चंडीगढ़ में नहीं हटेगी पटाखे जलाने व बेचने पर लगी रोक, पटाखा विक्रेताओं को लाइसेंस फीस लौटाई जाएगी
Crackers ban in Chandigarh city चंडीगढ़ में दिवाली पर पटाखे जलाने और उन्हें बेचने पर रोक जारी रहेगी। प्रशासक वीपी सिंह बदनोर ने डीसी को पटाखे विक्रेताओं से ली गई लाइसेंस फीस वापस करने के आदेश दिए हैं।
चंडीगढ़, जेएनएन। चंडीगढ़ में पटाखे बिक्री और जलाने पर लगी रोक नहीं हटेगी। प्रशासक वीपी सिंह बदनौर की अध्यक्षता में कोविड वॉर रूम मीटिंग में भी इस रोक को सही ठहराया गया है। चंडीगढ़ प्रशासन ने सोमवार को जारी नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के उन आदेशों को अपने लिए निर्णय पर आधारित बताया है। साथ ही स्पष्ट किया है कि उनके फैसले को एनजीटी के आदेशो बाद और मजबूती मिली है।
बता दें कि एनजीटी ने सोमवार को पटाखों से संबंधित आदेश जारी किए। इनमें कहा गया है कि संतोषजनक प्रदूषण वाले राज्यों व यूटी में ग्रीन पटाखे जलाने की अनुमति दी जा सकती है। चंडीगढ़ में प्रदूषण का स्तर संतोषजनक स्थिति में नहीं है। संतोषजनक में एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) 51-100 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर के अंदर रहना चाहिए। चंडीगढ़ का एक्यूआई सोमवार शाम छह बजे 141 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर दर्ज किया गया। ऐसे में यह संतोषजनक स्लैब से अधिक है। 101-200 स्लैब थोड़ा प्रदूषित केटेगरी में आता है। ऐसे में चंडीगढ़ ग्रीन पटाखों को भी अनुमति नहीं दे सकता।
एडवाइजर मनोज परिदा ने कहा कि पटाखों को लेकर एनजीटी ने आदेश जारी किए हैं। यह आदेश चंडीगढ़ प्रशासन द्वारा लिए गए फैसले का समर्थन करते हैं।
लाइसेंस फीस वापस करने के आदेश
पटाखों पर बैन के आदेश को कायम रखते हुए प्रशासक वीपी सिंह बदनौर ने डीसी मनदीप सिंह बराड़ को पटाखा विक्रेताओं से ली गई फीस वापस करने के आदेश दे दिए। यह फीस पटाखे बेचने के स्टॉल अलॉट करने के लिए ड्रा से पहले ली गई थी। पटाखा ड्रा के लिए 1635 ट्रेडर्स ने आवेदन किया था, जिसमें से 96 का नाम ड्रा में आया। इस दौरान उनसे 100 रुपये फार्म फीस व 500 रुपये सरकारी फीस ली गई थी।
पटाखों से हर साल 50 लोगों की चली जाती है रोशनी
हेल्थ डिपार्टमेंट पहले ही कोरोना महामारी को देखते हुए सख्त एडवाइजरी जारी कर चुका है। पीजीआइ के डायरेक्टर प्रो. जगत राम ने वॉर रूम मीटिंग में बताया कि हर दिवाली पर पटाखे जलाने से होने वाली घटनाओं से करीब 50 लोगों की आखों की रोशनी चली जाती है। वह पटाखों पर बैन को पूरी तरह से सही मानते हैं। खासकर कोरोना महामारी के बीच यह फैसला बिल्कुल सही है।