकार हो रहे हैं। ऐसे में रोड एक्सीडेंट के बाद ट्रामा की स्थिति में उन्हें पीजीआइ ही रेफर किया जाता है। इलाज के दौरान उनकी मौत होने पर रोटो के काउंसलर उनसे संपर्क करते हैं। काउंसलिंग के दौरान पॉजिटिव रिजल्ट आने पर उनके ऑर्गन डोनेट किए जाते हैं। रोटो के अधिकारियों के अनुसार चंद साल पहले तक ऐसे मामलों में मृतक के परिजन बात तक करने को तैयार नहीं होते थे, लेकिन अब वे काउंसलर की बात सुनने के साथ ही उस पर सकारात्मक प्रतिक्रिया देने लगे हैं।
हजारों हैं ऑर्गन के इंतजार में
पीजीआइ में ऑर्गन फेल्योर वाली बीमारियों से जूझ रहे हजारों मरीज ऑर्गन डोनेशन के इंतजार में हैं। सबसे ज्यादा मरीजों की तादाद किडनी फेल्योर वालों की है। ऐसे हजारों मरीज किडनी ट्रांसप्लांट के इंतजार में हर साल दम तोड़ रहे हैं। विशेषज्ञों की मानें तो जागरूकता के अभाव में ऑर्गन डोनेशन की रफ्तार धीमी है। अगर हर दिन होने वाली मौतों में से 50 प्रतिशत में ऑर्गन डोनेशन होने लगे तो वेटिंग लिस्ट चंद दिनों में समाप्त हो जाए।
पीजीआइ की ऑर्गन वेटिंग लिस्ट कुछ यूं है
किडनी 1749, लिवर 43, पेनक्रियाज 15, हार्ट 1, कार्निया 2545
2015 से 2019 तक इतनों ने किया अंगदान
एज ग्रुप पुरुष स्त्री
एक से 9 साल 19 5
10 से 19 साल 19 7
20 से 29 साल 25 6
30 से 49 साल 33 17
50 से 59 साल 12 3
60 से 69 साल 7 5
80 से 79 साल 3 2
किसी अपने को खोने का गम भुलाकर ऑर्गन डोनेट करने का निर्णय लेना वाकई बहुत बड़ा काम है। ऐसे में चंडीगढ़ के साथ ही आसपास के अन्य शहरों के लोगों में इसे लेकर जागरूकता तेजी से बढ़ रही है। -डॉ. विपिन कौशल, नोडल ऑफिसर रोटो, पीजीआइ